सुविधाओं के नाम पर सिर्फ एक सोलर पंप वो हर समय नही देता साथ,मूलभूत सुविधाओं से कोसो दूर ग्राम सीतापुर

कोरिया/एमसीबी,28 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। विकासखंड सोनहत की सीमा से कुछ दूर एमसीबी जिले के भरतपुर विकासखंड अंर्तगत स्थित वनांचल ग्राम सीतापुर जो मूल भूत सुविधाओं का मुहताज हो गया है। लोगों को सड़क बिजली स्वास्थ्य के अलावा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध नही हो पा रहा है। वैसे तो पिछले पंचवर्षीय में सोलर संचालित टयूब वेल लगाया है लेकिन हर समय ग्रामीणों को उसका लाभ नही मिल पाता है। लोगों की प्यास बुझाने के लिए यहां न तो काई प्याउ है और न ही कोई जनप्रतिनिधि ही यहां पर पानी के समस्या को लेकर जागरूक है। यह स्थान कोरिया जिले के भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में स्थित है जिसे सीतापुर के नाम से जाना जाता है। यहां प्रतिदिन परिवार का प्रत्येक सदस्य प्यास बुझाने के लिए सुबह से शाम तक जदोजहद करता है। यह मामला जिला मुख्यालय के विकासखण्ड भरतपुर के ग्राम पंचायत देवसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम सीतापुर का है जो कि जिला मुख्यालय से लगभग 140 किमी है,जहां प्रत्येक ग्रामीण पानी के लिए लगभग लंबी दूरी तय करने को मजबूर है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर निवास करने वाले अधिकतर आदिवासी समुदाय है जो लगभग विगत कई वर्षो से पीने के पानी की समस्याओं से जूझ रहे है, इन ग्रामिणों ने अपनी प्यास बुझाने के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारीयों और जनप्रतिनिधियों के आगे गुहार लगाई जिसके बाद पूर्व विधायक गुलाब कमरो के द्वार सोलर पंप प्रदान कराया गया और थोड़े बहुत विकास कार्य कराए गए पर वर्तमान में वही स्थिति पुनः निर्मित हो रही है। ज्ञात हो की यह ग्राम गुरुघासीदास पार्क सीमा से लगा हुआ है यहॉं पिछली कई पिढि़यों से निवास करने वाले ग्रामीणों में अधिकतर आदिवासी समुदाय के लोग है जो रोजाना लंबी दूरी तय कर अपनी प्यास बुझाते है।
विकराल है समस्या
बारिश के मौसम के अलावा यहां साल के 6 से 7 माह पानी की किल्लत बनी रहती है जिससे निजात पाने के लिए इस ग्राम का प्रत्येक सदस्य रोजाना घाट के पत्थरीली और जंगली रास्तों से होकर अपने परिवार की प्यास बुझाने के लिए सफर करता है इस सफर मे बच्चे बुढे महिलाएं सभी शामिल होते है जो कंधो और सर पर पानी का पात्र लिये इस दुर्गम मार्ग से यात्रा करते है इस ग्राम में 30 से अधिक परिवार निवासरत है जो इस समस्या से निजात पाने के लिए शासन व प्रशासन से अपेक्षा रखे हुए है परन्तु प्रशानिक अमला जमीनी हकिकत से वाकिफ होने के बावजूद भी इस गांव की समस्याओं से यहां के लोगों को आज तक निजात नही दिला सका है जिसने शासन द्वारा चलाई जा रही शासकिय योजनाओं की कलई खोल कर रख दी है। यहा शासन द्वारा एक सौर ऊर्जा हैंड पम्प लगाया गया था जिसके लगने के बाद ग्रामीणों को कुछ राहत जरूर महसूस हआ था लेकिन यह हैंड पर समय समय पर खराब होता रहता है जिससे साल में कई बार ग्रामीणों को इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।
राशन के लिए भी सफर
इस ग्राम में जहां पेयजल संकट है वहीं यहां के ग्रामिणों को राशन के लिए शासकीय उचित मूल्य की दुकान जाने में लगभग 3 किमी का सफर जंगलो के रास्ते हर माह तय करना पड़ता है तब कहीं जाकर यहां के घरों में चूल्हा जलता है। पेयजल के साथ इस ग्राम की दो वक्त रोटी की समस्या यहां कई वर्षो से व्याप्त है राशन के लिए एक लम्बा सफर तय करने वाले इसके अलावा कुछ और भी ऐसे ग्राम है जहां के ग्रामीण ग्राम पंचायत देवसील राशन लेने के लिए पहुंचते है इस समस्या से प्रभावित ग्राम चिखली व सीतापुर है जहां के लोगो को लगभग 4 किमी का सफर पेट की आग बुझाने के लिए करना पड़¸ता है। ग्रामीणों ने इस तरह की समस्याओं से निजात दिलाए जाने की मांग करते हुए पहली प्राथमिकता बतौर सड़क निर्माण कार्य की मांग किया है।
नही आते जनप्रतिनिधि
ग्रामीणों ने बताया की लोकसभा विधानसभा और पंचायत चुनाव के समय यहां पर सभी दलों के जनप्रतिनिधियों का दौरा हुआ था बड़े बड़े वायदे कर सभी चले गए लेकिन जनप्रतिनिधियों ने चुनाव में किए गए वायदों को अभी तक पूरा नही किया है।
रामगढ़ कोटाडोल सड़क निर्माण कार्य अधर में…
पूर्ववर्ती सरकार में विधायक गुलाब कमरो ने रामगढ़ से कोटाडोल सड़क निर्माण कार्य की स्वीकृति प्रदान कराई थी, बाकायदा उसके राशि जारी होने के सम्बंधित आदेश भी छत्तीसगढ़ मंत्रालय से जारी हुआ था लेकिन टेंडर प्रक्रिया होने से पहले सरकार बदल गई,सड़क निर्माण कार्य की राशि जारी होने के बाद रामगढ़ कोटाडोल देवसील कटवार मसर्रा सोनवाहि नतवाही चुलादार के ग्रामीणों में काफी उत्साह का माहौल था लेकिन वर्तमान समय मे सड़क निर्माण ठंडे बस्ते में जाता दिखाई दे रहा है,क्षेत्र के लोगो की मांग है कि सरकार जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य आरंभ करे जिससे आवागमन में सुविधा हो सके।