बैकुण्ठपुर@अपनी सरकार के अंतिम राज्योत्सव कार्यक्रम में कांग्रेसी को करना पड़ा अपमान का सामना

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मुख्य अतिथि व अध्यक्षता करने वाली की कुर्सी दिखी एक समान…हुआ विवाद।
क्या कार्यक्रम की अध्यक्षता करने वाली मुख्य अतिथि की धर्मपत्नी थी इसलिए कुर्सी एक समान लगाई गई, फिर हटाई क्यों गई?
विधायक मुख्य अतिथि व पत्नी को दिया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता की जिम्मेदारी,कार्यक्रम निगम क्षेत्र में नहीं नगरपालिका क्षेत्र में था आयोजत।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेताओं में जमीन पर बैठकर अपनी ही सरकार में विरोध का प्रचलन बढ़ढ़ा।
जिपं उपाध्यक्ष वेदांती तिवारी के बाद मनेंद्रगढ़ढ़ नगरपालिका अध्यक्ष ने भी जमीन पर बैठकर दर्ज कराया विरोध।
विधायक का भी दिखा अनोखा पत्नी प्रेम,महापौर पत्नी के लिए लगवाई एक समान कुर्सी, इसलिए नगरपालिका अध्यक्ष बैठीं जमीन पर।
मुख्यमंत्री अपना चेहरा चुनाव पूर्व चमकाने की तैयारी में,उधर उनके ही विधायक अपने क्षेत्र में हो रहे जनाधार विहीन।
राज्योत्सव में दिखा कई जगह विधायकों के क्रियाकलापों का विरोध,कहीं जमीन पर बैठे पार्टी पदाधिकारी,कहीं विधायक की अनुपस्थिति से पार्टी के लोग दिखे प्रसन्न।
मामला अविभाजित कोरिया जिले से जुड़ड़ा हुआ,मनेंद्रगढ़ढ़ विधायक और बैकुंठपुर विधायक की कार्यप्रणाली आई सामने।

रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 02 नवम्बर 2022 (घटती-घटना)
। राज्योत्सव में कांग्रेस पार्टी की गुटबाजी और आपसी खींचातानी खुलकर सामने आई और यह साबित हो गया कि पार्टी में अनुशासन उसी समय समाप्त हो गया जब प्रदेश के मुखिया ने केंद्रीय नेतृत्व आलाकमान को आंखे दिखा दी थीं और विधायकों की दिल्ली परेड कराकर खुद को पार्टी से ऊपर जता दिया था, अब वैसा ही कुछ प्रदेश के नेताओं का हाल है और हर कोई एक दूसरे से श्रेष्ठ खुद को साबित करने दूसरे को हाशिये पर डालने का प्रयास कर रहा है और जिसका परिणाम है कि गुटबाजी खुलकर सामने दिखने लगी है और आपस का विरोध जनता के सामने है।
राज्योत्सव कार्यक्रम में कोरिया जिले की बैकुंठपुर विधायक को कार्यक्रम का मुख्य अतिथि नहीं बनाया गया तो उन्होंने जिले के कार्यक्रम का ही जहां बहिष्कार कर दिया वहीं एमसीबी नवीन जिले के राज्योत्सव कार्यक्रम में मनेंद्रगढ़ नगरपालिका के अध्यक्ष उपाध्यक्ष सहित पार्षदों को जब सम्मान नहीं मिला उन्होंने जमीन पर बैठकर विरोध दर्ज किया और काफी मानमनौव्वल के बाद उन्होंने में मंच पर जाकर स्थान ग्रहण किया जो गुटबाजी का जीता जागता उदाहरण बना। राज्योत्सव कार्यक्रम में जहां मुख्यमंत्री अपना चेहरा चमकाने की जुगत में थे वहीं उन्ही के पार्टी के जिम्मेदार लोगों ने पूरी तैयारी पर पानी फेर दिया और राज्योत्सव आपसी खींचातानी में किसी तरह संपन्न हुआ यदि दोनों जिलों कोरिया व एमसीबी की बात की जाए।

क्या कोरिया राज्योत्सव के मुख्य अतिथि को था डर,इसलिए अपने साथ समर्थकों की भीड़ व मीडिया लेकर आए?
