- आक्रोशित दिखाई दे रहा हर वर्ग…चौड़ीकरण की माँग को जन आंदोलन बनाने की ज़रूरत
- प्रशासन सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों के खç¸लाफ़ भी दिखाई दे रहा आक्रोश…दूसरे शहरों की दी जा रही है दुहाई
- सोशल मीडिया में हो रहा है सवाल कौन है जो करा सकता है चौड़ीकरण?

-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,12 जून 2025 (घटती-घटना)। बैकुंठपुर शहर का जिला मुख्यालय और जिला मुख्यालय की संकरी सड़क, इस विषय में तब तब शहरवासी चिंतित हो जाते हैं बातें करने लगते हैं उम्मीद जताने लगते हैं जब जब किसी और शहर या जिला मुख्यालय की सड़क चौड़ी की जाती है और शहर या जिला मुख्यालय को व्यवस्थित स्वरूप प्रदान किए जाने के लिए कार्य किया जाता है। हाल ही में फिर शहर के लोग उम्मीद जताने लगे हैं और सवाल करने लगे हैं सोशल मिडिया में चर्चा करने लगे हैं जो शहर की चौड़ीकरण को लेकर चर्चा उम्मीद है।सोशल मीडिया में बैकुंठपुर शहर चौड़ीकरण की चर्चा फिर से तब शुरू हुई जब दैनिक घटती घटना ने सुरजपुर जिला मुख्यालय के सड़क चौड़ीकरण के साथ एक तुलनात्मक खबर का प्रकाशन हाल ही में किया,अब शहर में खबर के बाद से ही सड़क चौड़ीकरण का मुद्दा गरम हो चुका है साथ ही अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोग यह भी प्रश्न कर रहे हैं कि आखिर कौन शहर की सड़क का चौड़ीकरण करा पाने में समर्थ है। शहर का हर वर्ग पुनः आक्रोशित नजर आ रहा है साथ ही उम्मीद वह जता रहा है कि कोई तो आगे आए और बैकुंठपुर शहर को एक व्यवस्थित स्वरूप बनाने में अपनी भूमिका निभाए,इसे जनांदोलन बनाने की भी बातें हो रही हैं।
बैकुंठपुर शहर की यदि बात की जाए तो शहर की हालत यह है कि जरा से ही आवागमन से शहर की सड़कें जाम हो जाती हैं और यदि किसी दिन कोई प्रतियोगी परीक्षा आयोजित हो जाए शहर की सड़क घंटों जाम में फंसी रह जाती है। शहर का विकास भी सड़क के संकरेपन की वजह से नही हो पा रहा है। शहर के व्यवसाई कहीं न कहीं यह आभास करते नजर आते हैं उनकी स्वीकार्यता सामने आती रहती है कि यदि सड़क चौड़ी होती आज शहर का विकास व्यापार की उन्नति देखते बनती। शहर के मुख्य सड़क पर स्थित कई प्रतिष्ठान अब घाटे में काम कर रहे है और इसका एकमात्र कारण बढ़ता आवागमन और संकरी सड़क है। पहले जब आवागमन कम था काम चल जाता था जाम नहीं लगता था दुकानों के सामने भी वाहन पार्किंग की जा सकती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है आज बढ़ती आबादी और बढ़ते आवागमन की वजह से शहर का स्वरूप उस लायक नहीं की कोई किसी दुकान के सामने वाहन खड़ी कर सके और दूर में भी वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है जिससे कोई किसी कम समय वाले खरीददारी के लिए वाहन दुकान के सामने खड़ी करके खरीदी कर सके। कुछ मामलों में सड़क चौड़ीकरण का विरोध भी अंदरूनी शहर के ही लोग कर रहे हैं जिनके प्रतिष्ठान व्यवसायिक सड़क पर हैं वहीं कहीं न कहीं सत्ताधारी दल भी सड़क चौड़ीकरण के मामले मौन हो जाती नजर आती है क्योंकि मामला उसके भी कार्यालय के अस्तित्व से जुड़ता है,जो प्रभावित हो सकता है। वैसे कुछ लोगों का मानना है कि सत्ताधारी दल भी एक रुकावट है मामले में और वह अपने कार्यालय के लिए गंभीर है जिससे वह आय भी अर्जित करती है।
कोरिया जिले के लिए बैकुंठपुर शहर का चौड़ीकरण मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा
कोरिया जिले के लिए जिला मुख्यालय के लोगों के लिए शहर के चौड़ीकरण का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है। सड़क चौड़ीकरण की बात जब जब सामने आती है तब तब शहर के लोग खासकर व्यवसाई उत्साहित होते हैं कि कोई न कोई इसे हाथोंहाथ लेगा और शहर सुव्यवस्थित हो सकेगा व्यापार बढ़ेगा लेकिन हर हर वह तब निराश हो जाते हैं जब मुद्दा ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है,सुरजपुर जिला मुख्यालय में शहर की सड़क चौड़ीकरण का निर्णय प्रशासन का देखने के बाद शहर के लोगों में फिर एक बार उम्मीद जगी है कि जरूर इस बार कुछ होगा और शहर व्यवस्थित स्वरूप पा सकेगा। वैसे शहर की सड़क चौड़ी नहीं हुई तो शहर बाहर के लोगों के लिए अप्रासंगिक होता जाएगा यह चिंता शहर के लोगों में है।
किस विधायक के कार्यकाल में चौड़ीकरण का मुद्दा होगा हल?
शहर ने कई विधायकों का कार्यकाल देखा और एक का तीसरा कार्यकाल शहर के लोग देख रहे हैं। शहर के लोग इस उम्मीद में भी हैं कि आखिर किस विधायक के कार्यकाल में शहर की सड़कों का चौड़ीकरण मुद्दा हल हो सकेगा। बता दें कि मामला विधायक के निजी इक्षाशक्ति का मानकर चल रहे हैं लोग और उनका मानना है कि जिसने दृढ़ इक्षाशक्ति दिखाई वही इसका हल कर ले जाएगा। अब वर्तमान ऐसा करते हैं या वह पूर्व के कार्यकाल की तरह इस मामले में मौन रह जाते हैं यह शहर के लोग ध्यान लगाए देख रहे हैं।
चौड़ीकरण को लेकर राजनीतिक पार्टियों के नेता चुप क्यों?
शहर चौड़ीकरण के लिए या इस मामले में शहर के सभी दलों के नेता मौन हैं,अब इसका क्या कारण है यह तो कोई नहीं बताता लेकिन लोगों का मानना है कि सत्ताधारी दल अपने कार्यालय की सुरक्षा संरक्षा के लिए मौन है वहीं विपक्षी दल के नेता में से कई के घर दुकान इसकी जद में आयेंगे जो उनके मौन का कारण है। वैसे यह अंदरूनी चर्चा है यह दावे से कही गई बात नहीं है।