- वन विभाग की बनी सडक़ कोल माफियाओं के लिए अवैध खदान तक पहुंचने का रास्ता किया आसान।
- वन विभाग की वनक्षेत्र में बनी सड़डक़ पर कोल तस्करों की वाहन कोयला लेकर दौड़ड़ रही सरपट।
- पहले खदानों तक जाने का नहीं था मार्ग,पैदल सड़ड़कों तक लाया जाता था कोयला।
- एक दिन में एक से दो गाड़ड़ी ही कोयला उठा पाते थे कोल माफिया।
- वन विभाग की सड़डक़ों के बनने के बाद कोल तस्करों की गाड़िडय़ां अब लगाती हैं 50 ट्रिप प्रतिदिन।
- पहले कोयला क्षेत्र के ईंट भ_ों तक ही पहुंचा पाते थे,अब कुछ प्लांटों तक कोयला पंहुचा रहे कोल तस्करों आसानी से।
- आधुनिक उपकरणों का भी प्रयोग कर रहे कोल तस्कर,कई यंत्र अवैध खदानों में उपलब्ध।
- बिजली भी पहुंचाई जाती है अवैध खदानों तक,जिससे रात में भी होता रहे अवैध उत्खनन।
- क्या वाकई अवैध कोल उत्खनन बंद करा पायेगा जिला प्रशासन?
- क्या जिले में जारी सबसे अवैध कार्य को मिला हुआ है वैध व्यवसाय की तरह लाइसेंस?
- पुलिस मिली हुई,खनिज विभाग वन विभाग कार्यवाही करती नहीं, अब कलेक्टर ने खुद सम्हाला मोर्चा।


-रवि सिंह-
बैकुण्ठपुर 20 अप्रैल 2022 (घटती-घटना)। जिले के जिला मुख्यालय से महज चंद किलोमीटर ही दूर एक ऐसा अवैध व्यव्साय संचालित है जिसमें प्रतिदिन 20 से 25 लाख का वारा न्यारा इस व्यव्साय से जुड़े लोग कर रहें हैं वहीं इस व्यव्साय से जुड़े लोग प्रतिवर्ष ऐसा करते चले आ रहें हैं जिससे पूरा प्रशासन व पुलिस प्रशासन अनभिज्ञ बना बैठा है अंजान बना बैठा है जबकि यह एक ऐसा अवैध व्यव्साय है जो जिस तर्ज पर किया जा रहा है उस तर्ज पर इस व्यवसाय को होता देख अब आसपास के लोगों का ही कहना है कि इन अवैध व्यवसायियों को ही इस व्यवसाय का लाइसेंस दे दिया जाना चाहिए क्योंकि जिस तरह यह इस व्यव्साय में पूरा जोखिम उठाकर व्यव्साय कर रहें हैं और जिस विश्वास के साथ वह काम कर रहें हैं कोयले का अवैध उत्खनन कर रहे हैं उतना तो पूरी व्यवस्था व सुरक्षा उपायों के साथ एसईसीएल कोयले का उत्पादन नहीं कर पा रही है।
वहीं यदि कोयला तस्करों के नित तरक्की और उनके अवैध उत्खनन सहित उसकी आपूर्ति कहाँ की जा रही है इस संदर्भ में बात की जाए तो बात दें कि पहले कोयला तस्करों के द्वारा कम मात्रा में कोयले की तस्करी की जाती थी वहीं अब ज्यादा मात्रा में तस्करी की जा रही है क्योंकि कोयला तस्करों को वन विभाग की एक सड़क मदद कर रही है और उनका अवैध उत्खनन किया हुआ कोयला अब आसानी से अवैध खदानों से ही सीधे गाड़ियों में लादकर सीधे आसपास के ईंट भ_ियों तक भेजा जा रहा है और अधिक उत्खनन की वजह से ट्रकों में लादकर कोयला दूर दराज की इंडस्ट्रियों में भेजा जा रहा है जो पूरी तरह से अवैध रूप से किया जा रहा है।
वन विभाग की सडक़बनी कोयला तस्करों
की मददगार
वन विभाग बैकुंठपुर कोरिया द्वारा जंगल मे बनाई गई सड़क कोयला तस्करों के लिए वरदान साबित हो गई है और पहले जिन जंगल की खदानों से कोयला अवैध रूप से उत्खनन कर कोयला तस्कर पैदल कौरियों से या सायकलों से मुख्य सड़क तक लाया करते थे जिसमें समय लगता था और उत्खनन किया हुआ कोयला कम मात्रा में कोयला तस्कर बेच पाते थे वह वन विभाग की सड़क बनने उपरांत अब सीधे अवैध खदानों तक गाड़िया कोयला तस्करों की जा पा रहीं हैं और भारी मात्रा में तस्करी जारी है।
एक दिन में 25 लाख तक का कोयला किया
जाता है तस्करी
