महीनों से इनके नाम से उठाया जा रहा है राशन,अब कुंभकर्णीय नींद से जागा प्रशासन…
रायपुर,29 मई 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले में पिछले एक साल में 10,361 ऐसे लोगों की मौत हो चुकी है, जिनके नाम अब तक राशन कार्ड में दर्ज हैं और उनके हिस्से का राशन हर महीने उठाया जा रहा है। विभागीय अनदेखी और हितग्राहियों की चुप्पी के कारण यह ‘घोस्ट बेनिफिशियरी’ सिस्टम लंबे समय से फल-फूल रहा है।
भौतिक सत्यापन
में हुआ खुलासा
खाद्य विभाग ने हाल ही में उचित मूल्य की दुकानों का भौतिक सत्यापन कराया था। इस दौरान दुकानदारों से कार्डधारकों की जानकारी जुटाई गई, जिसमें सामने आया कि हजारों मृतक अब भी कार्ड में जीवित दर्शाए जा रहे हैं। इनमें कई लोगों की मौत को महीनों बीत चुके हैं, फिर भी उनके नाम से राशन उठाया जा रहा है।
अब हटेंगे सभी मृतकों के नाम
रायपुर खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि,भौतिक सत्यापन में जिले में जारी राशन कार्डों में 10 हजार से अधिक सदस्यों की मृत्यु होना पाया गया है। इन सभी मृत सदस्यों के नाम कार्ड से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। चालू माहांत तक सभी नाम हटा दिए जाएंगे।
ई-केवाईसी से कुछ नाम हुए थे ब्लॉक,फिर भी सिस्टम में भारी खामी
केंद्र सरकार ने राशन दुकानों में सामग्री वितरण में पारदर्शिता बनी रहे तथा किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो, इसे देखते हुए ही ई-केवाईसी सिस्टम शुरू किया है। कोरोनाकाल के दौरान जिले में भी बड़ी संख्या में कई सदस्यों की भी मृत्यु हुई थी,जिनके नाम कार्ड से न ही हटाए गए थे और न ही कार्ड धारक या उनके अन्य सदस्यों ने नाम कटवाने के लिए आवेदन किए थे। ईकेवाईसी सिस्टम शुरू होने के बाद मृत सदस्यों के नाम भी ऑटोमैटिक ब्लॉक हो गए, क्योंकि केवाईसी के दौरान हितग्राही को खुद को जीवित बताना है। इसके लिए ईपॉस मशीन में अपना आधार अपडेट कराने के दौरान स्वयं हितग्राही को अपना फिंगर या फेस से सत्यापन कराना होता है। इसके बगैर केवाईसी नहीं होता। जितने लोगों ने केवाईसी नहीं कराया, लगभग उन सभी के नाम को ऑनलाइन सिस्टम ने मृत मानकर ब्लॉक कर दिया है। हालांकि जिन मृत सदस्यों का आंकड़ा अभी सामने आया है,उनमें कईयों की मौत ईकेवाईसी कराने के बाद हुई है।
