- कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य ने भी भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष निर्वाचित होने दिया अपना मत
- कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य का मत भाजपा प्रत्याशियों को जाना कांग्रेस की बड़ी असफलता
- सांसद का शपथ ग्रहण समारोह के आमंत्रण पत्र में नाम न होने को लेकर कांग्रेसियों का विरोध,लेकिन कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी का जिला पंचायत में भाजपा की सरकार बनाने में अपनी सहभागिता निभाना क्या सही?
- कोरिया जिले में वर्तमान जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में क्या कांग्रेस बहुत बुरे दौर से गुजर रही है?
- कोरिया जिले में कांग्रेसियों के लिए कांग्रेस का अंतर्कलह चिंताजनक

-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,07 मार्च 2025 (घटती-घटना)। कोरिया जिले में कांग्रेस की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है जो कांग्रेस के लिए चिंताजनक है यहां पर कांग्रेस पूरी तरह से बिखरी हुई है, नगरीय निकाय चुनाव से लेकर जिला पंचायत व जनपद पंचायत में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब देखने को मिला ऐसा लगा कि कांग्रेस इन चुनावों को लड़ नहीं रही है, बल्कि इन चुनावों के परिणाम को सत्तापक्ष की झोली में डाल रही है ऐसा सिर्फ कांग्रेस की अंदरूनी कलह की वजह से देखने को मिला, ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस अपने आप को इस चुनाव में पहले से ही हारा हुआ मान चुकी थी और वह हारा हुआ मानकर ही चुनाव लड़ रही थी जिसका परिणाम भी वैसा ही आया, जिला पंचायत चुनाव में तो ऐसी स्थिति थी कि एक सदस्य के जितने के बाद भी कांग्रेस यह हिम्मत नहीं जुटा पाई कि भाजपा के अंतर्कलह को भुनाकर एक बार जिला पंचायत में अपनी सरकार बनाने का प्रयास करें, जबकि कांग्रेस को अपने समर्थित प्रत्याशी को जिला पंचायत में सरकार नहीं बनाने की दशा में चुनाव से दूर कर लेना था, पर यह भी कर पाने में सफल नहीं हो सकी जिले की कांग्रेस, यहां तक की भाजपा का ही सरकार बनाने के लिए अपने समर्थित प्रत्याशी को वोट डालने को खुली छूट दिया कांग्रेस ने। वहां पर कांग्रेस की छवि क्या नहीं गिर रही थी? पर आज नगरीय निकाय में महापौर के शपथ ग्रहण समारोह में सांसद का नाम न होने को लेकर कांग्रेस ऐसा हवा बना रही है और शपथ ग्रहण से दूर होने का घोषणा कर रही है जैसे उनके मान सम्मान को काफी ठेस पहुंचा हो पर जो जिला पंचायत चुनाव में देखने को मिला क्या उससे कांग्रेस के मान सम्मान को ठेस नहीं पहुंचा? क्या अपने सबसे निम्न स्तर के प्रदर्शन से कांग्रेसियों के जमीर को ठेस नहीं पहुंचा?
जिन पर था सोनहत के पूर्व विधायक सांसद को गर्व उन्होंने ही दी कांग्रेस को पटकनी
सोनहत लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश सिंह ने जिला पंचायत में अध्यक्ष के दावेदारी करने के लिए नामांकन फॉर्म दाखिल किया पर न जाने किसके दबाव में उन्होंने नामांकन वापस ले लिया सूत्रों का ऐसा कहना है कि यदि वह नामांकन फार्म वापस नहीं लिए होते तो वह जिला पंचायत के अध्यक्ष बन सकते थे क्रॉस वोटिंग में पर न जाने उन्होंने किसकी सलाह पर फॉर्म वापस ले लिया वैसे बताया जा रहा है कि वह भाजपा के जिला अध्यक्ष की बातों में आकर नामांकन फॉर्म वापस ले लिए,नामांकन फॉर्म वापस लेने तक तो ठीक था पर इसके बावजूद उन्होंने जहां भाजपा की सरकार बनाने के लिए अपना मत नहीं देना था वहां पर उन्होंने अपना मत भी दिया जिस वजह से जिले में अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष भाजपा के बन गए यहां तक की उपाध्यक्ष तो निर्विरोध हो गया इसका कारण भी कांग्रेस के लॉक अध्यक्ष ही माने जा रहे हैं।
आखिर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष को क्यों देना पड़ा अपना वोट भाजपा की सरकार बनाने में…नामांकन फॉर्म किस कांग्रेसी नेता के कहने पर लिया वापस?
लॉक कांग्रेस कमेटी सोनहत के अध्यक्ष सुरेश सिंह जो कांग्रेस के पदाधिकारी हैं साथ ही इस बार जिला पंचायत चुनाव भी उन्होंने जीत कर कांग्रेस की नाक कटने बचाई थी,यह एक ऐसे कांग्रेस समर्थक प्रत्याशी थे जो जिला पंचायत कोरिया में इकलौती जीत दर्ज करने में सफल रहे,जिस समय जिला पंचायत के लिए अध्यक्ष उपाध्यक्ष का चुनाव हो रहा था उस समय इन्होंने अपना नामांकन भी भरा पर अंत में सूत्रों का दावा है कि भाजपा के जिला अध्यक्ष के कहने पर उन्होंने नामांकन फॉर्म वापस ले लिया और अपना मत भाजपा की सरकार बनाने के लिए दे दिया? इसके बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या कांग्रेस के सोनहत लॉक अध्यक्ष का यही था अपने पार्टी के प्रति नैतिक धर्म? क्या कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित जिला का संगठन इन्हें भाजपा को वोट देने से नहीं रोक पाया? या फिर इनका यह वोट भाजपा में प्रवेश करने का संदेश है?
जब कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष जिला पंचायत चुनाव में भाजपा की सरकार बना रहे हैं तो फिर बाकी से क्या उम्मीद?
जिस तरह कांग्रेस समर्थित जिला पंचायत सदस्य सुरेश सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के चुनाव में शामिल होकर भाजपा खेमे का अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनाने में सक्रिय नजर आए अब ऐसा होने के बाद कांग्रेस का कौन नेता पदाधिकारी क्या करेगा कुछ कहना बेमतलब है। जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस थी ही नहीं उपस्थित यह कहना ही सही होगा। कांग्रेस केवल जिला पंचायत सदस्य का होर्डिंग लगवाकर जिला मुख्यालय में अपनी जीत का दंभ भर रही है उसका किस स्तर पर नुकसान हुआ क्या कांग्रेस ने गवां दिया यह चिंतन उन्हें करना होगा।