- पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने एनीकट निर्माण में भारी भ्रष्टाचार का लगाया आरोप
- क्या वन विभाग के परिक्षेत्राधिकारी को अपने उच्च अधिकारियों का डर हुआ खत्म या फिर ऊपर से ही सब कुछ तय है?
- जांच और कार्यवाही नही हुई तो करेंगे बड़ा आंदोलन:गुलाब कमरों
- एक नहीं तीसरी बार बन रहा एनीकट:सूत्र
- कोरिया/एमसीबी@क्या रेंजर साहब खुद खड़े होकर करवा रहे घटिया निर्माण?
- वन विभाग में सरकारी पैसे की खुली लूट,जंगल की अमानक गिट्टी से हो रहा निर्माण कार्य
- मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल और गुरुघासी दास के रेंजरों को आखिर किसका संरक्षण?
- घटिया निर्माण कार्यो और लगातार शिकायतों के बावजूद कार्यवाही का न होना,बड़े अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के संरक्षण की ओर कर रहा इशारा


-रवि सिंह-
कोरिया/एमसीबी,17 जून 2025 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के एमसीबी जि़ले के मनेंद्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत आने वाले कुंवारपुर वन परिक्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है,और इस बार वजह है भ्रष्टाचार की एक नई मिसाल। ग्रामीणों और स्थानीय
सामाजिक कार्यकर्ताओं की शिकायतों के बावजूद वन विभाग के अधिकारी धड़ल्ले से नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य करवा रहे हैं, वह भी सरकारी धन की बर्बादी के साथ। इस सम्बंध में मिली जानकारी अनुसार वन परिक्षेत्र कुंवारपुर के अंतर्गत कुदरा बीट स्थित बाघऊर नाले में पिछले डेढ़ साल में तीसरी बार एनीकट निर्माण कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हर बार लाखों रुपये खर्च कर निर्माण कार्य कराया जाता है,लेकिन गुणवत्ताहीन कार्य की वजह से एनीकट कुछ महीनों में ही ध्वस्त हो जाता है। इस बार भी वन परिक्षेत्र अधिकारी स्वयं निर्माण स्थल पर खड़े होकर निर्माण कार्य करवा रहे हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि निर्माण में जंगल के पत्थर को तोड़कर गिट्टी बनाया गया है, जिससे साफ ज़ाहिर होता है कि विभागीय संसाधनों का दुरुपयोग कर निजी जेबें भरी जा रही हैं। जब इस मामले की जानकारी मिलने पर मीडिया की टीम मौके पर पहुंची, तो रेंजर साहब शिवप्रसाद ध्रुव मीडिया को देखकर अपनी गाड़ी की ओर दौड़े और मौके से भाग निकले। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अधिकारी को अपने काम पर कितना विश्वास है और पारदर्शिता कितनी है।

गुरुघासीदास नेशनल पार्क मामले भी जांच एवं कार्यवाही ठंडे बस्ते में
गुरु घासीदास राष्ट्रीय में अनियमितताएं अपने चरमोत्कर्ष पर हैं यहां कार्यरत अधिकारी कर्मचारीयों को निर्माण कार्यो से फुरसत ही नही है की वो उद्यान के अच्छे वातावरण निर्माण के बारे में सोचें अथवा कार्य करें । वर्तमान में आलम है की तीनों परिक्षेत्र के अधिकारी सहित कर्मचारी अपने अपने बीट में स्टाफ डेम निर्माण कार्य कराने में मशगूल रहे निर्माण भी इतना घटिया कराया जा गया की पूरे नियम कानून सब किनारे रख दिये गए हैं ऐसा लग रहा है मानो राष्ट्रीय उद्यान को चारागाह बना दिया है। आलम है की परिक्षेत्र में संचालित निर्माण कार्य खासकर चेकडेम,स्टाफ डेम एनीकट एवं अन्य निर्माण कार्यो में जंगली गिटटी जंगल के गोल गोल भुरभुरे बोल्डर एवं पत्थर का उपपयोग कर घटीया से घटीया निर्माण कार्य करा लाखों रूपयों वारा न्यारा करने तंत्र आमदा देखा गया। टाईगर रिजर्व में लगातार संचालक का दौरा जारी रहा लेकिन बावजूद इसके गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य धड़ल्ले से जारी रहे ऐसी में स्थिती में संचालक के दौरे पर भी सवाल उठते हैं कि आखिर संचालक मौन क्यों हैं जबकी उन्हे इसकी शिकायत लोगों के द्वारा की गई लेकिन उसके बाद भी घटिया निर्माण लगातार जारी रहे। ऐसे में सवाल तो यहां तक भी उठते हैं कि क्या यह सब कुछ बड़े अधिकारीयों के संरक्षण में हो रहा है। और सभी शिकायतों की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है

