अम्बिकापुर ,21 जनवरी 2023 (घटती-घटना)। राष्ट्रीय ओबीसी महासभा प्रदेश इकाई छाीसगढ़ के आह्वान ओबीसी महासभा जिला सरगुजा द्वारा कलेक्टर सरगुजा के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली एवं महामहिम राज्यपाल छाीसगढ़ शासन रायपुर के नाम ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन विभिन्न मुद्दों को लेकर दिया गया, जिसमें लेख है कि संविधान में सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदायों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के रूप में 3 वर्ग बनाये गए है। जनगणना में इन तीनों वर्गों की दशाओं के आकड़े एकत्रित किए जाने चाहिए। अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनगणना तो होती है किन्तु राष्ट्रीय जनगणना फार्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग का पृथक से कॉलम नहीं होने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं होती है। संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोगों (काका कालेलकर आयोग, मंडल आयोग व मध्यप्रदेश रामजी महाजन आयोग) द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराये जाने बाबत् अनुशंसाएँ की गई है। तद्नुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के ऑकड़े एकत्र करने के प्रयास किए गए किन्तु आँकड़े जारी नहीं किए गए। ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना फार्मेट में ओबीसी का कालम बनवाने शासन-प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है। लेकिन पूर्व की भाँति इस बार भी राष्ट्रीय जनगणना फार्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कॉलम नहीं है। फलस्वरुप ओबीसी वर्ग की जनसंख्या तथा उसकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पायेगा। आगे लेख है कि जनगणना 2021 के फार्मेट में कॉलम 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नं. 3 और सामान्य के लिए कोड नं. 4 शामिल कर जनगणना की जाये एवं जनगणना उपरांत आँकड़े प्रकाशित किया जाये। जिससे ओबीसी समाज भारत देश के नागरिक (मतदाता) होने के नाते जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी प्राप्त कर सके। देश के संघीय संवैधानिक व्यवस्था के. अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदाय को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में तीन वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समानता के अवसर उपलध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था किया गया है। तदानुसार छाीसगढ़ सरकार द्वारा 02 दिसम्बर 2022 को छाीसगढ़ विधानसभा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग (ईडल्यूएस) को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व (आरक्षण) प्रदान करने हेतु विधेयक पारित किया गया, लेकिन 1931 के राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार ओबीसी 52 प्रतिशत तथा हालही में मंटिफायबल डाटा कमेटी से प्राप्त आकडों के आधार ओबीसी की आबादी लगभग 42 प्रतिशत होने के बावजूद राज्य स्तर के पदों पर 27 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है इसके अतिरिक्त समाग एवं जिला स्तर के पदों में अधिकतम 27 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है।
जबकि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग (ईडल्यूएस) को जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व (आरक्षण) देने का प्रावधान किया गया हैं। अधिकांश संभाग/जिलों में ओबीसी की जनसंख्या 27 प्रतिशत से अधिक होने के बावजूद भी उन्हें जनसंख्या के अनुपात में न देकर अधिकतम 27 प्रतिशत प्रतिनिधित्व का सीमित प्रावधान किया गया है, जो कि प्रदेश के अर्थव्यस्था में रीड़ की हड्डी बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय एव असंवैधानिक है। तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में क्रमशरू 50.49 और 40 प्रतिशत प्रतिनिधित्व (आरक्षण) लागू है। अत इन राज्यों की भांति छाीसगढ़ में ओबीसी को मंटिफायबल डाटा कमेटी प्राप्त आंकड़ो के आधार पर 42 प्रतिशत प्रतिनिधित्व (आरक्षण) लागू किये जाने आदि विषयों पर ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन दौरान प्रदेश सचिव सुभाष साहू, संभागीय प्रवक्ता सरगुजा संभाग आनंद सिंह यादव, संभागीय महासचिव एन.पी. गुप्ता, जिला कोषाध्यक्ष उपेन्द्र गुप्ता, यशोदा साहू, सुरेन्द्र कुमार, राहुल गुप्ता, शुभम यादव, सोनिया गुप्ता, सुलेखा साहू, सुनीता, कार्तिक एवं अन्य उपस्थित थे।
घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur घटती-घटना – Ghatati-Ghatna – Online Hindi News Ambikapur