- कोरिया सहित एमसीबी जिले के शासकीय शराब दुकानों में शराब में जमकर हो रही है मिलावट
- एमसीबी जिले के मनेंद्रगढ़ शराब दुकान का कर्मचारी शराब में मिलावट करता कैमरे में हुआ कैद
- कोरिया एमसीबी जिले में ब्रांडेड शराबों की शीशियों के ढक्कन की भी आ रही खेप
- कोरिया एमसीबी जिले में शासकीय शराब दुकान का नियंत्रण जिसके हांथ वह मंत्री का खास:सूत्र
- क्या मदिरा प्रेमियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ का खेल सत्ता संरक्षण में जारी?
- कोरिया एमसीबी जिले के शराब दुकानों में प्लेसमेंट कमर्चारियों की नियुक्ति में भी धांधली
- शराब दुकानों में नए नए प्लेसमेंट कमर्चारियों की नियुक्ति के दौरान पैसे का भी खेल जारी
- स्थानीय लोगों को हटाकर कहीं बाहरी कहीं आबकारी विभाग के कमर्चारियों के रिश्तेदारों की हुई नियुक्ति

–रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,26 जून 2025 (घटती-घटना)। कोरिया सहित एमसीबी जिले के शासकीय शराब दुकानों में शराब में मिलावट की खबर प्रतिदिन सामने आ रही है वहीं हाल ही में एमसीबी जिले के एक शराब दुकान का एक कर्मचारी कैमरे में कैद हुआ है जो बियर की बोतलों सहित शराब की शीशियों में मिलावट करता नजर आ रहा है। क्या यह मिलावट का खेल सत्ता संरक्षण में जारी है यह बड़ा सवाल है क्योंकि मिलावट करता कैमरे में कैद हुआ कर्मचारी निश्चिंत नजर आता है वहीं वह सुपरवाइजर और सेल्समैन का नाम भी लेता सुना जा सकता है। मिलावट के दौरान कैमरे में कैद हुआ कर्मचारी बियर की बोतलों में साथ ही शराब की बोतलों में पानी सहित सोडा मिलाने की बात भी कबूल करता सुना जा सकता है वहीं उसके आसपास शराब की बोतलों के ढक्कन भी नजर आ रहे हैं जो नकली ढक्कन हैं। अब सवाल यह है कि शासकीय शराब दुकानों में मिलावट का बड़ा खेल सत्ता संरक्षण में जारी है जिसमें विभागीय अधिकारियों की भी मौन सहमति है क्योंकि कहीं भी मिलावट की खबर या सूचना पर विभागीय अमला जांच नहीं करता वहीं आम लोग इस मिलावट के खेल की पोल खोल रहे हैं।
वैसे बताया जा रहा है कि हाल फिलहाल में यह मिलावट का खेल ज्यादा सुनाई दे रहा है और इसके पीछे की जो वजह बताई जा रही है वह यह है कि शासकीय शराब दुकानों के लिए उनकी देखरेख सहित उनमें कर्मचारियों की आपूर्ति के लिए विभिन्न एजेंसियों को जिम्मा मिला है जिनके कर्मचारी या जिम्मेदार ही मिलावट के लिए जोर डाल रहे हैं और यह मिलावट का खेल जोर शोर से जारी है,बताया यह भी जा रहा है कि जो एजेंसी और जिम्मेदार शराब दुकानों के लिए काम कर रहे हैं वह एक विधायक के माध्यम से इसका जिम्मा पा सके हैं और जो विधायक भी मंत्री हैं। अब इन बातों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन कोरिया एमसीबी जिले में शराब को लेकर जो हाल है जो मिलावट का खेल जारी है वह यह बतलाता है कि कभी भी किसी दिन भी कोई बड़ी घटना घट सकती है जब सैकड़ों लोगों की जान का खतरा उत्पन्न हो सकता है और ऐसी आशंका इसलिए भी है क्योंकि मिलावट ब्रांडेड शराब की बोतलों में करने वाले क्या मिला दें कुछ पैसे के लिए कहा नहीं जा सकता, वैसे इस मिलावट के खेल में आबकारी विभाग की संलिप्तता इस बात से भी समझी जा सकती है कि शराब दुकानों में कई प्लेसमेंट कर्मचारी आबकारी विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं कई रिश्तेदार न होते हुए भी इसलिए यहां कार्यरत हैं क्योंकि उनकी भी सिफारिश किसी आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ने की है।
शराब दुकान से भाजपा समर्थकों की छुट्टी जाति वालों को मिला मौका
