अंबिकापुर,18 मई 2025 (घटती-घटना)। शहर के कपड़ा कारोबारी व सप्लायर फर्म के निवास पर शनिवार की अलसुबह एसीबी और ईओडल्यू की टीम ने संयुक्त रूप से छापा मारा था। घंटों चली कार्रवाई के बाद टीम ने 19 लाख रुपए नकद और ठेके के दस्तावेज जत किए हैं। कारोबारी पर डीएमएफ मद से करोड़ रुपए की सप्लाई में बड़ा घोटाला करने का आरोप है।
शहर के बसंत लाल मार्ग निवासी अशोक व मुकेश अग्रवाल जो कि भाई हैं। यह दोनों कपड़े की थोक कारोबारी हैं। इनका सप्लायर फर्म धजाराम-विनोद कुमार अग्रवाल के नाम से है। इन पर डीएमएफ मद से करोड़ रुपए की सप्लाई में बड़ा घोटाला करने का आरोप है। दोनों के खिलाफ डीएमएफ घोटाले में एफआईआर भी दर्ज है। इसके पूर्व ईडी की टीम कारोबारी भाइयों के घर छापा मार चुकी है। शनिवार की सुबह एसीबी और ईओडल्यू की टीम ने इनके घर पर छापा मारा था। छापेमारी की कार्रवाई लगभग 9 घंटे तक चली। एसीबी के सीडीपी प्रमोद कुमार खेस ने बताया कि कारोबारी फर्म के संचालकों के घर से 19 लाख 1 हजार रुपए नकद और ठेके के दस्तावेज बड़ी संख्या में जत किए गए हैं। घर में मुकेश अग्रवाल एवं उनके पिता थे। अशोक अग्रवाल किसी काम से बस्तर गए थे। टीम ने जांच के बाद नकदी और दस्तावेजों को जत किया है।
ईडी की टीम पहले मार चुकी है छपा
फर्म द्वारा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर सरकारी विभागों में सप्लाई की गई थी। इनमें महिला और बाल विकास और आदिम जाति कल्याण विभाग शामिल हैं। कारोबारी फर्म के संचालक अशोक अग्रवाल का नाम डीएमफ घोटाले की जांच में सामने आया था। जिसका नाम डीएमफ घोटाले की एफआईआर में भी है। डीएमफ घोटाले की जांच कर रही ईडी की टीम ने पहले छापा मारकर दस्तावेज जत किए थे। इसके बाद यह दूसरी बार छापेमारी की कार्रवाई हुई है।
दोपहर 3 बजे तक चली कार्रवाई
शनिवार को एसीबी व ईओडलू की टीम ने प्रदेश में शराब घोटाला व डीएमफ घोटाले के मामले में 5 शहरों में छापेमारी की है। अंबिकापुर में एसीबी व ईओडलू अधिकारियों की टीम ने कपड़ा कारोबारी और सप्लायर फर्म धजाराम-अशोक कुमार के संचालक मुकेश अग्रवाल, अशोक अग्रवाल के ब्रम्हरोड स्थित आवास पर पहुंच कर छापा मारा। तड़के पहुंची टीम ने घर में सो रहे सदस्यों को उठाया और जांच शुरू की। जांच दोपहर 3 बजे तक चली।
कार्रवाई से कारोबारी में हड़कंप
कार्रवाई से अवैध कारोबारियों के बीच जहां एक और हड़कंप है, वहीं कपड़ा कारोबारी के घर दूसरी बार छापे की कार्रवाई से तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। पूर्व में ईडी की टीम ने छापेमारी कर कई दस्तावेज अपने साथ ले गए थे। उसे दौरान ईडी ने कारोबारी को हिरासत में भी लेने की बात सामने आई थी।
