अंबिकापुर@क्या खनिज विभाग के भ्रष्ट कार्यप्रणाली के कारण सरगुजा जिले अवैध ईटा भठ्ठा संचालित…अवैध उत्खनन और परिवहन का भी चल रहा खेल?

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-अनिल सिन्हा-
अंबिकापुर,30 मई 2025 (घटती-घटना)। जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी का भ्रष्टाचार से पुराना नाता,बीते समय कोरिया जिले में भी जम के किया भ्रष्टाचार,कोयले के खेल में 25 टन वसूली में आया था जमकर नाम,विभागीय जीप के अतिरिक्त ठेकेदार से इस काम को अंजाम देने के लिए स्पेशल हायर की थी नई ऐसी कार ठेकेदार और उसके गुर्गे उठाते थे उक्त कार का मेंटेनेंस और रखरखाव की संपूर्ण जिम्मेदारियां। अब पिछले 2 साल से सरगुजा जिले में एकाएक खनिज माफिया में लुट सी मच गई है ईटा गिट्टी रेता कोयला के व्यापारियों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है पता यह चला है कि जिले में खनिज विभाग के एक भ्रष्ट जिम्मेदार अधिकारी के नियुक्ति के बाद कार्यालय में कई दलाल सक्रिय हो गए हैं और इन कामों को अंजाम देने के लिए अधिकारी और खनिज माफिया के बीच दलाली कर रहे हैं उन्हें संरक्षण विभाग के अधिकारी दे रहे हैं…इसी क्रम में सरगुजा जिले में लाल ईट बंगला भट्ठा बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं और यही वजह है कि सरकार के नियम इन कमला भक्तों में दफन हो चुके हैं जिसकी वजह से सैकड़ो गमला भट्ठा संचालित हो रहे हैं जो बिना लाइसेंस के 10 गुना अधिक गमला भट्ठा में बने लाल इंट का निर्माण कर रहे हैं ऐसे ईट भट्ठों के संचालकों द्वारा इसे पकाने के लिए लकड़ी और कोयला का उपयोग कर रहे हैं खनिज विभाग की टीम ऐसे गमला भट्ठों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते जिससे गमला भट्ठा संचालकों को खुली छूट मिल जाती हैं,इस संदर्भ में जब पत्रकारों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा अवैध कारोबार की शिकायत की जाती है तो अधिकारी रहती है कि आप मेरा किसी भी तरह यहां से ट्रांसफर करवा दो मैं यहां रहना नहीं चाहती इस तरह कह कर उनसे अपना छुटकारा पा लेती है और फिर इनका भ्रष्टाचार का खेल पुराने ढर्रे के तर्ज पर तरह चलने लगता है।
विदित हो कि अंबिकापुर सहित आसपास के गांव वाले इलाके में जैसे ही रुख करेंगे तो इन गांवों के आउटर में आपको धूल का गुबार दिखाई पड़ने लगेगा,गमला भट्ठों से निकला धुआं और इंट से लोड सैकड़ो की तादाद में ट्रैक्टर सड़कों में दौड़ते दिखाई देगा ऐसे गमला भट्ठों में एक दिन में एक-एक लाख ईट का निर्माण होता है इन गमला भट्ठों में हर रोज सैकड़ो की तादाद में प्रवासी मजदूर काम करते हैं भट्ठा संचालक हर रोज लाखों का कारोबार करते हैं इनका खनिज विभाग से चोली दामन का साथ है यही वजह है कि उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती ठीक यही स्थिति वन विभाग की भी है इंट का काला कारोबार करने वाले लोग जंगलों से अवैध खनन कर कोयला लाकर गमला भट्ठो में झोंक रहे हैं,फिर भी वन विभाग के आला अफसर भट्ठा संचालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं इस पूरे लाल ईंट के काले कारोबार में खनिज विभाग पूरी तरह से जिम्मेदार है हम इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि जिला खनिज अधिकारी खुद कह रही है कि वह आज तक गमला भट्टो पर कार्रवाई नहीं की है खनिज विभाग ने आज तक ऐसे गमला भट्टों की मॉनिटरिंग नहीं की है सूत्रों की यदि माने तो इन सभी गमला भट्टो से जिम्मेदार अधिकारी महिना लेती है। कुछ का इनसे डायरेक्ट बातचीत हो जाती है और कुछ दलालों के माध्यम से अपने कारोबार को अधिकारी के आशीर्वाद से संचालित कर रहे हैं।
क्या अंबिकापुर से स्थानांतरण कराकर एमसीबी जिला आना चाहते हैं खनिज अधिकारी?
सूत्रों की यदि माने तो जिले में पदस्थ खनिज अधिकारी पूर्व में कोरिया जिले की भी अधिकारी रही हैं जनकपुर में उनके दौर में जमकर रेता निकाला गया था, हजारों हाईवे रेट उत्तर प्रदेश और झारखंड मध्य प्रदेश की तरफ भेजा जाता था स्थानीय लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि जितना रेता उनके कार्यकाल में निकाला गया तब से लेकर आज तक नहीं निकाला गया, जिसको लेकर आज भी नया जिला एमसीबी बन जाने के बाद भी आज वह फिर से नए जिला जाकर अपने अधूरे सपनों और कारनामों को पूरा करना चाहती हैं, आज भी उनके कार्य कारनामों के लिए जी कोरिया जिले में जांच हो जाए तो कई करोड़ रुपए का भ्रष्टाचार उजागर होने की प्रबल संभावना है।


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