नई दिल्ली @कंझावला केस के आरोपितों पर चलेगा हत्या का मुकदमा
दिल्ली पुलिस ने जोड़ी धारा 302
नई दिल्ली 17 जनवरी, 2023 (ए)। दिल्ली के कंझावला में युवती की कार से घसीटकर मौत के मामले में पुलिस ने हत्या की धारा जोड़ दी है। दिल्ली पुलिस ने बताया कि सबूतों को इकट्ठा करने के बाद आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) की जगह धारा 302 (हत्या) जोड़ दी गई है।
बता दें कि इस मामले में गृह मंत्रालय भी नजर बनाए हुए है। गृह मंत्रालय ने करीब एक सप्ताह पहले पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को सभी आरोपितों के खिलाफ हत्या की धारा में केस चलाने को कहा था।
पहले जोड़ी गईं थी ये धाराएं
पहले पुलिस ने खतरनाक तरीके से गाड़ी चलाने, सुबूत को मिटाने की कोशिश, गैर इरादतन हत्या और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। मामले में सभी आरोपितों दीपक खन्ना, अमित खन्ना, कृष्ण, मिथुन, मनोज मित्तल, आशुतोष भारद्वाज और अंकुश को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अंकुश को 7 जनवरी और आशुतोष को 17 जनवरी को रोहिणी कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
कार में सिर्फचार लोग सवार थे
पुलिस ने बताया कि एक जनवरी की रात बलेनो कार में केवल चार आरोपित ही सवार थे। दीपक खन्ना जिसने घटना के दौरान कार चलाने की जिम्मेदारी ली थी, वह कार में नहीं था। उसने पुलिस को गुमराह करने के लिए कार चलाने को जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी, क्योंकि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस है। पुलिस का कहना है कि दीपक इस मामले में गिरफ्तार है। इसलिए इससे केस पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। इसने पुलिस को गुमराह किया है। केस में आपराधिक साजिश रचने की धारा पहले से लगी हुई है।
एक जनवरी को तड़के तीन बजे करीब चार युवकों ने अंजलि को टक्कर मार दी थी, जिसके बाद युवती कार के नीचे फंस गई। उन्होंने उसे 13 किमी से ज्यादा सड़क पर घुमाया। चार किमी के रोड पर ही वो यू-टर्न लेते रहे और गड्ढों वाली जगह में घुमाते रहे।
आरोपितों ने पूछताछ में यह कुबूल किया कि एक जनवरी की तड़के ढाई बजे सुल्तानपुरी में स्कूटी को टक्कर मारते ही उन्हें पता लग गया था कि एक युवती कार के नीचे फंस गई है। इसलिए चालक ने घटनास्थल पर ही पहले कार को दो बार आगे और दो बार पीछे किया था ताकि युवती कार के नीचे से निकल जाए।
आरोपितों ने कार से बाहर आकर युवती को इसलिए नीचे से नहीं निकालना चाहा क्योंकि उन्हें डर लगने लगा था कि कहीं हाथ लगाने पर उनपर हत्या का आरोप न लग जाए। इसलिए उन्होंने हाथ नहीं लगाया। करीब डेढ़-दो घंटे तक चक्कर काटने के बाद कंझावला में यू-टर्न लेने के दौरान युवती जब कार के नीचे से निकल गई, तब आरोपी कार लेकर भाग गए।
आशुतोष व अंकुश ने बताए थे बचने के रास्ते
दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित अमित असल में अंकुश का भाई है। घटना के बाद रास्ते से ही फोन कर उसने बता दिया था कि कार से कुचलकर एक युवती को मार डाला है। इसके बाद आशुतोष व अंकुश ने उसे बचने के तरीके बताए। दोनों ने पांचों आरोपितों को बचाने की कोशिश की थी।
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