कोरिया,@जिला पंचायत सदस्य सौभाग्यवती सिंह कुसरो का बढ़ता जनाधारक्या कुछ भाजपा के ही नेताओं के गले नहीं उतर रहा है?

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-रवि सिंह-
कोरिया,27 मई 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिला भाजपा में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है यह देखा समझा जा रहा है लगातार ऐसी कई घटनाएं सूचनाएं सामने आ रही हैं जो साबित कर रही हैं कि सत्ता संगठन का खिंचाव चरम पर है और कहीं न कहीं पार्टी जिले में दो धड़ों में बंट गई है जिसमें एक धड़ा भाजपा जिलाध्यक्ष का है और एक भाजपा विधायक का। धड़ों में बंट चुके कोरिया भाजपा में आज आपसी मनमुटाव की स्थिति यह है कि अब पार्टी के ही समर्पित कार्यकर्ताओं का विरोध हो रहा है और यह विरोध भाजपा के ही लोग कर रहे हैं और यह टांग खिंचाई लगातार जारी है,इसी क्रम में एक मामला पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष बैकुंठपुर और वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य सौभाग्यवती सिंह कुसरो से जुड़ा सामने आ रहा है जिसमें उनका बढ़ता जनाधार भाजपा के ही लोगों के लिए असहनीय हो चुका है और उनका कद छोटा करने भाजपा के ही लोग प्रयासरत हैं ऐसा एक आरोप वह खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लगा रही हैं जिसका मजमून जो है उससे यही समझ में आ रहा है कि उनका कद बढ़ने न पाए इसलिए लोग प्रयासरत हैं। वैसे सौभाग्यवती सिंह का सोशल मीडिया पर किया गया पोस्ट क्या इसलिए है कि उनके बढ़ते कद से भाजपा के लोग ही परेशान हैं उसे छोटा करना चाहते हैं। वैसे सोशल मीडिया पोस्ट महाविद्यालय जनभागीदारी अध्यक्ष पद पर उनकी नियुक्ति को लेकर किया गया पोस्ट है यह समझा जा सकता है क्योंकि उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद यह पोस्ट सामने आया जिसमें उन्होंने कुछ अज्ञात लोगों पर आरोप लगाया। उन्होंने महिला विरोधी कहकर यह पोस्ट किया और खुद लिए इसे एक षड्यंत्र बताया।
भाजपा में ही बनी रहना चाहती हैं सौभाग्यवती…पर कुछ भाजपाइयों की मंशा है कि छोड़ दें पार्टी?
सौभाग्यवती सिंह से पूछने पर वह भाजपा में ही बने रहने का अपना संकल्प दोहराती हैं वहीं कुछ भाजपा के लोग उन्हें पार्टी में पसंद नहीं करते यह भी वह स्वीकार करती हैं। बताया यह जाता है कि सौभाग्यवती सिंह खींची हुई लकीर पर ही समिति नहीं रहती हैं और पार्टी के लिए वह आगे बढ़कर भी काम करती हैं जो कुछ भाजपाइयों के लिए चुभन का कारण है जो उन्हें पार्टी से दूर करना चाहते हैं। वैसे सौभाग्यवती सिंह को करीब से जानने वाले यह भी कहते हैं कि साा शासन न होते हुए भी विपरीत दल की प्रदेश सरकार के कार्यकाल में भी उन्होंने भाजपा पार्टी का दामन नहीं छोड़ा और वह जनपद अध्यक्ष बैकुंठपुर बतौर बेहतर काम करती रहीं,जरूरत पड़ने पर उन्होंने विरोध भी किया था और तब सरकार पार्टी की न होते हुए भी उन्होंने पीछे न हटने का निर्णय लिया था। भाजपा के लिए उन्होंने हर स्तर पर तब काम किया था जो उनकी भाजपा के लिए समर्पण भाव को दर्शाता है।
भाजपा के पक्ष में विचारधारा बना लेने के बाद दूसरी पार्टी के बारे में नहीं सोच सकते हैंःसौभाग्यवती
सौभाग्यवती सिंह का कहना है कि भाजपा के पक्ष में एकबार विचारधारा बना लेने के बाद अब उसे छोड़कर जाना संभव ही नहीं वहीं ऐसा सोचने वाले भी गलत हैं जो उन्हें उपेक्षित कर पार्टी में पार्टी से बाहर जाने मजबूर करने की मंशा रखते हैं,उनका कहना है कि पार्टी उनकी भी है और वह आरम्भ से भाजपा से जुड़ी हैं इसलिए ऐसे भाजपा के लोगों को अपना विचार उनके प्रति बदलना होगा जिन्हें वह चुभ रही हैं जो उन्हें बाहर जाते पार्टी से देखना चाहते हैं,उनका कहना है कि पार्टी जितनी हर भाजपाई की है उतनी ही उनकी भी है इसलिए उन्हें अब अपनी अलगाव की विचारधारा से अलग जाकर पार्टी की एकजुटता के लिए सोचना चाहिए,उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा का हर कार्यकर्ता उनका महत्वपूर्ण अंग है यह सभी को मानना होगा तभी पार्टी विशाल होगी।