जैसा कि आसपास के लोगों का कहना है और जैसा कि प्रतिदिन इस व्यवसाय में गाड़ियों की संख्या लोग बताते हैं एक दिन में 20 से 25 लाख के व्यवसाय का अनुमान सभी लगाते हैं इस व्यवसाय से।
भाजपा नेता देवेंद्र तिवारी भी पहुंचे अवैध कोयला खदान तक
भाजपा नेता देवेंद्र तिवारी ने कहा अवैध कोयला उत्खनन से ही गयी ग्रामीण की जान, बैकुंठपुर के ग्राम पूटा के फॉरेस्ट एरिया में कोयले की कई अवैध खदानें चल रही हैं, इन खदानों में बेबस, लाचार मजदूरों का उपयोग बाहर के रसूखदार अवैध कोयला कारोबारी कर रहे हैं। कई ग्रामीण पहले भी खदानों में दब कर मृत हो गए हैं। हाल में ही एक व्यक्ति कोयला खनन करते हुए दब कर मौत के मुंह मे समा गया। मैंने स्वयं अवैध खदान को देखा, ग्रामीणजन ने यहां पर और बड़ी घटना की आशंका जाहिर की है। किंतु जिला प्रशासन इस मामले को गम्भीरता से लेता हुआ नहीं दिख रहा है। जनप्रतिनिधियों का मौन बड़े षणयंत्र की ओर इशारा करता है मामला काफी संवेदनशील है। कृत्य मानवता के खिलाफ, हम जिला प्रशासन से बात करेंगे शोषण और अत्याचार का अध्याय खत्म करने के लिए आमजन के सहयोग की अपेक्षा करता हूँ।
पुलिस,खनिज और वन विभाग की मौन सहमति
से इंकार नहीं किया जा सकता
पूरे अवैध कोयले के व्यव्साय को जिस अंदाज में कोयला तस्कर अंजाम दे रहें हैं उससे पुलिस वन व खनिज विभाग की मौन सहमति से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि प्रतिदिन सैकड़ों गाड़ी कोयले की तस्करी की जा रही है और किसी को पता ही नहीं है यह कहना कहीं से सही या जायज समझ मे नहीं आ रहा है इसे बिल्कुल झूठ कहा जा सकता है।
जा चुकी है कई जाने
इस अवैध कोयला व्यव्साय में अवैध खदानों में कई बार कइयों की दबने से मौत हो चुकी है अभी हाल में ही एक व्यक्ति की जान गई है और जिस घटना में दो अन्य घायल भी हुए हैं जिसको लेकर खबरें भी प्रकाशित हुईं हैं लेकिन कोयला तस्करों की वजह से उनकी धमकियों की वजह से मृतक के परिजनों ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कि है और ना ही घायलों ने ही कोई शिकायत दर्ज की है।
अवैध कोयला पहुंच रहा अब इंडस्ट्रियों तक
पहले कम मात्रा में अवैध कोयला उत्खनन हुआ करता था अब बड़ी मात्रा में कोयले का उत्पादन अवैध रूप से किया जा रहा है पहले केवल आसपास के इंटभठों तक कोयले की आपूर्ति किया करते थे कोल तस्कर अब बाहर इंडस्ट्रियों तक ट्रकों से कोयले कि आपूर्ति कर रहें हैं कोल तस्कर क्योंकि उनका अवैध उत्खनन बढ़ गया है।
आधुनिक उपकरणों सहित बिजली की भी व्यवस्था है अवैध खदानों में
अवैध खदानों में ऐसे ही अवैध कोयले का उत्पादन नहीं बढ़ गया है इसके लिए बाकायदा सुविधा प्रदान की जा रही है अवैध कोयला उत्खनन कर रहे मजदूरों को,खदानों में बिजली तक कि व्यवस्था है जिससे दिन रात कई पालियों में कोयले का अवैध उत्खनन हो सके।
कलेक्टर ने संयुक्त टीम बनाकर खुद अवैध कोयले के उत्खनन को रोकने उठाई है जिम्मेदारी
अब सभी संबंधित विभागों जिनकी भी जिम्मेदारी अवैध कोयला उत्खनन को रोकने की थी कि मौन सहमति को जानकर कलेक्टर कोरिया खुद जिम्मेदारी उठाये हैं कि कोयले की अवैध खदानें बंद की जाएं उन्हें ब्लास्ट कर उत्खनन योग्य नहीं रहने दिया जाए। अब देखना है कि जिले के मुखिया के अभियान को अन्य विभाग कितना तवज्जों दे पाते हैं क्योंकि वर्षों से चले आ रहे इस व्यवसाय को आज तक बंद कर पाने में कोई सफल नहीं हो सका है।