- चिरमिरी वन परिक्षेत्र अधिकारी के नेतृत्व में पोड़ी पुलिस की सहयोग से अतिक्रमण हटाने गए टीम पर हुआ हमला जान बचा कर भागने को मजबूर हुई संयुक्त टीम
चिरमिरी,24 मई 2025 (घटती-घटना)। चिरमिरी के वार्ड क्रमांक एक के अन्तर्गत आने वाले केराडोल में अतिक्रमणकारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि सागौन की वृक्षों को काट कर दुकान और मकान का निर्माण कर रहे है,अतिक्रमण पर रोक लगाने की मांग पर कार्यवाही करने चिरमिरी वन परिक्षेत्र अधिकारी के नेतृत्व में पोड़ी पुलिस की सहयोग से अतिक्रमण हटाने गई टीम जब केराडोल पहुंची तब उनके टीम पर स्थानीय लोगों ने यह कहते हुए कि हमारा परिवार बड़ा हो रहा है हम कहां जाए। स्थानीय युवकों और महिलाओं द्वारा संयुक्त टीम के साथ गाली-गलौज और धक्का-मुक्की करने पर उतारू हो गए बता दें कि सैकड़ों की संख्या में पुरुष और महिलाएं वहां मौजूद थे। हालात की गंभीरता को देखते हुए वन परिक्षेत्र अधिकारी ने और सिपाहियों को मौके पर बुलाया लेकिन केराडोल वासियों ने भी स्थिति का अंदाजा पहले ही लगा लिया और संयुक्त टीम पर अचानक हमला कर दिया गया वहीं पोड़ी पुलिस के मात्र चार सिपाहियों के साथ वन विभाग की टीम एक महिला सिपाही ले कर मौके पर गई थी वन परिक्षेत्र अधिकारी ने हालत बिगड़ता देख वहां से वापस जाने का फैसला किया। हालत बिगड़ता देख चिरमिरी वन विभाग की टीम आज वापस तो आ गई लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसी स्थिति निर्मित क्यों हुई? अगर आप सच जानना चाहते हैं तो आपको केराडोल वासियों के बारे में भी जानना पड़ेगा, चिरमिरी वन परिक्षेत्र के 524 नंबर बिट के बिट गार्ड हैं राधेश्याम यह खुद को बिट गार्ड नहीं बल्कि वनमण्डलाधिकारी समझते हैं और इन्हीं के द्वारा पैसे ले कर केराडोल वासियों को घर बनाने की अनुमति दे दी जाती है, इसमें भी एक सवाल है कि आखिर उच्च अधिकारियों के संलिप्तता के बगैर क्या यह संभव है खैर यह तो जांच का विषय है लेकिन अगर पैसे ले कर जमीन दिए जाते रहे और मकानों का निर्माण ऐसा ही होता रहा तो केराडोल में करोड़ों की लागत से विभाग ने जो प्लांटेशन कराई है वह नष्ट हो जाएगी और विभाग यह सब देखने को मजबूर होगा लेकिन राधेश्याम जैसे बिट गार्डों जो कभी पट्टे के बदले पैसे तो कभी जमीन के बदले पैसों की मांग करते है उन पर अगर विभाग सख्त और कड़े कार्यवाही करती है तो शायद वनों को बचा पाने में विभाग को कामयाबी मिल सकती है।