कोरिया,@जो देवेंद्र तिवारी की बात करेगा वही पार्टी में राज करेगा?

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-रवि सिंह-
कोरिया,04 जून 2025 (घटती-घटना)। देवेन्द्र तिवारी जिलाध्यक्ष भाजपा कोरिया जैसे ही जिलाध्यक्ष पद पर आसीन हुए वैसे ही बैकुंठपुर विधायक और उनके समर्थकों का वर्चस्व जिले में समाप्त होता चला जा रहा है यह लगातार देखने को मिल रहा है,अब क्या जो देवेंद्र तिवारी की बात करेगा वही पार्टी में राज करेगा वाला मामला कोरिया जिला भाजपा में तय हो गया है। हालिया घट रही घटनाएं तो यही बतला रही हैं कि कोरिया जिला भाजपा में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है और सत्ता विरुद्ध संगठन का आपसी द्वंद खुलकर सामने से जारी है और पूरे द्वंद में सत्ता या यह कहें विधायक सहित उनका खेमा लगातार जिलाध्यक्ष के प्रहारों से घायल हो रहा है और वह हर मोर्चे पर जिलाध्यक्ष से टक्कर ले पाने में असफल नजर आ रहा है वहीं जिलाध्यक्ष और उनका खेमा हर मोर्चे पर विधायक की मंशा और उनके निर्णय को अमान्य करा दे रहे हैं चाहे वह जिले के विषय में प्रशासनिक कोई मामला या निर्णय हो या फिर प्रदेश से जुड़ा जिले के विधायक गुट से संबंधित कोई मामला हो। भाजपा जिलाध्यक्ष लगता है ठान चुके हैं कि वह विधायक के विरुद्ध ही चलते रहेंगे और उन्हें मात देना ही उनका अंतिम और प्रथम लक्ष्य है। इस बीच जिले में भाजपा क्या अपने पतन की ओर भी बढ़ रही है यह भी चर्चाएं तेजी से जारी हैं क्योंकि अनुशासित मानी जाने वाली भाजपा का जो रूप जिले में अब देखने को मिल रहा है वैसा जिले में भाजपा का कोई ऐसा उदाहरण नहीं देखने को मिला जहां सीधे संगठन की लड़ाई विधायक से रही हो उनके समर्थकों से रही हो।
कर्मठ जुझारू कार्यकर्ता जो केवल पार्टी के लिए समर्पित है वह भी चिंतित है वह जाए कहां?
आज जिले में विधायक समर्थक अलग थलग जाकर पड़े हैं और जिलाध्यक्ष अपनी नई टीम जिसमें वह लोग भी शामिल हैं जो कभी विपक्षी दल के साथी थे और विधानसभा चुनावों में जिन्होंने विधायक प्रत्याशी के विरुद्ध काम किया था पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर प्रचार किया था बनाकर नया संगठन तैयार कर रहे हैं,इस बीच पार्टी का कर्मठ जुझारू ऐसा कार्यकर्ता जो केवल पार्टी के लिए समर्पित है वह भी चिंतित है विचारमग्न है कि वह जाए कहां,क्या वह जिलाध्यक्ष के साथ जाए जहां उसकी सुनवाई होगी जरूर लेकिन जहां विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी के विरुद्ध कार्य करने वाले लोग उसे मिलेंगे या वह विधायक के ही साथ रहे जहां उसकी कोई सुनवाई होने की संभावना कम है क्योंकि जिलाध्यक्ष विधायक और उनके समर्थकों को लेकर बिलकुल स्पष्ट नीति से चल रहे हैं जिसमें उनका साफ सन्देश है कि विधायक की अब जिले में सुनवाई नहीं होने देना है,उनके निर्णयों पर निश्चित विराम लगना है।
क्या सत्ता विरुद्ध संगठन की इस लड़ाई में भाजपा को बड़ा नुकसान?
