- बिना नंबर प्लेट ओवरलोड सड़कों पर दौड़ रही ट्रैक्टरों पर क्या नहीं होगी कार्यवाही?
- कई बार खबर प्रकाशन के बाद भी यातायात विभाग परिवहन विभाग है मौन,क्या अन्य राज्य के इन ट्रैक्टरों को मिली हुई है बड़ी कृपा?
- डुमरिया ट्रैक्टर ट्रक से टकराने के मामले में मजदूर हुए थे घायल,मामले को दबाया गया…
- क्या प्रशासन यातायात विभाग परिवहन विभाग है किसी बड़ी दुर्घटना के इंतजार में?
- ट्रैक्टरों में क्षमता से अधिक लकड़ी लादकर लगातार दौड़ रही हैं बाहरी ट्रेक्टर…जिम्मेदार है मौन

बैकुंठपुर,30 दिसम्बर 2024 (घटती-घटना)। आखिरकार घटती-घटना की खबर एक बार फिर सच साबित हुई और घटती-घटना की खबर में जाहिर की गई आशंका सत्य हुई और यूकेलिप्टस का पेड़ लेकर कोरिया जिले की सड़कों पर बिना नम्बर की ट्रैक्टरों जिनमें क्षमता से अधिक लकड़ी हमेशा लोड रहता है और ट्रेक्टर के कभी भी दुर्घटना होने की आशंका बना रहता है और ऐसा हुआ भी जब विगत दिनों डुमरिया में एक लड़की वह भी क्षमता से अधिक लकड़ी लोड बिना नंबर की बाहरी ट्रेक्टर का एक ट्रक से टक्कर हो गया और बताया जा रहा है कि टक्कर के बाद ट्रेक्टर में क्षमता से अधिक ल¸कड़ी लोड करके उसके ऊपर आदमियों को बैठाकर चल रहे उक्त ट्रेक्टर से टक्कर के दौरान आदमी डाले से नीचे आ गिरे और कई चोटिल हो गए।
बताया जा रहा है कि यह घटना अंधेरे में होने के कारण इसका ज्यादा हल्ला हो नहीं पाया और फोटो भी धुंधला आया टक्कर के बाद की स्थिती का लेकिन ट्रेक्टर में बैठे लोगों के घायल होने और उनके चोरी छिपे इलाज की बात भी सामने आई है। खैर यदि यह भी मान लिया जाए कि ट्रेक्टर दुर्घटना उपरांत ज्यादा चोट नहीं पहुंची किसी को तो यह कहना भी गलत नहीं होगा कि केवल संयोग से मजदूर बच गए वरना कईयों की जान जा सकती थी। खैर अब मामले को भले ही दबा लिया गया है लेकिन सवाल फिर वही है जो दैनिक घटती-घटना उठाता चला आ रहा है। सवाल यह है कि क्या परिवहन विभाग यातायात विभाग जिला प्रशासन ने इन अन्य राज्य की बिना नंबर प्लेट की ट्रैक्टरों को क्षमता से अधिक लड़की लोड कर सड़कों पर बेतरतीब ट्रेक्टर दौड़ाने की अनुमति प्रदान कर रखी है। यदि ऐसा नहीं है तो कई बार की खबर प्रकाशन के बाद भी जिला प्रशासन यातायात विभाग परिवहन विभाग क्यों मौन है क्यों वह इन अन्य राज्य की बिना नंबर प्लेट की ट्रैक्टरों पर ओवरलोड सहित बिना नंबर प्लेट के चलने के कारण जुर्माना नहीं लगाते। क्या यह मिलीभगत है और क्या किसी बड़ी दुर्घटना का प्रशासन और यातायात सहित परिवहन विभाग इंतजार कर रहा है। घटती-घटना ने तो यूकेलिप्टस के पेड़ सहित उसकी आड़ में कट रहे अन्य पेड़ों की कटाई पर भी प्रश्न खड़े किए थे लेकिन जैसा देखा जा रहा है जिला प्रशासन मौन है पूरी तरह वह इस मामले में निश्चिंत है जैसे कि उनकी मौन सहमती बनी हुई है। वैसे घटती-घटना के द्वारा जनसरोकार की खबरों को प्राथमिकता प्रदान करने की वजह से ही खबरों का प्रकाशन किया जाता रहा है और आगे भी खबरों का प्रकाशन जारी रहने वाला है यदि इस मामले में कार्यवाही नजर नहीं आई। वैसे स्थानीय लोगों के लिए नियम कायदों की किताब और भारी जुर्माने की किताब लेकर सड़कों पर तैनात और चालान काटने वाली यातायात पुलिस क्यों बाहरी ट्रैक्टरों और बिना नंबर प्लेट और ओवरलोड ट्रैक्टरों पर कार्यवाही नहीं कर रहा है यह विचारणीय है।
क्या वन विभाग ने अपनी लकड़ी भी माफिया को सौंप दी?
जिस तरह से कोरिया जिले में सरेआम पेड़ो की कटाई जारी है यह कहना गलत नहीं है कि वन विभाग मौन है। अब सवाल यह है कि क्या वन विभाग ने अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटकर लड़की माफिया को पूरी जिम्मेदारी सौंप दी है।
लकड़ी का परिवहन दुर्घटना को आमंत्रण देने जैसा नहीं?
जिस तरह से बिना नम्बर प्लेट की ट्रैक्टरों से वह भी बिना नियम कायदों के पालन के बनी ट्रेक्टर ट्रालियों से क्षमता से अधिक लड़की लादकर सड़को पर दौड़ रही ट्रैक्टरों से दुर्घटना की आशंका नहीं है। यदि आशंका है तो क्यों मौन हैं सभी जिम्मेदार यह सवाल जरूर खड़ा होगा और यह भी पूछा जाएगा कि क्या दुर्घटना की जिम्मेदारों को परवाह नहीं।