कोरिया@भ्रष्टाचार की खुली पोल,पहली ही बारिश में जिला पंचायत कोरिया चारों तरफ से हुआ जलमग्न

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-रवि सिंह-
कोरिया,23 जून 2025 (घटती-घटना)। दैनिक घटती-घटना की खबर पर फिर मुहर लगती नजर आ रही है,कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के चेरवापारा ग्राम पंचायत को जिला पंचायत कोरिया के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का चारागाह बनाया हुआ है और ऐसी खबर इस संबंध में पहले कई बार प्रकाशित की गई थी कि प्रकाशित की भी रही है और वह खबर अब सही साबित हो रही है,चेरवापारा ग्राम पंचायत को मोहरा बनाकर जिला पंचायत कोरिया के अधिकारियों ने जिस भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था पहली ही बरसात में उसकी पोल खुलने लगी है।
बता दें कि जिला पंचायत कोरिया की एक तस्वीर एक वीडियो दैनिक घटती-घटना के हांथ लगी है जो चीखकर कह रही है कि चेरवापारा ग्राम पंचायत को मोहरा बनाकर जिला पंचायत कोरिया के अधिकारियों ने जो भ्रष्टाचार किया था, वह पहली ही बारिश में सामने आ गया और गुरुवार की दोपहर हुई बारिश में शेड का औचित्य खत्म हो गया और चेकर टाइल्स भी उखड़ गया। जिला पंचायत कोरिया के अधिकारियों ने चेरवापारा ग्राम पंचायत को मोहरा बनाकर करोड़ो रुपए का निर्माण कार्य जिला पंचायत कोरिया कार्यालय में करवाया था और यह शेड निर्माण और चेकर टाइल्स सहित कई तरह के निर्माण कार्य थे जिससे जिला पंचायत कोरिया को भव्य और बारिश में छायादार बनाने की बात कही गई थी, छायादार तो नहीं बन सका जिला पंचायत कोरिया का भवन बल्कि जब बारिश हुई चारों तरफ जलमग्न वाली स्थिति नजर आई और चेकर टाइल्स निकला हुआ मिला,अब जिला पंचायत कोरिया के इस बड़े भ्रष्टाचार की जांच होगी नहीं होगी यह अलग विषय है लेकिन पहले क्या उस व्यक्ति पर कार्यवाही होगी जिसे उपकृत किया गया निर्माण कार्य केवल अधिकारियों से करीबी के कारण दिया गया क्या उस इंजीनियर रविंद्र सोनी पर कार्यवाही होगी जिसने मूल्यांकन किया। सवाल कई हैं इस निर्माण को लेकर और सवाल अब यह भी है कि जो निर्माण जिला पंचायत कोरिया के पीछे भवन स्वरूप हो रहा है जिसकी भी केवल एजेंसी चेरवापारा ग्राम पंचायत है और निर्माण जिला पंचायत के अधिकारी के चहेते द्वारा किया जा रहा है जिसे उपकृत करने निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत को बनाया गया है जबकि यह निर्माण कार्य निविदा द्वारा प्रदान करने योग्य था क्या वह भी क्या गुणवत्ता को ताक पर रख कर किया जा रहा है,वैसे भवन वैसे भी नाले पर नाले को पाटकर बनाया जा रहा है। जिला पंचायत कोरिया का शेड निर्माण कार्य चेकर टाइल्स निर्माण कार्य तो अपनी क्षमता और अपनी गुणवत्ता पहली बारिश में ही बता गया क्या भवन भी आने वाले सालों में ऐसे ही भ्रष्टाचार की पोल खोलेगा।
पदस्थापना तकनीकी सहायक का ढाई लाख रुपए के प्रधानमंत्री आवास देखने के लिए हुई है पर देख रहे हैं वह लाखों की बिल्डिंग किसके अनुमति से?
रविन्द्र सोनी इंजिनियर की नियुक्ति तकनीकी सहायक के रूप में प्रधानमंत्री आवास के मूल्यांकन के लिए की गई है, प्रधानमंत्री आवास केवल ढाई लाख के मूल्यांकन का विषय होता है लेकिन वही ढाई लाख के मूल्यांकन के लिए नियुक्त एक संविदा इंजीनियर रविंद्र सोनी जिला पंचायत के अधिकारियों के सह संरक्षण में करोड़ों का मूल्यांकन कर रहा है जो जल्द धराशाई हो जा रहे हैं।
क्या जितने भी निर्माण कार्य जिला पंचायत कोरिया में ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर किया गया क्या सभी का हाल यही होगा?
