क्या स्वास्थ्य मंत्री को अपने मंत्री पद जाने का सता रहा खतरा इसलिए जोड़ रहे राष्ट्रीय सचिव के सामने हांथ?
स्वास्थ्य मंत्री काफी देर हांथ जोड़कर खड़े रहे और नए कैबिनेट मंत्री तोखन साहू कुछ बोलते रहे राष्ट्रीय सचिव से
-रवि सिंह-
एमसीबी,10 जून 2024 (घटती-घटना)। लोकसभा चुनाव के संपन्न होने उपरांत देश की नई सरकार का भी गठन हो गया वहीं प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न हो गया। 400 पार का नारा लेकर लोकसभा चुनाव में कूदने वाली भाजपा सहित उसके गठबंधन के दल भले ही आंकड़े से काफी दूर रह गए लक्ष्य से काफी दूर रह गए लेकिन सरकार एनडीए की ही बन गई जो उनके लिए संतोषप्रद रहा। लोकसभा चुनाव के दौरान एनडीए गठबंधन में सबसे ज्यादा सीटों पर भाजपा ही चुनाव लड़ रही थी वह भी वह इसलिए ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही थी क्योंकि कई राज्यों में उसकी सरकार है और भाजपा को यह उम्मीद थी की वहां उसे बड़ी सफलता मिलेगी क्योंकि भाजपा ने राज्यों में जो मंत्रीमंडल बनाया था वह इसी हिसाब से लोकसभा चुनाव को देखते हुए बनाया गया था की जब लोकसभा चुनाव हों भाजपा को राज्य सरकार में शामिल किए गए मंत्रियों के कार्यकाल और उनके प्रभाव का फायदा हो वहीं उनके वर्ग समुदाय का भी चुनाव में भाजपा को समर्थन मिल सके।
भाजपा को कई राज्यों से एकतरफा समर्थन मिला जहां उसकी सरकार थी वहीं कई जगह भाजपा को अच्छी सफलता मिली जिसमे एक से लेकर कई सीटों का नुकसान हुआ लेकिन कई राज्यों में सरकार होने के बावजूद भी फायदा नहीं मिला और कई सीटों पर मंत्रियों का प्रभाव अपने ही विधानसभा में कम देखा गया जिससे प्रत्याशी हार गए। ऐसी ही एक लोकसभा सीट थी कोरबा लोकसभा सीट जहां से भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को मौका दिया था और उनके लिए लोकसभा अंतर्गत आने वाले सभी विधायकों को और उनमें से ही मंत्री बनाए गए विधायकों को यह कहते हुए जिम्मेदारी दी थी की यह सीट और प्रत्याशी किसी भी हाल में जीत दर्ज कर सके यह सभी प्रयास करें। वैसे सभी जगह का फार्मूला यही था। प्रदेश में 11 लोकसभा सीट हैं छत्तीसगढ़ में वहीं 11 में से भाजपा ने 10 सीटों पर कब्जा भी कर लिया है केवल कोरबा लोकसभा सीट को छोड़कर जहां भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को काफी बड़े अंतर से हार का मुंह देखना पड़ा वह भी उन विधानसभाओं से जिन विधानसभाओं की जिम्मेदारी प्रदेश के ऊर्जावान स्वास्थ्य मंत्री के पास थी और जिन्हे काफी लोकप्रिय और क्षेत्र सहित संभाग में प्रभावशाली मानकर मंत्री बनाया गया था। खुद के विधानसभा से भी वह भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को बढ़त नहीं दिला सके और उनके सामने अविभाजित कोरिया जिले से ही इतना मत अंतर खड़ा हो गया की वही उनकी हार का कारण बन गया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को चुनाव प्रचार के दौरान ही यह आभास हो गया था की उन्हे कोरिया एमसीबी जिले में वह सहयोग नहीं मिल पा रहा पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं का जो उन्हे मिलना चाहिए इसीलिए उन्होंने खुद मोर्चा संभाला था और सबसे ज्यादा समय उन्होंने यहां दिया था।। बाबा बागेश्वर धाम सरकार की सभा और एक अन्य धर्मगुरु की सभा उन्होंने मनेंद्रगढ़ विधानसभा में कराया और मुख्यमंत्री की सभा भी कोरिया जिले में सम्पन्न हुई लेकिन वह फिर भी तीनों विधानसभा से हार गईं। बता दें की मनेंद्रगढ़ विधानसभा में बाबा बागेश्वर की कथा संपन्न हुई फिर भी वहां से भाजपा प्रत्याशी को बढ़त नहीं मिली जो खुद स्वास्थ्य मंत्री का क्षेत्र था। खैर भाजपा प्रत्याशी इतनी बड़ी हार नही मान रही थीं उन्हे जीत की उम्मीद थी जो संभव नहीं हो सकी फिर भी जब वह हार गईं वह सीधे दिल्ली पहुंची और अपनी नाराजगी उन्होंने जाहिर की ऐसा बताया जा रहा है।
क्या खुद पर गाज न गिरे पद कुर्सी बची रहे इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री काफी सिद्धत से लगे हुए हैं?
