कोरिया@क्या जनपद सीईओ के पास नहीं है कोई अपना विभागीय इंजीनियर जिसके कारण तकनीकी सहायकों को पंचायत के निर्माण कार्य का सौंप दिया है जिम्मा?

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कोरिया,10 मई 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के जनपद पंचायत कार्यालय के संबंध में एक नई जानकारी निकलकर सामने आ रही जिसमें यह देखने को मिल रहा है कि ग्राम पंचायतों के सभी निर्माण कार्यों की देखरेख और निर्माण कार्यों के भुगतान हेतु होने वाले मूल्यांकन के लिए विभागीय इंजीनियर को जिम्मा न देते हुए मनरेगा के तकनीकी सहायकों को इसका जिम्मा दे दिया गया है और एक एक तकनीकी सहायक लगभग 16 से अधिक ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों की देखरेख करेंगे वहीं वह निर्माण कार्यों के लिए होने वाले भुगतान का मूल्यांकन भी करेंगे। अब ऐसा क्यों किया गया है विभागीय महिला इंजीनियर को क्यों निर्माण कार्यों के संबंध में अलग रखा गया है इसको लेकर कोई जानकारी सामने तो नहीं आई है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या तकनीकी सहायक मनरेगा सीईओ को ज्यादा कमीशन दिलवाने में मदद करेंगे इसलिए उन्हें जिम्मा सौंपा गया है।वैसे बता दें कि कोरिया से एमसीबी जिला अलग होने के बाद बैकुंठपुर विकासखंड कोरिया जिले का सबसे बड़ा विकासखंड हो गया है जिसमें अब खड़गवां से अलग हुए पोड़ी बचरा क्षेत्र भी शामिल हो गया है। बैकुंठपुर विकासखंड आज प्रदेश के बड़े जो ग्राम पंचायतों के मामले में उनकी संख्या के मामले में कहा जाए तो बड़े विकासखंडों में अपना नाम दर्ज कर चुका है वहीं इस विकासखंड के पंचायत विभाग के कामकाज को लेकर बात की जाए तो ऐसा लग रहा है कि यहां सबकुछ किसी के निर्देश पर चल रहा है और यहां निर्माण कार्यों में कहीं न कहीं कमीशन का खेल जारी है इसलिए तकनीकी सहायकों को निर्माण कार्यों के मूल्यांकन का जिम्मा दे दिया गया है।जनपद पंचायत के 23 ग्राम पंचायतों को ही मात्र सहायक अभियंता को सौंपा गया है शेष सभी के लिए अब तकनीकी सहायक जिम्मेदार होंगे।वैसे बताया जाता है एक अन्य अभियंता के होते हुए भी उसे ग्राम पंचायतों का जिम्मा नहीं दिया गया।बताया यह भी जाता है कि जिस महिला अभियंता को ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी नहीं दी गई है वह निर्माण कार्यों के मूल्यांकन में गड़बडि़यां बर्दाश्त नहीं करतीं हैं इसलिए ही शायद उन्हें जिम्मेदारी से दूर रखा गया है।
क्या तकनीकी सहायक देंगे निर्माण में अधिक कमीशन इसलिए सौंपी गई है उन्हें जिम्मेदारी
बैकुंठपुर जनपद पंचायत कार्यालय द्वारा तकनीकी सहायकों को ही पंचायतों का मूल्यांकनकर्ता बना दिया गया है,एक महिला सहायक अभियंता के अलावा जिसे 23 ग्राम पंचायतों का जिम्मा दिया गया है के अलावा अन्य सभी शेष ग्राम पंचायतों के लिए तकनीकी सहायक ही अब मूल्यांकनकर्ता इंजीनियर होंगे,अब सवाल यह उठता है कि ऐसा आखिर क्यों किया गया जबकि अन्य भी एक अभियंता विभाग के पास है,क्या तकनीकी सहायक ज्यादा कमीशन देंगे इसलिए ऐसा किया गया,क्या जिले में पंचायत विभाग में कमीशन का खेल चल रहा है। सवाल कई हैं और जिनके जवाब मिलने बाकी हैं।
एक महिला इंजीनियर को सिर्फ बैठे-बिठाए ही वेतन देने क्या है मजबूरी?
जनपद कार्यालय बैकुंठपुर द्वारा आजकल तकनीकी सहायकों पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा है,अपने अभियंताओं पर ही जैसे कार्यालय को भरोसा नहीं है या कोई अन्य बात है,अब जिस तरह से अभियंता और तकनीकी सहायकों के बीच कार्य विभाजन किया गया है उसको देखकर तो यही लगता है कि मामला कुछ न कुछ गड़बड़ी वाला है,अभियंता के होते हुए तकनीकी सहायकों पर भरोसा क्यों कर रहा है जनपद कार्यालय बैकुंठपुर यह बड़ा सवाल है।
क्या महिला इंजीनियर काम के प्रति हैं ईमानदार इस वजह से उसे निर्माण कार्य देखने की जिम्मेदारी नहीं दी जाती?
वैसे सूत्रों के अनुसार जिस महिला अभियंता को विकासखंड के किसी भी ग्राम पंचायत की जि़म्मेदारी नहीं दी गई है उसको लेकर बताया जा रहा है कि वह काफी ईमानदार है और वह कार्यों के मूल्यांकन में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं करतीं हैं,अब सवाल यह उठता है कि क्या इसीलिए उसे जिम्मेदारी नहीं दी गई है।


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