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रायपुर@केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री के सामने सीएम ने रखी मांगें

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छत्तीसगढ़ के हिस्से की कोल ब्लाकों पर लगाई गई अतिरिक्त लेवी की राशि 4169.86 करोड़ रूपए छत्तीसगढ़ को जल्द उपलब्ध कराने, कोल रायल्टी की दरों में बढ़ोत्तरी करने और खदानों से लौह अयस्क के आरओएम की रायल्टी दरों को नोटिफाई करने का आग्रह किया


रायपुर,07 जनवरी 2022 (ए)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय में केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी के साथ वर्चुअल बैठक की, जिसमें छत्तीसगढ़ के हितों से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपना पक्ष मजबूती के साथ रखा।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से छत्तीसगढ़ के हिस्से की कोल ब्लाकों पर लगाई गई अतिरिक्त लेवी की राशि 4169.86 करोड़ रूपए छत्तीसगढ़ को जल्द उपलब्ध कराने, कोल रायल्टी की दरों में बढ़ोत्तरी करने और खदानों से लौह अयस्क के आरओएम की रायल्टी दरों को नोटिफाई करने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि खदानों में जानबूझकर बड़ी मात्रा में फाइन्स लौह अयस्क का उत्पादन किया जाता है। लम्प और फाइन्स की रायल्टी में बड़ा अंतर होने के कारण राज्य सरकार को रायल्टी में बड़ी क्षति होती है।
रायल्टी दर 16 प्रतिशत करने का आग्रह
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि वर्ष 2014 के बाद कोयले की रायल्टी की दरें रिवाईज्ड नहीं की गई हैं, जिसके कारण राज्य को राजस्व हानि हो रही है। उन्होंने रायल्टी की दर 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 16 प्रतिशत करने का आग्रह केन्द्रीय मंत्री से करते हुए कहा कि कोल इंडिया द्वारा हर तीन माह में बेसिक सेल प्राईज घोषित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को रायल्टी से संबंधित विषय को समग्र रूप से देखने की आवश्यकता है। कोल उत्पादक राज्यों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उत्पादक राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को जून 2022 से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलेगी। इससे पहले वर्ष लगभग 5 हजार करोड़ रूपए का नुकसान छत्तीसगढ़ को होगा। आने वाले वर्ष में यह नुकसान और अधिक बढ़ेगा।
इस नीति ने औद्योगीकरण को हतोत्साहित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री के समक्ष भी उठाई है, जिस पर हिमाचल एवं अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी सहमति जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें रोज बढ़ रही हैं तब कोल की रायल्टी क्यों नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खदानों के साथ उद्योग भी हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ को न माइंस से और न ही उद्योगों से फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि खदानों के लिए हमारे जंगल और जमीन जाती है और बदले में केवल प्रदूषण बढ़ता है। ऐसे में यह नीति औद्योगिकरण को हतोत्साहित करने वाली साबित हो रही है।
उन्होंने कहा कि गिधमुरी-पतुरिया कोल ब्लॉक एवं मदनपुर साउथ कोल ब्लॉक, लेमरू एलीफेंट रिजर्व के अंतर्गत आने के कारण इन ब्लॉक्स का नीलामी और उत्खनन के लिए विचार नहीं किया जा सकेगा।
उन्होंने कबीरधाम के आयरन ओर ब्लॉक को छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के लिए आरक्षित रखने का आग्रह भी किया। बैठक के दौरान दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया गया कि लाईम स्टोन, लौह अयस्क और बॉक्साइट के नवीन ब्लॉक्स की नीलामी की जाएगी।
बैठक में छत्तीसगढ़ के प्रमुख सचिव वन मनोज कुमार पिंगुआ, खनिज साधन विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी, संचालक खनिज साधन जयप्रकाश मौर्य उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री ने दिया आश्वासन
केन्द्रीय मंत्री जोशी ने राज्य सरकार द्वारा रखे गए मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ द्वारा पहली कमर्शियल कोल माइंस को ऑपरेशनल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सराहना की।छत्तीसगढ़ के खनिज साधन विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बैठक में बताया कि राज्य सरकार द्वारा दो लाइम स्टोन ब्लॉक्स की नीलामी की गई है। 6 लाइम स्टोन ब्लॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा एक बॉक्साइड तथा एक आयरन ओर के नए ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री ने बैठक में छत्तीसगढ़ की विभिन्न कोयला खदानों से संबंधित विषयों को केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखते हुए उनके जल्द निराकरण का आग्रह किया।


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