- रवानगी मिलने के बाद प्रधान आरक्षक अपने अधिकारियों व आईजी ऑफिस के कर्मचारियों को अपने स्थानांतरण का दोषी मान रहे हैं,वह अपनी कमी और अपना दोष क्यों नहीं देख रहे हैं?
- प्रधान आरक्षक के आलीशान ऑफिस के सामने अच्छे-अच्छे अधिकारियों का ऑफिस भी औसत नजर आते हैं,
- क्या कोरिया में रहकर अपने जमीन के व्यापार को आगे बढ़ाना चाह रहे हैं वह?

-रवि सिंह-
कोरिया,26 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)। आखिरकार कोरिया जिले को दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले प्रधान आरक्षक से निजात मिल गई, निजात अभियान भले ही कोरिया जिले में ही पदस्थ रहे एक पुलिस अधीक्षक ने नशीली दवाओं के कारोबार को लेकर चलाया था लेकिन जिले को असली निजात ऐसे दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले पुलिसकर्मियों से चाहिए थी जो जाते जाते सरगुजा रेंज से स्थानांतरित हुए आईजी अंकित गर्ग दिला गए। अब सरगुजा आईजी रहे अंकित गर्ग के आदेश के परिपालन में स्थानांतरित पुलिसकर्मियों की रवानगी भी संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक जारी करना शुरू कर चुके हैं और इसी क्रम में कोरिया जिले के विवादित साथ ही अवैध कारोबार को संरक्षण देने वाले जमीन की दलाली करने वाले जुआ फड़ में नाल वसूलने वाले प्रधान आरक्षक की भी रवानगी हो गई। अब रवानगी मिलने के बाद बताया जा रहा है कि कोरिया जिले से रवानगी लेने वाला उक्त प्रधान आरक्षक कभी आईजी कार्यालय के कर्मचारियों को दोषी ठहरा रहा है अपने तबादले के लिए और कभी कोरिया जिले के ही अधिकारियों को दोषी बता रहा है वहीं वह अपनी कमियों और अपनी दोषपूर्ण कार्यप्रणाली को दोषी नहीं ठहरा रहा है,जबकि वह ऐसा पुलिसकर्मी रहा है जिसकी आय से कई गुना अधिक संपत्ती है और इसका कारण है उसका जमीन दलाली का काम और उसका जुआ फड़ में नाल वसूली का काम,ऐसा हम नहीं पुलिस विभाग के ही कर्मचारियों का कहना है और जो दबी जबान से यह कहते सुने जाते हैं कि उक्त प्रधान आरक्षक की आदत में ही बेइमानी की कमाई शामिल है और जिसके बिना वह रह नहीं सकता।
आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर भी जांच होगी?
प्रधान आरक्षक ने जिले में गलत तरीके से और अपने फर्ज के प्रति बेइमानी करते हुए आय से अधिक संपत्ती अर्जित की है,मामला जुआ खिलवाने सहित नाल वसूली का हो ब्याज के काम का हो और या फिर जमीन दलाली का हो सभी में प्रधान आरक्षक का नाम जरूर शामिल होता था और ऐसा ही करके उन्होंने काफी अधिक संपत्तीअवैध रास्तों से अर्जित कर ली है। अब देखना यह है कि क्या प्रधान आरक्षक के आय से अधिक संपत्ती मामले की भी जांच होती है कि नहीं, वैसे बताया जाता है कि जांच हुई तो अवैध कारनामों की कलई खुल जाएगी और यह नजर आयेगा कि कैसे अपने फर्ज को ताक पर रखते हुए प्रधान आरक्षक ने अवैध संपति अर्जित करने कानून विरुद्ध कार्य किया।
प्रधान आरक्षक के जाने से अवैध कारोबारी हुए दुखी
बताया जा रहा है कि प्रधान आरक्षक के तबादले से रवानगी से जिले के अवैध कारोबारियों में भी उदासी का माहौल है। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा मायूस और उदास जिले के जुआ फड़ संचालक हैं भूमाफिया हैं क्योंकि उनके लिए ही जैसे प्रधान आरक्षक नौकरी करते थे और उन्हीं के द्वारा जैसे वेतन पाते थे ऐसा उनका कार्यव्यवहार था।
सुपर कॉप प्रधान आरक्षक के स्थानांतरण से जिले के पुलिस महकमे के लोगों ने ली चैन की सांस
