- कैलाश मिश्रा अपने विरुद्ध हुई शिकायत की निष्पक्ष जांच करने व झूठी शिकायत करने वाले के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक से की मांग…
- मिथ्या दुष्प्रचार कर जन आक्रोश भडकाने के साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग…
अम्बिकापुर,11 जून 2025 (घटती-घटना)। किसी व्यक्ति से द्वेष रखना आप के नैतिक विचार हो सकते है जो अक्सर देखे जाते है, पर उस के लिए आसत्य का मार्ग चुना उस द्वेष को शांत करने के लिए न्याय उचित है, इस समय की स्थिति यह है कि मानव जीवन में किसी के प्रति द्वेष रखने और उस द्वेष के लिए प्रतिशोध की नियत रखता और उस नियत को पूरा करने के लिए असत्य का मार्ग चुना कहीं ना कहीं असंवैधानिक रूप से गलत माना गया है, क्योंकि सत्य व झूठ दोनों एक सिक्के के पहलू है। सच-सच ही रहेगा और झूठ झूठ रहेगा, सत्य झूठ की वजह से कुछ समय के लिए परेशान हो सकता है पर झूठ हमेशा के लिए ही परेशान रहेगा, यह बात इसलिए हो रही है क्योंकि किसी भी व्यक्ति से द्वेष रखकर असत्य का मार्ग चुनकर उसे परेशान करके अपने आप को तसल्ली कुछ समय के लिए दे सकते हैं उसके बाद की समस्या आपके लिए ही मुश्किल खड़े करेगी, अभी जो शिकायत आई है उसके अनुसार राजनीतिक षड्यंत्र के तहत किसी सामान्य व्यक्ति से बदला लेने के लिए किसी समाज का दुरुपयोग किया जा रहा है, क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थवश सामाजिक सौहार्द्र,एकता को चोट पहुंचाने के षड्यंत्र की जाँच एवं कल्पनातीत मिथ्या दुष्प्रचार कर जन आक्रोश भडकाने के साजिश में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाही की मांग अंबिकापुर नगर के गोधनपुर निवासी कैलाश मिश्रा ने पुलिस महानिरीक्षक से की है।
सौपे ज्ञापन में श्री मिश्रा ने कहा है कि कुछ लोग बिना तथ्य, बिना प्रमाण के थाना गांधीनगर अम्बिकापुर में 25 मई को, पुलिस अधीक्षक जिला सूरजपुर में 03 जून को एवं थाना सनावल जिला बलरामपुर में आवेदन देकर आवेदक कैलाश मिश्रा के विरुद्ध बिना तथ्य, बिना प्रमाण के एफआईआर कराना चाहतें हैं परन्तु उन्होनें आवेदन के साथ कोई भी साक्ष्य या प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया है। यह सिर्फ साजिश है। इस राजनीतिक कवायद का कानून व्यवस्था से कोई लेना-देना ही नहीं है। इसमें केवल वर्चस्ववादी, सर्वसत्तावाद की स्थापना की अलोकतांत्रिक मानसिकता है। गलत सूचना फैलाना और बेबुनियाद आरोप लगाना कानून के शासन का अपमान है। आदिवासी हित कोई वस्तुपरक संकल्पना नहीं है यह एक वस्तुनिष्ठ संकल्पना है। सरगुजा के सर्वांगीण विकास के लिए आदिवासी हितों को सही परिप्रेक्ष्य में समझकर उसे कुत्सित राजनीति की काली छाया से बचाना भी आवश्यक है। मैं आदिवासी भाईयों को मुख्य धारा में लाने एवं उनकी समाज में आत्मनिर्भर और महत्वपूर्ण भूमिका के लिए ठोस पहल कर विश्वास करता हूँ। न कि उनके इस्तेमाल की सांकेतिक, राजनीति और हथकंडों पर। सरगुजा जिले में उपेक्षित और कमजोर लोगों के बुनियादी मुद्दो शिक्षा,स्वास्थ्य, पर्यावरण जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए यथासंभव सक्रियता से काम करता हूँ। आदिवासी अस्मिता, आस्था, परम्परा व। भावनाओं को बखूबी समझता हूँ।
भोले-भाले आदिवासी भाईयों को लोग आक्रोश का हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रहे…
विभाजनकारी एजेंट के तहत जिन राजनीतिज्ञों की विश्वसनीयता शून्य हो गई है, उन्हें भ्रम फैलाने राजनीति का सहारा लेना पड़ रहा है। भोले-भाले आदिवासी भाईयों को जो लोग जन आक्रोश का हथियार बनाकर इस्तेमाल करना और उनके राजनीतिक, सामाजिक शोषण का प्रयास करते हैं उनके प्रयास को विफल करने की जरुरत है। भगवान बिरसामुंडा, शहीद वीरनारायण सिंह, ठाकुर गेंद सिंह, गुंडाधुर, कंगला माझी जैसे राष्ट्रनायकों ने हमेशा औपनिवेशिक शोषण और सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ाई लडी। भ्रष्टाचार विरोधी मानसिकता के साथ उन आदर्शों के साथ काम करने पर मुद्दा विहिन ऐसे लोग जो कमजोर वर्गों के इस्तेमाल और उन्हें अपने अधीन करने तक सीमित हैं। और जिनपर मुद्रा हावी है उन्हें जन सरोकार की जागरुकता से कष्ट स्वभाविक है। आदिवासी राजनीति के नाम पर भ्रांति फैलाकर राजनीतिक सफलता पाने के इस षड्यंत्र का पदार्फाश जरुरी है।
सरगुजा में भ्रष्टाचार के विरोध में मैं सदैव मुखर रहा हूँ: कैलाश मिश्रा
सरगुजा में भ्रष्टाचार के विरोध में मैं सदैव मुखर रहा हूँ। भ्रष्टाचार किसी व्यक्ति के हितों को पोषक हो सकता है। बहुत हुआ तो उसके परिवार के हितों को साधता है, लेकिन समाज के हितों को नहीं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अनवतर संघर्ष के कारण छल कपट पूर्वक लगाये जा रहे अनर्गल बेबुनियाद आरोप से व्यक्ति क्षुब्ध और आहत होता है। भावुकतापूर्ण उतावलापन और नफरत फैलाने के षड्यंत्र के साथ इस्तेमाल थानों में दिया गया आवेदन कटुता बढ़ाने के उद्देश्य से समस्या खडी करने के लिए दी जा रही है। सामान्य विधिक शिष्टाचार भूलकर ऐसे आरोपों का दुष्प्रचार करती है। श्री मिश्रा ने मांग करते हुए कहा कि संविधान और नियम की परिधि से बाहर जाकर थाने का/पुलिस का राजनीतिक उद्देश्य से इस्तेमाल करने वालों व उसके सूत्रधार की पहचान कर विधि अनुरुप कार्यवाही साग्रह निवेदित है। साथ ही निवेदन है कि इस तरह के षड्यंत्र से मुझे यह प्रतीत हो रहा है कि मेरे विरुद्ध जानलेवा हमला भी किया जा सकता है ऐसे में मुझे सुरक्षा भी प्रदान कराने का कष्ट करेंगे।