रायपुर,27 मार्च 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा मामले की जांच को लेकर सीबीआई की रेड के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि महादेव सट्टा एप के खिलाफ सबसे पहले 2021 में उन्हीं की सरकार ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। श्री बघेल ने बताया कि उनकी सरकार ने जुआ एक्ट को सख्त बनाने के लिए विधेयक लाया और ऑनलाइन बैटिंग को सट्टे के रूप में परिभाषित किया, ताकि युवा और परिवार इस लत से बच सकें।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के बाद ईडी की जांच शुरू हुई और महादेव एप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का नाम सामने आया। लेकिन चुनाव के दौरान सुभम सोनी का वीडियो जारी किया गया, जिससे पूरे मामले को भटकाने की कोशिश हुई। बघेल ने सवाल उठाया कि करोड़ों रुपए कमाने वाला व्यक्ति राशन कार्ड से राशन क्यों ले रहा था? उन्होंने आरोप लगाया कि सीबीआई केवल दिखावटी कार्रवाई कर रही है, जबकि असली गुनहगार अब तक गिरफ्तार नहीं हुए हैं।
सीबीआई की जांच पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारत सरकार वास्तव में महादेव सट्टा मामले पर कार्रवाई करना चाहती है, तो असली गुनहगारों को गिरफ्तार कर भारत लाए। उन्होंने सवाल किया कि इस मामले में सरकार की मंशा साफ क्यों नहीं है और अब तक दुबई सरकार से कोई ठोस जवाब क्यों नहीं लिया गया? बघेल ने अपनी प्रेस वार्ता के दौरान महादेव सट्टा एप मामले को लेकर केंद्र सरकार और सीबीआई की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए और इस पूरे प्रकरण को राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।
दुबई कनेक्शन और सरकार की भूमिका पर उठाए सवाल
बघेल ने कथावाचक मिश्रा जी का जिक्र करते हुए कहा कि वे दुबई जाकर कथा कर आते हैं, लेकिन सरकार इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाती। उन्होंने कहा कि जब ललित मोदी ने दूसरे देश की नागरिकता लेने की कोशिश की, तो भारत सरकार ने लिखित में आपत्ति जताई थी, लेकिन महादेव सट्टा एप मामले में ऐसा कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार महादेव सट्टा एप के खिलाफ कार्रवाई करने वालों को ही निशाना बना रही है। बघेल ने कहा कि इस मामले में सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल की गिरफ्तारी केवल भ्रम फैलाने के लिए की जा रही है और कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