टाईगर प्रोजेक्ट सवालो के घेरे में…
गुरूघासी दास राष्ट्रीय उद्यान में विभागिय स्तर पर अनियमितताए खत्म होने का नाम ही नही ले रही है एसी स्थिती में टाइगर परियोजना को लेकर जहां लोगों में खुशी है वही टाइगर परियोजना की कामयाबी पर अभी से प्रश्न चिन्ह लगता नजर आ रहा है सोनहत क्षेत्र के गा्रमीणों ने जानकारी देते हुए बताया की राष्ट्रीय उद्यान में अवैघ रूप से गिटटी एवं रेत उत्खनन करने का कार्य जोरे से प्रगतिरत है और इन्हें विभाग के कामो में ही खपाया जाता है और विभागिय कर्मचारी जान कर भी अनजान बने हुए है इसके अतिरिक्त जहां एक ओर से औद्यौगिकीकरण एवं शहरीकरण के कारण वनों का विनाश एवं कटाई तीव्र गति से होता जा रहा है,वही वनो का विनाश के साथ-साथ वन्य जीवों पर भी इसका प्रतिकूल असर पडता जा रहा है । उद्यान के अंतर्गत जीव प्रजातियां निरन्तर कम होती जा रही है,जो कि घोर चिन्ता का द्योतक है। वही प्रशासन द्वारा इस संबंध में सार्थक पहल के नाम पर मात्र खानपूर्ती की जा रही है।

ग्रामीणों में नाराजगी का आलम
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि पिछले वर्ष भी इस नाले पर एनीकट बनाया गया था जो कुछ ही महीनों में क्षतिग्रस्त हो गया। इस बार भी कोई सूचना पट्ट नहीं लगाया गया है और निर्माण में जंगल की गिट्टी और रेता का इस्तेमाल हो रहा है। न तो कार्य स्वीकृति बोर्ड लगा है, न ही गुणवत्ता की कोई गारंटी है। यह पूरी तरह से गोलमाल है। ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग मांग करेंगे कि जांच कमेटी गठित की जाए और दोषियों पर कानूनी कार्रवाई हो ताकि भविष्य में गुणवत्तापूर्ण निर्माण हो और शासकीय धन की बर्बादी रोकी जा सके।
एसडीएम ने कहा आपके माध्यम से जानकारी मिली, प्राकलन अनुसार काम नही होगा तो जांच व कार्यवाही होगी
जब यह शिकायत लेकर जनकपुर और भरतपुर के एसडीएम शशि शेखर मिश्रा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा, मुझे आपके माध्यम से इस मामले की जानकारी मिली है कि बाघऊंर नाले में एनीकट निर्माण किया जा रहा है। यदि कार्य अनुमान पत्र के अनुसार नहीं हो रहा और उसमें गुणवत्ता की कमी पाई जाती है तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद आज तक रेंजर साहब पर कोई जांच एवं कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे लोगों में यह आशंका भी बढ़ रही है कि भ्रष्टाचार की यह जड़ सिर्फ नीचे तक नहीं, बल्कि ऊपरी अधिकारियों तक फैली हुई है। जब निचले अधिकारी खुलेआम विभागीय संसाधनों से निर्माण कर रहे हैं और उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही, तो सवाल उठना लाज़मी है कि क्या उच्च अधिकारी भी इस गोरखधंधे में साझेदार हैं?
क्या मनेंद्रगढ़ वन मंडल का कुंवारपुर परिक्षेत्र अब भ्रष्टाचार का पर्याय बन चुका है?
हर बार शिकायत के बाद केवल जांच की रस्म अदायगी होती है, लेकिन न तो अधिकारी निलंबित होते हैं, न ही निर्माण में सुधार होता है। लाखों रुपये के शासकीय धन की बर्बादी,और प्राकृतिक संसाधनों की अवैध लूट ने जनता का विश्वास तोड़ा है। अब यह देखने की बात होगी कि क्या एसडीएम भरतपुर की जांच में सच्चाई सामने आएगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबा दिया जाएगा। फिलहाल, वन विभाग में भ्रष्टाचार का नंगा नाच जारी है, और जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी की चादर ओढ़े बैठे हैं।
घटिया निर्माण पर जांच और कार्यवाही नही हुई तो करेंगे आंदोलन: गुलाब कमरो

मनेन्द्रगढ़ वन मण्डल के कुवारपुर रेंज में चल रहे निर्माण कार्यो पर पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने घटिया निर्माण और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त किया है। गुलाब कमरो ने कहा कि वन विभाग में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है,ऊपर से लेकर नीचे तक सब कुछ सेटिंग पर चल रहा है,मनेन्द्रगढ़ मण्डल अंतर्गत कुंवरपुर सहित अन्य बीट में चल रहे एनीकट व अन्य निर्माण कार्यो में जम कर अनियमितता की जा रही है जिसकी जांच एवं कार्यवाही अति आवश्यक है, मामले का लगातार मीडिया में आना शिकायतों का होना इसके बाद भी किसी बड़े अधिकारी का संज्ञान नही लिया जाना र्भ्ष्टाचार के सवाल को और मजबूत करता है । पूर्व विधायक ने कहा कि मामले की शिकायत रायपुर पी सी सी एफ अरण्य भवन से भी की जाएगी साथ ही जांच एवं कार्यवाही नही होने पर बड़ा आंदोलन कर वन मण्डल कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा।