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बैकुण्ठपुर,@आपके पड़ोसी जिले के स्वास्थ्य महकमें में जारी है आपसी रंजिश स्वास्थ्य मंत्री जी

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-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर,25 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। प्रदेश की विष्णुदेव सरकार में मनेंद्रगढ से विधायक निर्वाचित श्यामबिहारी जायसवाल को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है उनके मंत्री बनने के बाद से ही उनके समाज विशेष के लोग जो कि स्वास्थ्य विभाग में तैनात हैं उनके द्वारा खुद को मंत्री का रिश्तेदार बतलाकर अन्य अमले को दबाने की कोशिश की जा रही है,समाज से जुड़े लोग खुद को सबसे आगे रख रहे हैं, तो वहीं मंत्री के पड़ोसी जिले कोरिया में अब अलग ही रूप देखने को मिल रहा है यहां का स्वास्थ्य अमला खुद को मंत्री का रिश्तेदार बतलाने वाले संविदा डीपीएम की कार्यशैली से परेशान है,परेशान होकर जिला चिकित्सालय के डॉक्टरों ने भी हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन स्वास्थ्य मंत्री को प्रेषित किया है,कोरिया जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से भी डॉक्टर वर्ग परेशान है। विभाग में खुली लड़ाई चल रही है,वर्चस्व की लड़ाई भी अब सामने आने लगी है। स्थिति देखकर कहा जा सकता है कि मंत्री के पड़ोसी जिले में स्वास्थ्य सुविधा वेंटिलेटर पर है और डॉक्टर खुद इन दिनों मुसीबत में हैं। घटती घटना के हाथ ऐसा ही एक पत्र मिला है जिसमें डॉक्टर और सीएमएचओ, डीपीएम से लड़ाई स्पष्ट हो रही है।
सीएमएचओ नही संभाल पा रहे जिम्मेदारी,संविदा डीपीएम बना खिलाड़ी
पूर्व में प्रभारी सीएमएचओ रहे डॉ. रामेश्वर शर्मा को हटाये जाने के बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.आरएस सेंगर को प्रभारी सीएमएचओ बनाया गया है,नेत्र रोग को अहम जिम्मेदारी दिये जाने से वैसे भी नेत्र रोगी परेशान हैं उन्हे जिला चिकित्सालय में ईलाज की व्यवस्था नही मिल पा रही है जिससे कि मजबूरीवश मरीज उनके निजी अस्पताल में ईलाज करा रहे हैं। बतलाया जाता है कि प्रभारी सीएमएचओ डॉ. सेंगर में प्रशासनिक क्षमता का अभाव है जिससे कि विभाग की व्यवस्था चरमरा गई है। उनकी स्थिति को देखते हुए संविदा डीपीएम डॉ. प्रिंस जायसवाल इन दिनों पर्दे के पीछे से सीएमएचओ की भूमिका निभा रहे हैं। विगत दिनो स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने भी जिला चिकित्सालय समेत निर्माणाधीन नये जिला चिकित्सालय भवन का निरीक्षण किया था उस दौरान भी संविदा डीपीएम का हावभाव अपने अधिकार और कर्तव्य से बढा हुआ दिखलाइ दे रहा था। बतलाया जाता है कि डॉ. प्रिंस जायसवाल द्वारा खुद को मंत्री का रिश्तेदार बतलाकर डॉक्टरों और अन्य स्टाफ का मनोबल गिराया जा रहा है,जिससे कि स्वास्थ्य अमले में आक्रोश व्याप्त है।
कलेक्टर कोरिया का खास है डॉ. प्रिंस,इसलिए भी हौसले बुलंद
डॉ. प्रिंस जायसवाल स्वास्थ्य विभाग में एक चर्चित चेहरा है, उसका कार्य केवल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यों की देखरेख एवं उनका संचालन करना है लेकिन जिला चिकित्सालय से लेकर सीएमएचओ कार्यालय के हर कार्यों में उसका हस्तक्षेप बतलाया जाता है, विभाग में कौन कर्मचारी कौन सा कार्य देखेगा यह भी डॉ. प्रिंस के हस्तक्षेप से किया जा रहा है,सूत्र बतलाते हैं कि वर्तमान सीएमएचओ उसके ईशारे पर नाचते फिरते हैं। अपने बड़बोले पन में माहिर डॉ. प्रिंस द्वारा कलेक्टर कोरिया से भी नजदीकी बना ली गई है जिससे कि उसके हौसले और बुलंद हैं। हर जगह उसकी मौजूदगी और जबरन हस्तक्षेप से अब विभाग में अव्यवस्था देखी जा रही है।
करोड़ो की सिटी स्केन मशीन की खरीदी भी डॉ. प्रिंसके सलाह पर
गत वर्ष एसईसीएल द्वारा जिला चिकित्सालय को सीटी स्केन मशीन उपलध कराई गई है, बतलाया जाता है कि उक्त मशीन अपने वास्तविक कीमत से लगभग दोगुने दर पर खरीदी गई है, उस दौरान यह जानकारी लगी थी कि मशीन की खरीदी में डॉ. प्रिंस जायसवाल की मुख्य भूमिका है। आवाज उठी और हमेशा की तरह दब भी गई और यह सुनने को मिला कि कलेक्टर कोरिया के द्वारा डॉ. प्रिंस को पूरा समर्थन के कारण इसकी आगे जांच नही की जा सकी उल्टे खबर प्रशासन पर सीएमएचओ ने जबरन सफाई पेश कर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी।
स्वास्थ्य मंत्री को भेजा गया हस्ताक्षरयुक्त पत्र
घटती-घटना अखबार को जो पत्र प्राप्त हुआ है उसके अनुसार उल्लेखित है कि वर्तमान में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी जिला कोरिया की कार्यशैली से जिला कोरिया के स्वास्थ्य विभाग की गरिमा धूमिल हो रही है। विदित हो कि सिविल सर्जन के विरूद्व संविदा कर्मचारी डीपीएम के द्वारा जांच करवाया जा रहा है जो निंदनीय है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के लिपिकों को जिला अस्पताल भेजकर सिविल सर्जन कार्यालय के कार्यों में व्यवधान उत्पन्न किय जा रहा है साथ ही जीवनदीप समिति का खाता लगभग एक माह से सील कर दिया गया है, जिसके कारण जिला अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है। उक्त दोनो के द्वारा स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से जिला चिकित्सालय की छवि को धूमिल किया जा रहा है, ज्ञात हो कि 2022-23 में जिला चिकित्सालय के लगभग 100925 ओपीडी एवं 15977 आईपीडी के मरीजों का उपचार किया जा चुका है जो कि राज्य में द्वितीय या तृतीय स्थान को आता है। इसके उपरांत भी इन दिनों के द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को यह संदेश दिया जा रहा है कि जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर में किसी भी तरह का कार्य नही किया जा रहा है। जिला अस्पताल के समस्त चिकित्सक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं कार्यक्रम अधिकारी जिला कोरिया के कार्यशैली से संतुष्ट नही हैं प्रायःसिविल सर्जन के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया जाता है। उक्त आरोप लगाते हुए जिला चिकित्सालय में पदस्थ डॉक्टरों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आरएस सेंगर एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रिंस जायसवाल को पदमुक्त करने की मांग स्वास्थ्य मंत्री से की है। विश्वस्त सूत्रो का कहना है कि कार्यवाही ना होने की दशा में डॉक्टर हड़ताल पर भी जा सकते हैं।


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