प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर कोरिया के राज्योत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सोनहत भरतपुर विधायक को बनाया गया था स्थानीय विधायक को मुख्य अतिथि बनने का मौका नहीं मिला, जिस कारण भीड़ ना होने के डर पर मुख्य अतिथि को सताने लगा क्या इस डर से मुख्य अतिथि ने अपने साथ अपने समर्थकों की भीड़ व अपने विधानसभा से कुछ मीडिया कर्मियों को भी साथ लाए ताकि उनकी रिपोर्टिंग अच्छी हो और उनके मुख्य अतिथि में सब कुछ अच्छा दिखाया जा सके पर वास्तविकता तो यह थी कि भले ही राज्योत्सव के नाम में जमकर पैसा उठाया गया हो या करोड़ों की खर्च कार्यक्रम आयोजित किया गया हो पर कार्यक्रम को देखने वालों की भीड़ ना के बराबर देखी गई, जिस जिले के जिस विधानसभा में कार्यक्रम आयोजित था वहां की जनता उस कार्यक्रम को देखने नहीं पहुंचे, कहा जाए तो जिनके लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया वही वहां नहीं पहुंचे मतलब की करोड़ों रुपए फिजूल खर्च होगा। राज्योत्सव का रंग जिला विभाजन की वजह से फीका पड़ गया और यही हाल पुराने जिले का भी रहा और नवीन जिले में का भी, कार्यक्रम सिर्फ औपचारिकता बनकर रह गया।
खुद बने मुख्य अतिथि पत्नी को बनवाया कार्यक्रम का अध्यक्ष और कुर्सी भी लगाई एक समान
एमसीबी नवीन जिले का राज्योत्सव परिवारवाद की परंपरा को जीवंत रखने वाला दिखा,कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मनेंद्रगढ़ विधायक जहां कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे वहीं अपनी महापौर पत्नी को उन्होंने कार्यक्रम का अध्यक्ष बनवाया था और इसी वजह से भी मनेंद्रगढ़ में विरोध भी हुआ क्योंकि दोनों के लिए मंच पर एक समान कुर्सियां भी लगी हुईं थीं। एमसीबी नवीन जिले में अन्य नगरीय निकायों के अध्यक्ष उपाध्यक्षों के लिए न तो बेहतर बैठक व्यवस्था की गई थी और न ही उनका बैनर पोस्टर में ही कहीं जिक्र देखा गया था। बताया जा रहा है कि अधिकांश नगरपालिका अधिक एवम उपाध्यक्ष भरतपुर सोनहत विधायक खेमे के हैं इसलिए भी उनको कार्यक्रम में बेहतर सम्मान नहीं दिया गया था और इसी वजह से जमीन पर बैठकर विरोध दर्ज हुआ।
कांग्रेसी नाराज हो तो हो पर हम तो चलेंगे अपने ही अंदाज में
कांग्रेस नेताओं में एक अजीब व्यवहार इस राज्योत्सव में देखने को मिला, पार्टी के ही लोग नाराज हों तो हों नेताओं द्वारा अपना अंदाज नहीं बदला जाएगा यह तय दिखा। वहीं राज्योत्सव कार्यक्रम में कोरिया सहित सरगुजा संभाग के कई जिलों के कार्यक्रम में कांग्रेस की गुजबाजी खुलकर सामने आई जो नेताओं के अçड़यल रवैये को जतला गई।
नवीन जिला बनने के बाद पहले ही राज्योंत्साव में हुई किरकिरी
एमसीबी नवीन जिला गठन उपरांत जिले में यह पहला कार्यक्रम था जो जिला स्तर पर अयोजित था और कार्यक्रम में किरकिरी हुई ऐसा कहना गलत भी नहीं होगा। मनेंद्रगढ़ विधायक जहां अन्य नगरपालिका अध्यक्ष उपाध्यक्षों को जिले के सम्मान दिला पाने में इसलिए असमर्थ दिखे क्योंकि उन्हें अपने ही सम्मान की केवल फिक्र थी और इसी वजह से पार्टी की गुटबाजी सामने आई।