बताया जा रहा है की यदि लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट से सबसे खराब प्रदर्शन किसी का माना जा रहा है तो वह स्वास्थ्य मंत्री का माना जा रहा है क्योंकि उनका मंत्री बनना भी लोकसभा प्रत्याशी को नहीं जीत दिला सका क्योंकि उनका अल्प कार्यकाल ही इतना सुर्खियां बटोर चुका है की अब क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता कम होती जा रही है वहीं यह माना जा रहा है की यदि पार्टी ने कोरबा लोकसभा की हार की समीक्षा की तो सबसे पहली कार्यवाही स्वास्थ्य मंत्री पर ही होगी क्योंकि वह अपने क्षेत्र से भी लोकसभा प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके। अब खुद पर गाज न गिरे पद कुर्सी बची रहे इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री काफी सिद्धत से लगे हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने हाल में ही एक तस्वीर सोशल मिडिया पर पोस्ट की है जिसमे वह राष्ट्रीय सचिव के सामने हांथ जोड़कर खड़े हैं वहीं नव नियुक्त केंद्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू वहां खड़े है। बताया जा रहा है की स्वास्थ्य मंत्री की यह तस्वीर दिल्ली की है और वह शपथ ग्रहण के बाद की मुलाकात में शामिल हैं और अपनी कुर्सी बचाने मेल मुलाकात कर रहे हैं। बताया यह जा रहा है की हांथ जोड़ने के पीछे की वजह यह है की स्वास्थ्य मंत्री जानते हैं की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की नाराजगी यदि कायम रह गई उनके ऊपर गाज गिरना तय है इसलिए वह संगठन को अपने गिरफ्त में लेना चाहते हैं और इसलिए नतमस्तक नजर आ रहे हैं राष्ट्रीय सचिव के सामने।
राष्ट्रीय सचिव के समाने हांथ जोड़कर क्या अभय दान की गुजारिश कर रहे हैं स्वास्थ्य मंत्री?
स्वास्थ्य मंत्री राष्ट्रीय सचिव से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया में साझा कर रहे हैं,तस्वीर में वह हांथ जोड़कर नतमस्तक नजर आ रहे हैं। क्या वह अभय दान की गुजारिश कर रहे हैं यह सवाल भी अब खड़ा हो रहा है। नाराज राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की क्रोध का उन्हे नुकसान न हो क्या वह इसलिए ही हांथ जोड़कर अपना पक्ष रख रहे हैं राष्ट्रीय सचिव के सामने यह भी सवाल उठ रहा है।बता दें की कोरबा लोकसभा की हार का कारण पार्टी तलाशेगी जरूर और उसकी समीक्षा भी होनी तय है। अब समीक्षा में स्वास्थ्य मंत्री की कुर्सी बचेगी या जायेगी यह वक्त आने वाला बताएगा।
चार महीने में लोकप्रियता खोने वाले प्रदेश के पहले मंत्री बने स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश के ऐसे मंत्री साबित हो चुके हैं लोकसभा चुनाव परिणाम उपरांत जिनकी लोकप्रियता चार महीने में ही इतनी नीचे गिर गई की अब उनके ही विधानसभा से भाजपा को हार का स्वाद चखना पड़ रहा है वहीं जिले से भी हार ही हिस्से आ रही है। लोकप्रियता घटने की वजह उनके इर्द गिर्द की टीम बताई जा रही है।प्रदेश के उन सभी चर्चित चेहरों से घिर चुके हैं स्वास्थ्य मंत्री जो आम लोगों को तवज्जो नहीं देते और अपने स्वार्थ पूर्ति में लगे रहते हैं।उनके सलाहकार हों या अन्य नियुक्त सहयोगी सभी का चिट्ठा खोला जाए तो चौंकाने वाले खुलासे होंगे।बताया जा रहा है की क्षेत्र में पूर्व विधायक के समय से भी बुरी स्थिति है वर्तमान में।