नई दिल्ली,16 फरवरी, 2023 (ए)। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गवर्नरों से यह उम्मीद नहीं की जाती है कि वे राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन बनाने के लिए राजनीतिक अखाड़े में घुसेंगे। सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने शिवसेना विवाद में सुनवाई के दौरान यह मौखिक टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की, जब महाराष्ट्र के राज्यपाल की ओर से उपस्थित होकर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत का ध्यान इस ओर दिलाया कि कैसे उद्धव ठाकरे की शिवसेना अवसरवादिता का परिचय देते हुए चुनाव के बाद एनसीपी और कांग्रेस के साथ महा विकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल हो गई।
शिवसेना के विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट शिवसेना के एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट बनने के बाद पैदा हुए संवैधानिक मुद्दों की सुनवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की इस संवैधानिक बेंच में सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुटों के वकीलों की ओर से दलीलें पेश किए जाने के बाद भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता महाराष्ट्र के गवर्नर की ओर से पेश हुए।
राज्यपाल की ओर से तुषार मेहता ने पेश की थी दलील एसजी मेहता ने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पक्ष रखते हुए कहा, ‘हमारे यहां दो दलों वाली व्यवस्था नहीं है। भारत में बहुदलीय लोकतंत्र है। बहुदलीय लोकतंत्र का मतलब है, गठबंधन का युग। दो तरह के गठबंधन होते हैं- चुनाव से पहले और चुनाव के बाद। चुनाव के बाद का गठबंधन आमतौर पर अवसरवादी होता है ।
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