जिला पंचायत कोरिया का भ्रष्टाचार नजर आने लगा पहली ही बारिश में,पहली बारिश में शेड निर्माण औचित्यहीन हो चुका है वहीं टाइल्स चेकर का भी उखड़ना शुरू है, यह सभी कार्य जिला पंचायत के अधिकारियों द्वारा ग्राम पंचायत चेरवापारा को एजेंसी बनाकर किया गया और इसका निर्माण अधिकारियों के चहेतों ने किया और मूल्यांकन अधिकारियों के चहेते इंजीनियर रविंद्र सोनी ने किया है, अब सवाल यह है कि जिस तरह पूर्व के निर्माण कार्य गुणवत्ता को लेकर पोल खोल रहे हैं क्या आगे भी ऐसे ही मामले सामने आते रहेंगे,जिला पंचायत कोरिया के द्वारा चेरवापारा ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाकर और भी निर्माण कार्य किए हुए हैं उनकी भी गुणवत्ता की बात अब शुरू है,क्या उनकी जांच होगी यह देखने वाली बात होगी,क्या वह भी शेड और चेकर टाइल्स मामले जैसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिए गए हैं।
अधिकारियों ने सिर्फ अपना केबिन चमकाया गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया…
जिला पंचायत कोरिया ने ग्राम पंचायत चेरवापारा को एजेंसी बनाया जमकर लूटा पंचायत को अब यह कहना गलत नहीं होगा,इस लुट से उन्होंने केवल अधिकारियों ने अपना केबिन चमकाया मात्र,उन्होंने केबिन के अलावा हर निर्माण कार्य को इस स्तर का कराया की वह जल्द धराशाई होने लगा, वैसे केबिन का काम बताया जाता है उच्च स्तर का हुआ है। चेरवापारा ग्राम पंचायत केवल चेक काट रहा है भुगतना कर रहा है वहीं वह निर्माण एजेंसी होकर भी गुणवत्ता को लेकर कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है, निर्णय केवल सीईओ, सहायक संचालक और रविन्द्र सोनी इंजिनियर ले रहे हैं। वैसे इस बीच अधिकारियों के चहेते बिना निविदा जमकर काम पा रहे हैं।
क्या 15 वें वित्त निधि से अधिकारी अपना आलीशान केबिन बनवा सकते हैं?
वैसे सूत्रों की माने या ग्राम पंचायत चेरवापारा के रिकॉर्ड खंगाले तो यह बात समझ में आएगी कि 15 वें वित्त निधि को जिला पंचायत के अधिकारियों ने बिना सोचे समझे अनावश्यक खर्च किया, इस पैसे से ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने अपना केबिन चमकाया और अपने खास लोगों को उपकृत किया, अब सवाल यह है कि क्या ग्राम पंचायत के 15 वें वित्त निधि से अधिकारियों के केबिन को चमकाना सही है क्या यह भ्रष्टाचार नहीं है, वैसे जानकारों का कहना है यह गलत है और इसकी जांच की जानी चाहिए।
जिला पंचायत कार्यालय के छत पर आखिर इतना बड़ा शेड क्यों बनवाया गया,किस काम के लिए बनवाया गया?
जिला पंचायत कोरिया के छत पर भी शेड निर्माण कार्य कराया गया है,इसका औचित्य समझ से परे है, जिला पंचायत के अगल बगल का शेड पहली बरसात में ही अपनी कहानी बयान कर रहा है, अब छत के ऊपर का हाल क्या है कैसा है यह भी जल्द सामने आएगा,वैसे छत पर आवश्यकता नहीं होने के बावजूद शेड का निर्माण किया गया है, पांच विकासखंड के लिए बने भवन में पहले बिना ऊपर के नीचे के शेड निर्माण किए बगैर काम होते रहे कभी कोई कक्ष समस्या सामने नहीं आई ऐसे में जब दो विकासखंड का ही जिला बचा क्यों जरूरत पड़ी शेड निर्माण की यह भी बड़ा सवाल है।
क्या तकनीकी सहायक रविंद्र सोनी के दल बने हुए हैं जिला पंचायत सीईओ व संचालक रितु?
जिला पंचायत के लिए रविन्द्र सोनी इंजिनियर एक ऐसे मोहरा हैं जो किसी भी ऐसे निर्माण का बिना सोचे समझे मूल्यांकन करते हैं जो गुणवत्ता के मामले में भी खराब हो या जिसका औचित्य ही न हो निर्माण के हिसाब, तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत एक संविदा इंजीनियर को पूरा अधिकार है कि वह निर्माण के लिए हर कुछ तय कर सके,वैसे सवाल यह है कि क्या इंजिनियर रविन्द्र सोनी के दल के हैं जिला पंचायत सीईओ और सहायक संचालक रितु साहू जो उन्हें संरक्षण प्रदान करते हैं जिससे हर गुणवत्ताविहीन कार्य गुणवत्तापूर्ण मान लिया जाता है।


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