कोरिया/पटना,@समितियों में किसान ठगे जा रहे हैं…ठगने वाले को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है…किसान कैसे समृद्ध होगा?

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-रवि सिंह-
कोरिया/पटना,11 जून 2025 (घटती-घटना)। किसानों के हितेषी हर सरकार बनती है, उन्हें किसान की चिंता होती है, किसान समृद्ध बने यह उनका प्रयास होता है, पर क्या जमीनी स्तर पर सही में ऐसा हो पता है, किसान के लिए सरकार ने बैंक खोल रखे हैं किसान के धान खरीदी के लिए समिति बनी हुई है,किसान को हर सुविधा के लिए समितियां में योजनाएं हैं पर किसान वहां पर उन योजनाओं व समितियां के लाभ लेने से पहले ठगा जाता है, समिति में जीरो इंटरेस्ट पर कर्ज मिलता है किसान सोच समझ के कर्ज लेता है पर समितियां में जो कर्मचारी के गड़बड़ इरादे हैं उसमें किसान के ऊपर कर्ज का बोझ भी डाल जाता है, कर्ज लेने के लिए प्रावधान बने हुए पर समितियां में इतनी आसान प्रधान हैं क्या की किसान को पता भी ना चले और उसके नाम से कर्ज निकल जाए? किसान को पता भी नहीं चलता है और उसके नाम पर कर्ज ले लिया जाता है और उस पैसे का उपयोग किसान नहीं समिति के कर्मचारी प्रबंधन प्रभारी करते हैं, अब आप सोच रहे होंगे कि यह क्या बोल रहे हैं तो हां यह सही है कुछ ऐसा ही एक आरोप सामने आया है जिसमें एक किसान के ऊपर 2024 में मात्र 17000 का कर्ज था अचानक वह कर्ज बढ़कर एक 167000 हो गया और किसान को इसकी भनक तक नहीं लगी और उस पैसे का उपयोग भी किसान ने नहीं समिति के किसी कर्मचारी ने किया जिस पर किसान ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और उसकी शिकायत पर समिति प्रबंधक सहित ऑपरेटर के ऊपर अपराध दर्ज हो गया पर उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई और नहीं होगी क्योकि राजनीति से जुड़े है ये लोग।
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति का नाम जैसे आता है ऐसा प्रतीत होता है कि इन समितियों में आकंठ पैसा ऊगाही करने का एक ऐसा विभाग बन गया है जहां अवैध रूप से मनमानी तरीके से पैसा बनाया जा सकता है? पटना समिति में एक ऐसा मामला देखने मिला है चूंकि यह कोई नया मामला नहीं इस तरह के मामले इन समितियों प्रायः देखने और सुनने को मिलते रहते है। इस विभाग में किसोनों को जो लाभ मिलता है वह मिलता ही है पर इस समिति में कार्यरत अदना कर्मचारी से लेकर अधिकारी भी मालामाल है। भ्रष्टाचार जैस इन समितियों का जन्मसिद्ध अधिकार माना जा सकता है। यह पर पदस्त एक अदना कर्मचारी भी कई लाखों में बात करता है आखिर कैसे? ऐसा लगता है कि इस विभाग का काम ही है शासन के पैसों का जमकर बंदरबांट करना है। कोरिया जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटना में एम ऐसा मामला आया है जहां समिति कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगे है हितग्राही के केसीसी खाते में लोन कराने के नाम पर हस्ताक्षरयुक्त चेक व जरूरी दस्तावेज कर्मचारीयों ने ले लिया इसके बाद बिना सहमति के केसीसी खाते से 1.5 लाख भी निकाल लिया गया। जिस पर हितग्राही ने मामले की जांच करते हुये शिकायत दिया है।
कम जानकार किसानों के साथ कर्मचारी करते है छल