बताया जा रहा है कि खुद को सुपर कॉप पुलिसकर्मी बताने वाले साबित करने वाले प्रधान आरक्षक के तबादले के बाद से ही जिले का पुलिस महकमा उत्साहित है, एक एक पुलिसकर्मी उत्साहित हैं और इसके पीछे का कारण यह है कि यह ऐसे प्रधान आरक्षक थे जो केवल कान भरकर ही अधिकारियों का सुपर कॉप बने हुए थे और उसी आधार पर वह अन्य के विरुद्ध अधिकारियों को भड़काते थे और अपना वर्चस्व बनाने दबाव अन्य पर जमाने इसका उपयोग करते थे। जिले के पुलिसकर्मियों की माने तो प्रधान आरक्षक का जिले से जाना जिले की कानून व्यवस्था के लिए भी अच्छा है और पुलिस विभाग के कमर्चारियों के लिए भी,अब अवैध कार्यों पर कुछ लगाम लग सकेगा ऐसा नाम न छापने की शर्त पर कुछ पुलिसकर्मियों ने ही बताया।
प्रधान आरक्षक की रवानगी से पुलिसिंग होगी सही साथ ही कर्मचारी भी जबरन की प्रताड़ना से बचेंगे
माना जा रहा है और दबी जबान से जिले के पुलिस कर्मी भी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रधान आरक्षक की रवानगी होते ही अब जिले की पुलिसिंग सुधर जाएगी,जिले में अब अवैध कारोबार जमीन के दलालों को कोई ऐसा विश्वासपात्र साथी नहीं मिलेगा और इस तरह जिले में अवैध कारोबार और जमीन की दलाली मामले में कमी आएगी। वहीं जिले के पुलिसकर्मी भी जबरन की प्रताड़ना से बच सकेंगे ऐसा भी माना जा रहा है क्योंकि बताया जाता है कि प्रधान आरक्षक जिसे जिले से बाहर का रास्ता दिखाया गया है उसका काम ही मात्र कान भरकर अपनी वाहवाही लेना था और अवैध कारोबार को संरक्षण देना था।
तबादला रुकवाने नेताओ के हांथ पैर जोड़ रहा है सुपर कॉप प्रधान आरक्षक:सूत्र
वैसे बताया यह जा रहा है कि वह जबसे तबादला आदेश देखा है लगातार इसे खुद से चाहा गया तबादला बता रहा है वहीं वह जाना भी नहीं चाहता, सूत्रों के अनुसार बताया यह भी जा रहा है कि उक्त प्रधान आरक्षक हाल ही में सुरजपुर जिले के भाजपा के दिग्ज नेता के पास पहुंचा था और अपना तबादला रुकवाने की बात की थी हांथ पैर जोड़े थे लेकिन वहां से दूसरे जिले के मामले में हस्तक्षेप की बात कहकर उसे मना कर दिया गया। अब उक्त प्रधान आरक्षक द्वारा जहां अपने ही विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों को बुरा भला कहा जा रहा है आईजी सहित पुलिस अधीक्षक तक को देख लेने की बात कही जा रही है वहीं वह यह भी बोलता सुना जा रहा है कि जुआ फड़ का कोरिया जिले का सबसे बड़ा संचालन करने वाला उसके साथ है और उसका तबादला वही रुकवाकर दिखाएगा क्योंकि उसके बिना वह जुआ खिला नहीं सकता।
प्रधान आरक्षक के अवैध कार्यों की कमाई का उदाहरण उसका कार्यालय
प्रधान आरक्षक के अवैध कार्यों की कमाई का उदाहरण यदि देखना हो तो उसका कार्यालय देखा जा सकता है जो लोगों को सताकर जुआ फड़ संचालित कर या जमीन की दलाली कर ऐसा है कि वैसा कार्यालय उसके उच्च अधिकारियों का भी नहीं है। अब प्रधान आरक्षक जितना भी दौड़ भाग फिलहाल कर लें उनकी रवानगी हो चुकी है और अब वह कब लौटेंगे और उन्हें जुआ फड़ के लिए जुआ फड़ संचालन करने वाला कब वापस बुलाता है देखने वाली बात होगी।
क्या प्रधान आरक्षक की रवानगी के बाद उसके विरुद्ध हुई शिकायतों की जांच होगी?
जिले से दोषपूर्ण कार्यप्रणाली वाले प्रधान आरक्षक की रवानगी हो चुकी है और वह भले अभी भी अपने आकाओं के पास दौड़ लगा रहे हैं रवानगी रुकवाने लेकिन फिलहाल ऐसा होगा लगता नहीं वहीं अब एक बड़ा सवाल पुलिस विभाग से है जिले के की क्या प्रधान आरक्षक के विरुद्ध हुई अनगिनत शिकायतों पर कोई जांच होगी,प्रधान आरक्षक के विरुद्ध जमीन मामले में भी आरोप हैं और कई मामले में वसूली के भी आरोप हैं क्या उन मामलों में अब जांच निष्पक्ष होगी यह देखने वाली बात है।