कांग्रेस की सरकार प्रदेश में होने के बाद भी उन्होंने भाजपा का दामन थामे रखा था…
सौभाग्वती सिंह वैसे तो भाजपा की ही नेत्री हैं आरम्भ से और वह भाजपा समर्थन से ही कांग्रेस शासनकाल में जनपद अध्यक्ष बैकुंठपुर बनी थीं वहीं पूरे अपने अध्यक्ष के कार्यकाल में कांग्रेस की सरकार प्रदेश में होने के बाद भी उन्होंने भाजपा का दामन थामे रखा था और भाजपा के लिए हर मोर्चे पर खड़ी भी रहती थीं,उनका पार्टी से निष्कासन केवल इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने पार्टी के अधिकृत जिला पंचायत अध्यक्ष अध्यक्ष पद के प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर नामांकन दाखिल किया था जिसमें भी उनका यह कहना था कि उन्हें पूर्व में अध्यक्ष पद का प्रत्याशी नहीं बनाया गया है इसके लिए कोई जानकारी नहीं दी गई थी जिसके कारण उन्होंने नामांकन दाखिल किया,अब सच झूठ का कोई प्रमाण दैनिक घटती घटना के पास नहीं है लेकिन सौभाग्यवती सिंह के निष्कासन का कारण उनका नामांकन भरना ही रहा। सौभाग्यवती सिंह वैसे अकेले नहीं थीं जिन्होंने भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध जाकर पंचायत चुनाव में नामांकन दाखिल किया,कई भाजपा नेताओं ने ऐसा किया और कई जगह इसी वजह से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों की हार भी हुई लेकिन कहीं भी कोई अन्य उदाहरण सामने नहीं आया जहां किसी का निष्कासन हुआ।
कोरिया में दो धड़ों में बटी हुई भाजपा
वैसे भाजपा कोरिया में आजकल सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है यह लगातार देखने सुनने को मिल रहा है,दो धड़ों में बटी हुई कोरिया भाजपा जिलाध्यक्ष खेमे और विधायक खेमे के रूप में नई पहचान लेती जा रही है जिसका आगे क्या परिणाम पार्टी को भुगतना होगा यह देखने वाली बात होगी। नए जिलाध्यक्ष के लिए जहां विधायक के लोग आज पराए हैं वहीं विधायक भी अब जिलाध्यक्ष खेमे से जुड़े लोगों से दूरी बनाते नजर आते हैं। कई मामलों में यह सबकुछ सामने भी आने लगा है जो पार्टी के लिए फायदेमंद है या नुकसानदायक यह साा और संगठन को आगे तय करना है, सौभाग्यवती सिंह का मामला भी इसी तरह का है वह विधायक गुट की हैं और वह इसलिए संगठन के लिए अप्रिय हो चुकी हैं यह भी सुनने को मिलता रहता है। वैसे सौभाग्यवती सिंह इन सभी से अलग पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा समर्पण जाहिर करती रहती हैं बगावत उनकी तरफ से नजर नहीं आया। सौभाग्यवती आगे भी बगावत करेंगी ऐसा भी समझ में उनके हावभाव से नहीं आता, सौभाग्यवती सिंह का जनाधार भी बढ़ा है यह भी स्वीकार करते हैं लोग क्योंकि जनपद अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीत लिया।
भाजपा समर्थक का पार्टी से मोहभंग ना हो इसलिए विधायक ने दी नई जिम्मेदारी?
सौभाग्यवती सिंह जैसी जनाधार वाली और आदिवासी समाज से आने वाली जिला पंचायत सदस्य सौभाग्यवती सिंह का पार्टी से मोहभंग न हो इसलिए बैकुंठपुर विधायक ने उन्हें महाविद्यालय का जनभागीदारी समिति अध्यक्ष बनाया जाए यह प्रस्ताव प्रभारी मंत्री के समक्ष रखा जो स्वीकार हुआ, सौभाग्यवती सिंह नेतृत्व क्षमता के मामले में भी अपनी बेहतर पहचान रखती हैं वहीं वह क्षेत्र में भी काफी लोकप्रिय हैं जहां उनका आमजनों से घुलमिल जाना ही उनकी छवि को जनसामान्य के बीच लोकप्रिय बनाता है, बैकुंठपुर विधायक भईयालाल राजवाड़े सौभाग्वती सिंह के इस पहचान से उनके जनाधार से वाकिफ हैं इसलिए वह हमेशा उन्हें पार्टी में जोड़े रखना चाहते हैं, सौभाग्यवती सिंह का भाजपा में होना निश्चित रूप से भाजपा के लिए फायदेमंद भी है क्योंकि वह एक समाज विशेष को भाजपा के पक्ष में करने की जिम्मेदारी बखूबी निभा सकती हैं वहीं आज उनकी छवि सर्वसमाज में भी प्रसिद्ध हो चुकी है साथ ही वह लोकप्रिय जननेता हैं यह विधायक शायद मानते हैं।


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