< भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि भाजपा जिलाध्यक्ष से मेरी घर में बैठकर हुई थी टेलीफोन बात
< टेलिफोनिक बात में सिर्फ प्रत्याशी तय होने को लेकर हुआ था हॉट टॉक…गाली-गलौज की बात अफवाह
< हॉट टॉक भी जिलाध्यक्ष के बेरुखी तेवर की वजह से हुआ था…वह बात भी सिर्फ प्रत्याशी निर्णय को लेकर था…
-रवि सिंह-
बैकुंठपुर,04 फरवरी 2025 (घटती-घटना)। चुनाव हो और राजनीति में बवाल ना हो ऐसा तो मुमकिन नहीं। बिना बवाल के राजनीति इस समय संभव नहीं, यह बात इस समय जिला पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव को लेकर हो रही है। यह बात इसलिए हो रही है क्योंकि भाजपा ने अपने एक कार्यकर्ता को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। पार्टी से नेता का निष्कासन भाजपा ने अभद्रता को लेकर की है। पर इस बीच जो अफवाहों का बाजार है वह इसलिए गरम है, क्योंकि सभी के मुंह से यह सुना जा रहा है कि कार्यकर्ता ने अपने ही पार्टी के जिलाध्यक्ष व वर्तमान विधायक को गाली गलौज कर दिया। अब इसका प्रमाण क्या है यह तो पता नहीं? प्रमाण का सोर्स इतना ही है कि हर जगह यह बात आम हो चली है कि कार्यकर्ता ने जिलाध्यक्ष व वर्तमान विधायक के साथ गाली-गलौज किया। जिस वजह से उसका निष्कासन हुआ। निष्कासन से कार्यकर्ता की फजीहत कम हो रही है, वर्तमान जिलाध्यक्ष सहित पूर्व जिलाध्यक्ष की फजीहत ज्यादा हो रही है। क्योंकि बेवजह उन्हें इन सब कारणों से आलोचनाओं का शिकार होना। क्योंकि जो चीज हुई नहीं उसे लेकर अब अफवाहों का बाजार सज चुका है।
क्षेत्र में लगातार कर रहे हैं दौरा इस सीट पर दो पूर्व उपाध्यक्ष के साथ है सामना
परिसीमन के बाद सीट के अस्तित्व में आते ही और आरक्षण के बाद अनारक्षित सीट होने की घोषणा होते ही जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 छिंदिया सबसे हाई प्रोफाइल सीट माना जा रहा है, और नामांकन पश्चात सबसे हाई प्रोफाइल सीट होता दिख भी रहा है। क्योंकि यहां तीन पूर्व जनपद उपाध्यक्ष एक साथ चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। तीनों के कार्यकाल और उपलब्धियां तथा उनकी कमियां जनता के सामने है। अब देखने वाली बात यह है कि जनता आने वाले समय के लिए किसके नाम पर मुहर लगाती है।
सिर्फ यह अफवाहों की वजह से बन गया निष्कासन?
तत्काल निष्कासन से पार्टी की छवि पर प्रश्न चिन्ह लग गया है? ऊपर से लोग अब यह भी कहने लगे हैं कि जब इतना सब कुछ हो गया तो क्या निष्कासन ही सिर्फ उसका एकमात्र विकल्प था। क्या प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जा सकती थी। या फिर ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था, सिर्फ यह अफवाहों की वजह से बन गया निष्कासन? वहीं इस पूरे मामले में कार्यकर्ता का कहना है कि यह जो बातें फैलाई जा रही है यह कोरीणअफवाह है। हमारी बातें बंद कमरे में टेलीफोन से हुई। मैंने उन्हें बोला और उन्होंने मुझे बोला, फोन से बात करते वक्त मेरे पास कोई नहीं बैठा था कि यह बात फैला सके। या तो वर्तमान जिलाध्यक्ष ने इस बात को फैलाया है, या फिर वे विरोधी जो पार्टी की छवि खराब करना चाहते हैं। मेरे और वर्तमान जिलाध्यक्ष के बीच जो बातचीत हुई वह प्रत्याशी चयन को लेकर हुई। तेज आवाज में बात हुई, पर गाली गलौज अभद्रता की बात जो फैलाई जा रही है वह बिल्कुल भी गलत है। उन्हें मेरी बात पसंद नहीं आई, उन्होंने मुझे निष्कासित कर दिया। मैंने इसकी शिकायत ऊपर कर दी है। जो मुझे न्यायसंगत लगा। बाकी पार्टी क्या तय करती है यह उनका क्षेत्राधिकार है। पर यह जो बातें फैलाई जा रही है की छिंदिया चौक पर मेरे द्वारा फोन पर वर्तमान विधायक व वर्तमान भाजपा जिलाध्यक्ष को गाली गलौज की गई तो यह सरासर गलत है। जिस समय मैं छिंदिया चौक पर मौजूद था, उस समय मुझे मेरे ड्राइवर का फोन आया की गाड़ी पलट गई है, जिसे लेकर मैं गुस्से में उसके साथ तेज आवाज में बात किया था और उसे डांट रहा था। अब इस बात को लेकर कोई अफवाह फैला रहे तो यह सरासर गलत है। निष्कासन को लेकर गाली-गलौच जैसी कोई बात नहीं है। टिकट वितरण कि खामियों को लेकर बात जरूर हुई है।
निष्कासन के बाद भी नहीं छोड़ा मैदान…निर्दलीय लड़ेंगे चुनाव
टिकट वितरण के बाद उत्पन्न हुए विवाद के कारण पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासन होने के बाद भी पूर्व जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर विपिन बिहारी जायसवाल ने मैदान नहीं छोड़ा है। और अपने पूर्व निर्धारित क्षेत्र क्रमांक 11 से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ताल ठोकी है। वे इस क्षेत्र में पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं, जहां मामूली अंतर से उन्हें पराजय झेलनी पड़ी थी। पिछली बार की गई गलतियों से सबक लेते हुए वह सधे हुए राजनीतिज्ञ की तरह इस चुनाव को लड़ने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ हैं। बैकुंठपुर जनपद पंचायत में बतौर उपाध्यक्ष इनका कार्यकाल भी बेहद सराहनीय रहा है। जिसकी चर्चा गाहे बगाहे होती रहती है। इनके कार्यकाल में पंचायत के पंच सरपंच के अलावा जनपद सदस्यों की लगातार पूछ पर रख होती रही।
यदि मिली जीत तो भाजपा संगठन को होना पड़ेगा शर्मिंदा
विपिन बिहारी जायसवाल के भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने की दशा में निर्दलीय चुनाव लड़ जाने के कारण जनपद क्षेत्र क्रमांक 11 सुर्खियों में है। और यहां का चुनाव काफी रोचक हो गया है। चुनाव लड़ने में अनुभवी विपिन बिहारी जायसवाल को यदि स्थानीय मतदाताओं का साथ मिल जाता है, तो अपनी कूटनीति और रणनीति के साथ वह विजयी हो सकते हैं। इस दशा में भाजपा के लिए यह करारे जवाब की तरह होगा। और टिकट वितरण में जिनकी चली है, उन्हें शर्मिंदा होना पड़ सकता है।
