Breaking News

गरियाबंद@युवाओं ने फतह किया 12500 फीट केदारकंठा ट्रैक

Share


गरियाबंद जिले को किया प्रमोट और लहराया तिरंगा
गरियाबंद ,20 जनवरी 2023(ए)। जिले का प्रतिनिधित्व करते हुए खेमराज साहू ने भूतेश्वरनाथ धाम, कुलेश्वरनाथ धाम, जतमाई धाम, घटारानी धाम और हीरा खदान को पोस्टर के माध्यम से प्रमोट किया। जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का फिर देखना फिजूल है कद आसमान का। कुछ ऐसे ही मजबूत इरादों के साथ छत्तीसगढ़ के ट्रेकरो ने उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकांठा ट्रैक जिसकी ऊँचाई 12500 फीट है जहां तापमान सुबह -2 से -8 डिग्री सेल्सियस तथा रात्रि मे तापमान -15 से -18 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जिसका सफल आरोहण किया।
हिमालयन एम्बीसन (ट्रेक श्रैक) के तत्वाधान मे दिनाँक 15/01/2023 से 18/01/2023 तक उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले मे नेशनल विंटर ट्रेकिंग कैम्प का आयोजन किया गया था जिसमें विभिन्न राज्य दिल्ली, केरल, बंगलौर, तमिलनाडु, हरियाणा, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना सहित छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था।
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से प्रतिनिधित्व करने वाले ग्राम पोंड़(पांडुका) से खेमराज साहू पिता ओमप्रकाश साहू ने अद्भुत गरियाबंद की थीम रखते हुए गरियाबंद जिले की एतिहासिक धार्मिक और अमूल्य प्राकृतिक धरोहर जिसमें एशिया महाद्वीप का सबसे बड़ा भूगर्भीय शिवलिंग भूतेश्वर नाथ धाम, 8 सदी की मंदिर कुलेश्वर नाथ धाम, धार्मिक स्थल माँ जतमाई धाम, माँ घटारानी धाम और बहुल्य खनिज पदार्थ हीरा खदान जो सभी गरियाबंद जिले की अद्भुत परिकल्पना से भरा है। उनका प्रतिनिधित्व कर जिले को गौरवान्वित किया। वही बालोद से रूपेश साहू, लोकेश साहू, रेवेन्द्र साहू, राजनांदगांव से उमेश साहू, रायपुर से लोकेश साहू (विक्की), धमतरी से ओमप्रकाश नेताम, जगदलपुर से ज्योति बघेल, नेहा ध्रुव, राजकुमारी मौर्य ने भी प्रतिभाग में लिया था। सभी ने अदम्य साहस के साथ -17 डिग्री सेल्सियस तापमान में कठिनाई भरी बर्फीली रास्तो से होकर केदारकांठा ट्रैक के 12500 फीट ऊंची पीक (चोटी) पर माँ भारती और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारें के साथ 75 फीट का विशाल राष्ट्र ध्वज लहराकर एक नया कीर्तिमान रचा गया।


Share

Check Also

खड़गवां@17 वर्षों से खडग़वां की कुर्सी पर जमे एसडीओ-शासन की सर्जरी से अछूते

Share फील्ड में हमेशा व्यस्त दिखने वाले एसडीओ…17 साल से नहीं छोड़ी खडग़वां की कुर्सी …

Leave a Reply