बैकुंठपुर/पटना@ क्या जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर बना शराबियों का अड्डा?

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@ चिकित्सालय परिसर में सैकड़ो शराब की खाली बोतलें कचरे के साथ मौजूद
चिकित्सालय भवन के कैंपस में भवन के ठीक पीछे की तस्वीर
@ शराबी बाहर के या चिकित्सालय से संबंधित व्यक्ति ही हैं, यह है जांच का विषय
@ एक और नशा मुक्ति के लिए चलाए जा रहे विभिन्न अभियान, दूसरी और जिला मुख्यालय में जिला चिकित्सालय का यह है हाल
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर/पटना,13 अप्रैल 2025 (घटती-घटना)।
तस्वीर जिला चिकित्सालय परिसर बैकुंठपुर की है,जहां चिकित्सालय के मुख्य भवन के ठीक पीछे कचरे के साथ सैकड़ों की मात्रा में खाली शराब और बीयर की बोतलें पड़ी हुई हैं। जो जिला चिकित्सालय के जिम्मेदार लोगों के लिए गंभीर सवाल उत्पन्न करता है। सवाल यह की जिला चिकित्सालय कैंपस के भीतर शराब की यह बोतलें सैकड़ो की तादाद में आई कहां से। क्या पीने वालों के लिए इतनी छूट है कि चिकित्सालय कैंपस को भी नहीं छोड़ रहे। शराब की बोतलों के साथ कूड़े का ढेर भी स्वच्छता अभियान पर पलीता लगाता नजर आ रहा है। सैकड़ो की संख्या में पदस्थ कर्मचारी, अधिकारी रोजाना इस परिदृश्य को देखते होंगे, पर किसी ने ना तो सवाल उठाया, ना इस ओर ध्यान दिया। सवाल यह है कि जब अंग्रेजी शराब की दुकान चिकित्सालय परिसर से लगभग सात आठ किलोमीटर की दूरी पर है, तो यह शराब की बोतलें और बीयर की बोतलें चिकित्सालय परिसर में आई कैसे। निश्चित ही मरीज और उनके परिजन जो अपनी समस्याओं से ग्रसित हैं,उनके कृत्य यह नहीं हो सकता। हां चिकित्सालय परिसर में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों पर ही सवाल उठना लाजिमी होगा और महंगे ब्रांड के शराब और बीयर की बोतल देखकर यह लगता नहीं की निचले तबके का आम कर्मचारी इनका सेवन करने की हैसियत रखता है। महंगे शराब के ब्रांड की बोतलें देखकर सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह किस वर्ग की कार्यपाली हो सकती है।
चिकित्सालय परिसर में सैकड़ो शराब की खाली बोतलें कचरे के साथ मौजूद
विगत कई वर्षों से जहां पूरे देश में स्वच्छता अभियान की लहर चली है,और विशेषकर शासकीय संस्थाओं में इनका कड़ाई से पालन के निर्देश हैं। वहां चिकित्सालय जैसे स्थान पर कचरे का ढेर पाया जाना बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया जिम्मेदारों का दिखाता है। कूड़े का ढेर और साथ में शराब की बोतलें किसी आम जगह पर नहीं बल्कि जिले के मुख्य चिकित्सालय परिसर मैं मौजूद है। जहां स्वास्थ्य विभाग के जिले स्तर के अधिकारी से लेकर कई डॉक्टर, सैकड़ो स्वास्थ्य कर्मचारी और संबंधित लोगों का रोज एकत्रीकरण होता है। महज इस कूड़े के ढेर और शराब की बोतलों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है की कोरिया जिले का मुख्य जिला चिकित्सालय का कार्य प्रणाली किस प्रकार का होगा।
शराबी बाहर के या चिकित्सालय से संबंधित व्यक्ति ही हैं,यह है जांच का विषय
जिस तादाद में कूड़े के ढेर के साथ महंगे ब्रांड की शराब की बोतलें और बीयर की बोतलें अस्पताल परिसर में पड़ी हुई है,यह देखकर लगता नहीं की यह बाहरी शराबियों का स्थाई अड्डा होगा। क्योंकि बाहरी शराबी एक्का दुक्का मौके पर भले ही ऐसे स्थलों का उपयोग कर लें,परंतु ढेर देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है की अस्पताल परिसर स्थाई शराबियों का अड्डा है। अब यह जांच का विषय है कि महंगे शराब और बीयर की इतनी बोतले अस्पताल परिसर में आए कैसे। कौन कौन अस्पताल परिसर में बैठकर शराब का सेवन करता है। और यदि वह स्वास्थ्य विभाग से संबंधित व्यक्तियों का समूह है, तो कैसे शराब पीकर अस्पताल परिसर में मरीज और उनके परिजनों को सेवाएं देते होंगे, यह भी जांच का विषय है।
शराब की खाली बोतलें महंगे ब्रांड की…पीने वालों का लगाया जा सकता है अंदाज़ा
आमतौर पर यह देखा और पाया जाता है कि शराबी व्यक्ति जो आमतौर पर शराब का सेवन करता है और निम्न या सामान्य वर्ग का है, तो वह महंगी अंग्रेजी शराब और बियर प्रतिदिन उपयोग करने में सक्षम नहीं होता। यह रसूखदार और उच्च वर्ग व्यक्तियों के लिए ही संभव होता है। और जिस प्रकार महंगे ब्रांड के शराब की बोतले और बियर कचरे के साथ मौजूद हैं, उससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसका सेवन करने वाले लोग भी कोई आम व्यक्ति नहीं है। अब इन बोतलों का संबंध अस्पताल में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों से है,या इसमें अस्पताल परिसर के बाहर के लोग संलिप्त हैं, यह जांच का विषय है।


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