जिला विभाजन में राज्योत्सव के रंग में डाला भंग
जिले का बंटवारा के बाद पहला राज्योत्सव था जिसमें उत्साह दिखनी थी पर पर उत्साह के जगह सिर्फ गुस्सा दिखा और यही वजह थी कि करोड़ों रुपए के खर्चे से आयोजित कार्यक्रम में जिलावासी पहुंचने से परहेज किए, भीड़ जुटाने के लिए कशमकश देखने को मिला, जिला विभाजन की नाराजगी ने राज्योत्सव के रंग में कहीं ना कहीं भंग डाल दी, कोई अपने मुख्य अतिथि के ना होने की वजह से कार्यक्रम से दूर हुआ तो कोई जिले का विभाजन किया था उसे मुख्य अतिथि बनाया, इस वजह से कार्यक्रम में जाना उचित नहीं समझा, ऐसे तमाम तरीके के स्थितियां निर्मित हुई जिस वजह से राज्योत्सव में जाने से लोग परहेज करते नजर आए, जिस शहर में कार्यक्रम आयोजित था उस शहर के लोग भी उस कार्यक्रम में यदि पूरी तरह पहुंच जाते हैं तो शायद भीड़ दिखाई जा सकती थी पर ऐसा भी निर्मित नहीं होआ।
कोरिया राज्योत्सव के मुख्य अतिथि कार्यक्रम के तुरंत बाद भागे रायपुर
एक कहावत है खाओ पियो और खसको क्या यही कहावत चरितार्थ होती दिखी जब कोरिया के मुख्य अतिथि कार्यक्रम के बाद अपने जिले व विधानसभा से कार्यक्रम खत्म कर राजधानी के लिए प्रस्थान कर लिए, क्या वह कार्यक्रम के लिए ही अपने विधानसभा व जिला में मौजूद थे यह एक बड़ा प्रश्न है? आखिर बार-बार जिले को छोड़कर राजधानी में मौजूद होना है तो क्या राजधानी के लोग ही उन्हें अगला चुनाव जीतेंगे या फिर स्थानीय स्तर पर ही उन्हें लोगों से जुड़ना चाहिए, क्योंकि वही उन्हें अपना मत देंगे जिससे उन्हें जीत मिल सकती है ना कि राजधानी के लोग के लोगो से।
एसडीएम साहब को नगरपालिका अध्यक्ष के साड़ी खराब होने की चिंता, उनके अपमान कि नहीं-
राज्योत्सव में नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल के जमीन पर बैठने के बाद एसडीएम अभिषेक कुमार का वीडियो हो रहा वायरल। वीडियो में एसडीएम अभिषेक कुमार नपाध्यक्ष प्रभा पटेल और कांग्रेस की महिला नेत्रियों से कहा रहे है, आप लोग अच्छी-अच्छी साड़ी पहनकर आई है खराब हो जाएगी। एसडीएसम को जवाब में महिला नेत्रिया कह रही है साड़ी की चिंता नही है सर इज्जत की चिंता है। एसडीएम अभिषेक कुमार और कांग्रेस की महिला नेत्रियों के बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर हो रहा है वायरल।
कलाम साहब से कुछ सीखिए विधायक साहब
पूर्व राष्ट्रपति स्व अब्दुल कलाम जब भी किसी कार्यक्रम में जाते थे अपने लिए छोटी कुर्सी लगवाते थे औऱ कहते थे सब एक समान है। अब्दुल कलाम की जयंती पर उनकी कही गई बातों का अनुसरण करने की बात कहने वाले नेता अब खुद ही उनकी बातों का अनुसरण नही कर रहे है।


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