कविता@शरारती चूहा …

Share


चूहा बिल्ली खेल निराला।
बिल्ली गोरी चूहा काला।।
बिल्ली चूहे को दौड़ाए।
चूहा झट बिल में घुस जाए।।
खूब करे पकड़म–पकड़ाई।
छिप कर चूहा ले अँगड़ाई।।
पर बिल्ली के हाथ न आता।
झाँक–झाँक कर खूब चिढ़ाता।।
चिढ़ जाती खिसियानी बिल्ली।
चूहा रोज उड़ाता खिल्ली।।


Share

Check Also

लेख@सोशल मीडिया की चकाचौंध एक मृग मरीचिका की तरह है…

Share आज के समय में सोशल मीडिया की चकाचौंध ने लोगों को बहुत प्रभावित किया …

Leave a Reply

Sahifa Theme License is not validated, Go to the theme options page to validate the license, You need a single license for each domain name.