सूत्रों की माने या कई भाजपा के ही कार्यकर्ताओं की सुने तो एक बात कोरिया जिले सहित एमसीबी जिले में आम देखी जा रही है शराब दुकान मामले में,यह आम सी दिखने वाली चीज है शराब दुकान मामले में एक विशेष जाती के लोगों का बढ़ता दखल, यह एक विधायक साथ ही मंत्री की जाती वाले लोग हैं जो धीरे धीरे शराब दुकान का संचालन अपने हिसाब से दोनों जिले में कर रहे हैं,बताया जा रहा है कि एक एजेंसी को इसके लिए आगे किया गया है जिसमें यह विशेष जाती के लोग सर्वे सर्वा बन बैठे हैं वहीं अब वह धीरे धीरे उन लोगों को किनारे कर रहे हैं जो वर्षों से शराब दुकान का संचालन करते चले आ रहे हैं और जो कहीं न कहीं भाजपा से जुड़े लोग हैं क्योंकि शासकीयकरण भाजपा के शासनकाल में ही हुआ था।
छीनकर दूसरे को रोजगार देने की नई परंपरा चल रही
कोरिया सहित एमसीबी जिले में शासकीय शराब दुकान अब निजी लोगों द्वारा संचालित है जहां आबकारी विभाग का कोई नियंत्रण नहीं है जमकर मिलावट हो रही है यह कहना गलत नहीं होगा,बताया यह भी जा रहा है कि जिन्हें कर्मचारीयों के मामले में निर्णय लेने का अधिकार मिला है वह अब पुराने कर्मचारियों को हटा रहे हैं नौकरी से और नए लोगों को काम पर रख रहे हैं। ऐसा करने के पीछे की वजह जो बताई जा रही है वह भी काफी चौंकाने वाली है,बताया जा रहा है कि जिन्हें अन्य को हटाकर रखा जा रहा है वह पहले प्रशिक्षित किए जा रहे हैं मिलावट के लिए और उसके बाद उनसे एक निश्चित राशि भी रिश्वत स्वरूप ली जा रही है वहीं निकालने लगाने का मुख्य कारण यह भी बताया जा रहा है कि पुराने मिलावट के नए पैमाने को लेकर विरोध करने लगे इसलिए उन्हें हटाया गया।
क्या मिलावट रोकने वाले ही मिलावट कर रहे?
शासकीय शराब दुकान कहने मात्र को शासकीय शराब दुकान है, नियंत्रण सहित अधिकांश संचालन संबधी जिम्मा निजी हाथों में है,निजी हाथों में मिलावट रोकने का भी जिम्मा है वहीं कर्मचारियों की भी व्यवस्था उन्हें करनी है, अब जिन्हें जिम्मा मिला है वह ही मिलावट कर रहे हैं जैसा सुनने में आ रहा है आरोप लग रहा है क्या यह सही है। वैसे बताया तो यही जा रहा है कि खेल मिलावट का करने के लिए ही निजी हाथों को जिम्मा सौंपा गया है वहीं यह लोग सत्ता से जुड़े मंत्री विधायक से खास लोग हैं जो अब शराब को मिलावट के साथ बेच रहे हैं।
बड़े अधिकारी व प्लेसमेंट कर्मचारी भी शामिल
शराब मिलावट का खेल किसी एक व्यक्ति के दम पर नहीं खेला जा सकता, इसके लिए क्रमशः सभी की मिलीभगत आवश्यक है,जिसमें प्लेसमेंट कमर्चारियों सहित आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं। शराब में मिलावट की बातें प्रतिदिन सामने आती रहती हैं सोशल मिडिया में भी आरोप लगता रहता है लेकिन क्या मजाल कभी किसी अधिकारी द्वारा या उस एजेंसी द्वारा कोई कर्मचारी पकड़ा गया हो मिलावट करते हुए जिनका जिम्मा ही मिलावट रोकना है, सभी की मिलीभगत से लोग मदिरा प्रेमी मिलावटी शराब पीने मजबूर हैं जबकि दाम वह मंहगी ब्रांडेड शराब का दे रहे हैं।
छोटी मछली पर हुई है कार्रवाई
बताया जा रहा है कि एमसीबी जिले के जिस शराब दुकान के मिलावट मामले की वीडियो वायरल हुई है वहां कार्यवाही केवल चौकीदार के ऊपर की गई जबकि चौकीदार ने वीडियो में सुपरवाइजर सहित सेल्समैन पर भी मिलावट का आरोप लगाया,कुल मिलाकर छोटी मछली कार्यवाही की जद में आई बड़ी मछलियां बच गईं और उनका बचाव बड़े लोगों ने किया जिसमें एजेंसी सहित आबकारी विभाग के अधिकारी शामिल हैं।
हर कमरे में सीसीटीवी साथ ही उसका प्रसारण बाहर होने पर लगेगी मिलावट पर रोक
वैसे जबतक शराब दुकानों के हर कमरे में सीसीटीवी नहीं लग जाता है और उसका प्रसारण बाहर नहीं किया जाएगा तब तक मिलावट नहीं रोका जा सकेगा,वैसे प्रसारण के लिए नियंत्रण के लिए कोई केंद्रीयकृत कक्ष भी बनाया जा सकता है जिससे मिलावट रोका जा सकता है।