सुरजपुर निवासी अमन मित्तल जमीन पर करा रहा है निर्माण,जमीन के आसपास की शासकीय भूमि पर भी कर रहा है अतिक्रमण शिकायत में था उल्लेख
छोटे झाड़ जंगल मद की भूमि का गलत तरीके से हुआ है बिक्री नामा,यह भी लगाया गया है आरोप
जमीन पर राइस मिल लगाने की है अमन मित्तल की योजना,राइस मिल के लिए खरीदी है उसने जमीन
राजस्व निरीक्षक के जांच प्रतिवेदन के आधार पर तहसीलदार ने दिया है स्थगन,हरे भरे पेड़ों की कटाई की भी बात का प्रतिवेदन में है उल्लेख
हरे भरे पेड़ काटने के लिए क्या अमन मित्तल ने ली है अनुमति,यह भी मामले में है सवाल?
इसी मामले में ग्रामवासियों का साथ देने के मामले में सुरजपुर निवासी बजरंग अग्रवाल ने जनपद उपाध्यक्ष पति को दी है धमकी
-रवि सिंह-
कोरिया,07 जून 2024 (घटती-घटना)। छिन्दिया जमीन मामले में पटना तहसीलदार ने आखिरकार ग्रामवासियों और सरपंच के द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर राजस्व निरीक्षक से जांच कराकर निर्माण पर रोक लगाने और यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी कर दिया और मामले में सरपंच के आवेदन पर स्थगन जारी कर दिया। बता दें कि छिन्दिया ग्राम की जमीन जिसका खसरा क्रमांक 467,468 है जो पूर्व में मोहेलाल राजवाड़े के नाम पर राजस्व अभिलेखों में दर्ज है एवं जिसे उसने हाल ही में अमन मिाल पिता बजरंग अग्रवाल निवासी सूरजपुर को बेचा है और जिस पर वह निर्माण कार्य करा रहा है और बताया जा रहा है कि राइस मिल खोलने के लिए जमीन क्रय की गई है। वहीं इसीलिए निर्माण कार्य जारी है। जमीन के आसपास शासकीय भूमि भी है जिसपर अमन मिाल द्वारा कजा किया जा रहा है और जमीन छोटे झाड़ मद की भूमि है और जिसकी खरीदी बिक्री नहीं की जा सकती। बावजूद खरीदी बिक्री हुई है यह भी ग्रामीणों सहित सरपंच ने आरोप लगाया था और जमीन का नामांतरण रोके जाने का आवेदन प्रस्तुत किया था। मामले में जनपद उपाध्यक्ष बैकुंठपुर भी ग्रामवासियों के पक्ष में सामने आईं थीं जिसके बाद अमन मिाल के पिता ने जनपद उपाध्यक्ष के पति को फोन पर धमकी दी थी और जीने नहीं दूंगा यह उसने धमकी दी थी। बता दें की मामले में तहसीलदार पटना ने राजस्व निरीक्षक की टीम को जांच का जिम्मा प्रदान किया और जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पटना तहसीलदार ने जारी कर दिया है और जारी निर्माण पर रोक लगाने का भी निर्देश जारी किया है जिसकी सूचना सरपंच को भी भेज दिया गया है। जांच दल को लगाए गए आरोपों में से कई आरोप सही मिले जांच के दौरान वहीं जांच दल को कई हरे पेड़ भी कटे हुए मिले जिसे निर्माण कार्य के दौरान काटा गया है और वहीं रखा गया है। जमीन के आसपास की शासकीय भूमि पर अतिक्रमण वहीं हरे-भरे पेड़ किसके निर्देश पर अमन मिाल द्वारा किया जा रहा था। पेड़ काटा जा रहा था यह भी सवाल खड़ा हो रहा है। वहीं यह भी सवाल है की क्या पेड़ काटने के लिए अनुमति ली गई है कि बिना अनुमति ही पेड़ काट दिया गया है। यदि ऐसा है तो क्या वन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही होगी यह भी एक प्रश्न है। वैसे यह वही जमीन मामला है जिस जमीन के आसपास के शासकीय भूमि पर अतिक्रमण का भूमि क्रेता पर