तड़प-तड़प कर मासूम ने तोड़ा दम
शहडोल , 04 फरवरी, २०२३ (ए)। मध्य प्रदेश में अंधविश्वास के चक्कर में 3 महीने की बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आदिवासी बहुल शहडोल जिले में निमोनिया से पीडि़त बच्ची को ठीक करने के लिए अंधविश्वास के चक्कर में उसके पेट में 51 बार गर्म सलाखों से दागा गया। इससे बच्ची की हालत और खराब हो गई। बाद में परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
शहडोल जिले के सिंहपुर कठौतिया की 3 महीने की बच्ची को निमोनिया की वजह से सांस लेने में दिक्कत थी। अंधविश्वास की वजह से परिजन उसे किसी झोलाछाप इलाज कराने के पास लेकर गए। उसके पास बच्ची की मर्ज की दवा थी गर्म सलाखें। बच्ची को एक बार या दो बार नहीं, बल्कि 51 बार दागा गया। इससे बच्ची की तबीयत बिगड़ गई। ऐसे में परिवार के लोग उसे शहडोल मेडिकल कॉलेज में लेकर गए, लेकिन सांसों की डोर टूट गई। बच्ची को नहीं बचाया जा सका।
इस बारे में डॉ. हितेष वाजपेयी (चिकित्सक व प्रवक्ता बीजेपी) ने कहा कि निमोनिया से इंडयूस नहीं होता, लेकिन सेकेंडरी इंफेक्शन के बहुत चांस होते हैं। आदिवासी बहुल इलाकों में झाड़फूंक और दागने की कुप्रथा है। जहां की घटना है, वहां सीएमएचओ से आग्रह करना चाहूंगा कि केस दर्ज करके कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
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