लक्ष्य से 42 हजार यूनिट अधिक रक्त संग्रह,116 प्रतिशत उपलब्धि के साथ देशभर में बनाया खास रिकार्ड…
छत्तीसगढ़ का यह मॉडल पूरे भारत के लिए उदाहरण
रायपुर,14 जून 2025 (ए)। विश्व रक्तदाता दिवस पर छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। प्रदेशवासियों ने स्वैच्छिक रक्तदान को केवल एक स्वास्थ्य सेवा नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाया। लक्ष्य से अधिक रक्त संग्रह कर राज्य ने यह सिद्ध कर दिया कि जब समाज का हर वर्ग एक उद्देश्य से जुड़ता है, तो परिणाम असाधारण होते हैं। इस अवसर पर प्रदेश में सेवा और संकल्प का ऐसा समन्वय देखने को मिला, जिसने रक्तदान को एक जनआंदोलन का रूप दे दिया।विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ ने सिर्फ एक स्वास्थ्य कार्यक्रम नहीं चलाया स्वैच्छिक रक्तदाताओं की सक्रिय भागीदारी से छत्तीसगढ़ ने रक्त संग्रह में हासिल की राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि बल्कि एक ऐसा जनांदोलन खड़ा किया, जिसने सेवा, संकल्प और सामुदायिक चेतना का अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत किया। यह महज़ सरकारी आंकड़ों की बात नहीं,बल्कि जनमानस की संवेदनशीलता और उत्तरदायित्व का प्रमाण है। राज्य ने 2.55 लाख यूनिट के वार्षिक लक्ष्य के मुकाबले 2 लाख 97हज़ार 130 यूनिट रक्त संग्रह कर 116 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है, जो राष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रेरणादायक कीर्तिमान है।
36 शासकीय ब्लड बैंकों के माध्यम से हुए इस रक्त संग्रह
यह आँकड़ा जितना बड़ा है, उसका सामाजिक और नैतिक आयाम उससे कहीं व्यापक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो किसी भी राज्य को अपनी 1 प्रतिशत जनसंख्या के बराबर रक्त की वार्षिक आवश्यकता होती है। यह सफलता कोई संयोग नहीं, बल्कि सुव्यवस्थित योजना, सामुदायिक सहभागिता और जनजागरूकता का परिणाम है। प्रदेश के 36 शासकीय ब्लड बैंकों के माध्यम से हुए इस रक्त संग्रह में केवल स्वास्थ्य महकमा ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग—छात्र संगठन, स्वयंसेवी संस्थाएं, धार्मिक-सामाजिक समूह और आम नागरिक ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
हज़ारों रक्तदाता समाज के सच्चे नायक
स्वास्थ्य विभाग ने इस अभूतपूर्व प्रयास में भाग लेने वाले हज़ारों रक्तदाताओं को समाज के सच्चे नायक कहा है और यह शब्द केवल औपचारिक प्रशंसा नहीं, बल्कि उस सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक है, जिसकी आज जरूरत है। नियमित और निःस्वार्थ रक्तदान को जिम्मेदारी मानने वाली पीढ़ी भविष्य की स्वास्थ्य सुरक्षा का मजबूत आधार बनाती है। आज जब देश के अनेक राज्यों में रक्त की कमी गंभीर समस्या बनी हुई है, छत्तीसगढ़ का यह मॉडल पूरे भारत के लिए उदाहरण बन सकता है।
रक्तदान की स्थिति:
एक दृष्टि में…
2019-202०-30,154-90
2020-21-2,00,603-79
2021-22-.1,87,727-74
2022-23-.2,34,480-92
2023-24-2,48,450-97
2024-25-2,97,130-116