आरोप लगा था और सरपंच ग्राम वासी सहित जनपद उपाध्यक्ष ने जहां जाकर ऐसा न करने भूमि क्रेता को मना किया था वहीं जिसके बाद क्रेता के पिता ने जनपद उपाध्यक्ष के पति को फोन पर धमकी दी थी और जीने नहीं दूंगा जैसी बातों से उन्हे डराने का काम किया था साथ ही लड़ाई लंबी चलेगी मंत्री विधायक का भी उसने नाम लेकर उनका भी भय दिखाया था और जिसके बाद जनपद उपाध्यक्ष पति ने पटना पुलिस को लिखित शिकायत की थी। अब जब मामले में यथा स्थिति का निर्देश जारी हो गया है तो यह स्पष्ट हो गया की ग्रामवासियों का सरपंच का आरोप सही था।
शासकीय जमीन पर है राइस मील बनाने वाले की नजर
छिन्दीया जमीन मामले में राइस मिल स्थापित करने की चाह रखने वाले की शासकीय भूमि पर नजर है।बता दें की जिस खसरा नंबर की भूमि को सूरजपुर के व्यापारी ने खरीदा है उसके आसपास शासकीय भूमि भी खाली पड़ी है और जो ग्राम के लिए उपयोगी साबित हो सकती है लेकिन उसपर जमीन क्रय करने वाले की नजर है। शासकीय भूमि पर भी वह कजा कर रहा है यह जांच में भी समाने आ चुका है। जमीन क्रय करने वाले ने जमीन इसीलिए क्रय किया है की वह आसपास की खाली पड़ी बेशकीमती शासकीय भूमि पर कजा कर सके ऐसा बताया जा रहा है।
पटना क्षेत्र में खुल रहा राइस मिल राइस मिल खोलने वाले पड़ोसी जिले के पटना क्षेत्र में लगातार राइस मिल खुल रहे हैं। राइस मिल भी सूरजपुर जिले के लोग खोल रहे हैं। सुरजपुर जिले के लोग ही ज्यादा राइस मिल क्यों खोल रहे हैं यह बड़ा सवाल है। बता दें की केवल पटना क्षेत्र में ही विगत वर्षों में कई राइस मिल प्रोजेक्ट या तो खुल चुके हैं या उनका कार्य प्रगति पर है। अधिकांश पड़ोसी जिले के लोगों के हैं यह आश्चर्य की बात है।
क्या पटना क्षेत्र में कोई भी सक्षम नहीं राइस मिल खोलने के लिए इसलिए पड़ोसी जिले के व्यापारी हो रहे हावी?-
पटना क्षेत्र में लगातार खुल रहे राइस मिल पड़ोसी जिले के व्यापारियों के हैं। पड़ोसी जिले के व्यापारियों के अलावा पटना क्षेत्र के व्यापारियों का राइस मिल लगाने में रुचि नजर नही आ रहा है। क्या पटना क्षेत्र में राइस मिल लगाने की क्षमता किसी व्यापारी में नहीं है यह भी एक सवाल है। पटना क्षेत्र में धान की खरीदी बंपर होती है और पैदावार भी ज्यादा है और इसलिए भी पड़ोसी जिले के लोग पटना क्षेत्र में राइस मिल खोल रहे हैं यह माना जा रहा है।
क्या राइस मिल में है ज्यादा कमाई इस वजह से राइस मिल बनाने की प्रतिस्पर्धा शुरू
राइस मिल में आखिर कितनी कमाई है क्या कमाई ज्यादा है इसलिए इस व्यापार में प्रतिस्पर्धा शुरू होती नजर आ रही है ऐसा माना जायेगा। बता दें की हाल फिलहाल में राइस मिल खोलने में होड़ सी नजर आ रही है और लगातार राइस मिल खुल रहे हैं।
क्या सब्सिडी के चक्कर में आ गई राइस मिलरों की बाढ़?
क्या राइस मिल खोलने के पीछे का कारण राइस मिल खोले जाने पर मिलने वाली छूट है। बताया जाता है की राइस मिल उद्योग के अंतर्गत फिलहाल आता है और जिसके लिए शासन छूट प्रदान करती है ऋण पर इसीलिए राइस मिल खोले जाने की होड़ लगी हुई है। वैसे बताया जा रहा है की जल्द ही छुट शासन बंद करने वाली है और इसलिए भी जल्द से जल्द राइस मिल खोलने की होड़ नजर आ रही है।