हाल ही में महाविद्यालयों के जनभागीदारी समिति अध्यक्षों की नियुक्ति से जुड़ा एक मामला सामने है जहां जिलाध्यक्ष भाजपा ने विधायक के निर्णय उनकी मंशा को केवल पूरा होने मात्र से नहीं रोका बल्कि उन्होंने विधायक के द्वारा प्रभारी मंत्री से कहकर नियुक्त कराए गए जनभागीदारी अध्यक्षों को हटवा दिया और उनकी जगह अपनी पसंद के अध्यक्षों की उन्होंने नियुक्ति करा दी। वैसे जिन्हें विधायक ने प्रभारी मंत्री से कहकर नियुक्ति दिलवाई थी वह सभी भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं लेकिन चूंकि वह विधायक समर्थक हैं इसलिए मात्र उन्हें पद न प्रदान किया जाए ऐसा जिलाध्यक्ष ने तय कर दिया और प्रदेश संगठन मंत्री से कहकर उनकी जगह अपनी पसंद का अध्यक्ष नियुक्त करा दिया। पूरे मामले में जहां प्रभारी मंत्री के अनुशंसा की भी पुनरावृति कराई गई उन्हें अपना निर्णय बदलने मजबूर किया गया वहीं इस तरह विधायक को भी जिलाध्यक्ष ने साफ संदेश दिया कि उनकी मंशा में विधायक के लिए अब केवल विरोध है जिसे लेकर वह संकल्पित हैं,वैसे सत्ता विरुद्ध संगठन की इस लड़ाई में भाजपा को अब बड़ा नुकसान होगा आने वाले समय में यह तय नजर आने लगा है।
एक महीने के भीतर ही बदल दिए गए विधायक की मंशा से नियुक्त किए गए प्रभारी मंत्री के निर्देश पर नियुक्त महाविद्यालयों के जनभागीदारी समिति अध्यक्ष
बता दें कि महीने भर के भीतर ही महाविद्यालयों के जनभागीदारी अध्यक्षों को जिले के बदल दिया गया,बदले गए अध्यक्षों के नामों में वह नाम शामिल हैं जो बैकुंठपुर विधायक की सहमति से या मंशा से प्रभारी मंत्री की अनुशंसा से अध्यक्ष बनाए गए थे। ऐसा केवल इसलिए किया गया क्योंकि सभी की नियुक्ति विधायक की मंशा से संभव हो सकी थी,अब ऐसा क्यों हुआ यह भी समझना कठिन नहीं है क्योंकि नए भाजपा जिलाध्यक्ष को विधायक की मंशा से सीधे इंकार है और इसीलिए उन्होंने उनकी मंशा को पूरा होने से रोक दिया।
क्या विधायक और जिलाध्यक्ष की आपसी लड़ाई में कोरिया भाजपा पतन की ओर आगे बढ़ रही है?
वैसे जिस तरह का द्वंद बैकुंठपुर विधायक और भाजपा जिलाध्यक्ष कोरिया के बीच चल रहा है उससे यही लग रहा है कि भाजपा कोरिया में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है,यदि इसी तरह चलता रहा तो शायद कोरिया भाजपा का पतन तय हो जाएगा,वैसे सवाल यह है कि क्या यह पतन की शुरूआत है,क्या यह पतन के लिए एक शुरुआती आरम्भ है, वैसे अब विधायक और जिलाध्यक्ष के बीच की सद्भावना संभावना शून्य रह गई है और जिलाध्यक्ष ने हर बात पर उनका विरोध निश्चित लक्ष्य बना लिया है ऐसे में आगे भाजपा कोरिया का भविष्य क्या होगा यह समय बताएगा।
निर्वाचित तीन जिला पंचायत सदस्यों को जनभागीदारी समिति अध्यक्ष विधायक ने बनवाया, भाजपा जिलाध्यक्ष ने उन्हें हटवाया
कोरिया जिले के तीन निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्षों को बैकुंठपुर विधायक की मंशा से जनभागीदारी समिति का अलग अलग महाविद्यालयों के लिए अध्यक्ष बनाया गया जिसके लिए प्रभारी मंत्री से अनुशंसा लेने का काम विधायक ने किया उन्हें भाजपा जिलाध्यक्ष ने एक झटके में हटवा दिया, यह निष्कासन तब हुआ जब प्रदेश संगठन मंत्री जिले में ही उपस्थित थे,वैसे सभी निर्वाचित जिला पंचायत सदस्य बगावत से ही निर्वाचित नहीं हुए थे एक खुद विधायक की बेटी थीं जो भाजपा से ही समर्थन प्राप्त कर पार्टी प्रत्याशी बतौर चुनाव जीत सकी थीं और उन्हें भी अध्यक्ष पद से हटा दिया गया। सभी निष्कासन जिलाध्यक्ष ने इसलिए तय कराया कि क्योंकि सभी विधायक से जुड़े लोग थे भले ही वह भाजपा से जुड़े कर्मठ लोग थे।
जिन्हें भी अपमानित करने जनभागीदारी अध्यक्ष पद से जिलाध्यक्ष ने हटवाया,सभी अलग अलग बड़े क्षेत्र के बड़े जनाधार वाले नेता
जिन तीन जिला पंचायत सदस्यों को जिलाध्यक्ष भाजपा ने अपमानित करने के उद्देश्य से जनभागीदारी अध्यक्ष पद से हटवाया जिससे विधायक की छवि धूमिल हो वह सभी बड़े बड़े क्षेत्र के जनाधार वाले नेता हैं, बात सौभाग्यवती सिंह की हो राजेश साहू की हो या फिर खुद विधायक की बेटी की बात हो सभी काफी जनाधार वाले नेता हैं जिनका पार्टी से मोह भंग होना कहीं न कहीं पार्टी के लिए नुकसानदायक साबित होगा, सभी को यदि हटाना ही था एक उपाय उनसे से ही त्यागपत्र लेकर उन्हें हटाया जा सकता था लेकिन भाजपा जिलाध्यक्ष ने उन्हें अपमानित करके ही बाहर भेजना उचित समझा जो देखा जा रहा है।


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