आवेदक ने बताया कि मैं कम पढ़ालिखा एक आदिवासी वर्ग से आता हूं तथा समिति के कर्मचारी ने नवीनीकरण के नाम किया धोखाधड़ी किया। नवीनीकरण के नाम मुझसे 2-3 रजिस्टर के साथ बैंक के जमा पर्जी, बैंक के डी0एम0आर0 पर्जी में मेरा हस्ताक्षर कराया गया। मेरे पूछने पर कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेश साहू यह बोला कि नवीनीकरण में इतना कागज लगता है।
आवाज उठाने पर अनावेदको ने बनाया दबाव,फिर घर आकर किया गाली-गलौज,मामला हुआ पंजीबद्ध
आवेदक देवशरण सिंह ने बताया कि 13.04.2025 को लगभग 11 बजे अपने घर मुरमा में बैठे हुये थे उसी समय मेरे दरवाजा में एक कार आकर रूकी जो पटना समिति के प्रबंधक अनुप कुशवाहा की थी। उसमें से तीन लोग राजेश साहू,अनुप कुशवाहा, गोविन्द यादव घर में घुसते हुये यह कहने लगे बहुत बयान दे रहा है। गंदी-गंदी गाली देते हुये मेरे घर में अंदर घुस गये और धक्का मुक्की किया। जिसके शिकायत पर अनावेदको पर 29.05.2025 को अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
यह है पूरा मामला…
आवेदक देवशरण सिंह निवासी मुरमा ने बताया कि अनावेदकगणः- 1. अनूप कुशवाहा आ0 रामाकान्त आयु लगभग 40 वर्ष पेशा प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटना, करहियाखांड थाना पटना जिला कोरिया (छ0ग0) 2. राजेश साहू आ0 रामलखन साहू आयू लगभग 35 वर्ष पेशा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटना में कम्प्यूटर ऑपरेटर निवासी खैरी थाना पटना जिला कोरिया (छ0ग0) 3. गोविन्द्र प्रसाद आ0 मनीलाल यादव आयू लगभग 35 वर्ष सहायक लिपिक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति तरगवां निवासी करहियाखांड़ थाना व तहसील पटना जिला कोरिया (छ0ग0) द्वारा आवेदक खाते से 1,5 लाख का धोखा धड़ी किया गया। जिस पर आवेदक द्वारा पुछताछ किये जाने पर आवेदक को साले गाली-गलौच देते हुये धक्का मुक्की के साथ जान से मारने की धमकी देने के संबंध में शिकायत दिया गया। आवेदक पांच वर्षों से समिति पटना में खाद एवं नगद का लेन-देन करता आ है इस बीच दिनांक 18.07.2024 को के0सी0सी0 खाते में लोन स्वरूप 1.5 लाख रूपये प्राप्त हुये। जिसे पटना समिति ऑपरेटर राजेश साहू के द्वारा मेरा नया चेक बुक बनवाकर एक चेक क्रमांक 086501 मेरे से हस्ताक्षर करा कर ले लिया और बोला की आप घर जाओ और मैं चेक देकर घर चला आया। उसी दिन उस चेक को मेरे खाते में जमा कर 1.5 लाख का आहरण कर मुझे बिना बताये समिति प्रबंधक अनुप कुशवाहा के साथ सांठगांठ कर लिया।
वर्ष 2024 में मात्र लिया 17 हजार का कर्ज जब धान बेचने गया तो पता चला कि यह कर्ज 1 लाख 67 हजार है
आवेदक ने बताया कि वर्ष 2024 में सिर्फ 17000/- का खाद लिया हूं मेरे पता करने पर मुझ पर 1,67,000/- मेरे खाते में कर्ज होना बताया गया। इसके बाद ऑपरेटर राजेश साहू से पूछताछ किया तो वह बोला 1,50,000/- मैं स्वयं आपका नाम चेक में लिखकर निकाला हूं जिसे मैं भर दूंगा। जिस पर दबाव बनाने पर 28000/- अपनी गलती पकड़े जाने पर मुझे दिया और बोला की धान के समय तुम्हारा पुरा कर्जा चुक्ता कर दूंगा जिसकी बात मैंने मान लिया। इसी भ्रम में था पर मैं जब 107 बोरी धान बेचने पटना समिति में लेकर गया तो वह पूरा धान मेरे खाते में कर्ज स्वरूप काट लिया गया पता करने पर पाया कि मेरा 103000/- का कर्जा काट कर समावेश किया गया।


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