शिकायतकर्ता की शिकायत पर सीआईएल से जांच करने के भी हुये हैं आदेश
क्या एसईसीएल चिरमिरी के अधिकारी श्रमिक नेता जो राजनीतिक पार्टियों में सम्मिलित है निष्पक्ष जांच हो सकेगी संभव?
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 10 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। चिरिमिरी कोरिया कॉलरी के शिकायतकर्ता सत्यपूजन मिश्रा ने एसईसीएल चिरिमिरी क्षेत्र के कई श्रमिक नेताओं के नौकरी नहीं करते हुए तनख्वाह उठाने सहित श्रमिक नेताओं के द्वारा विभिन्न राजनीतिक दलों में पदाधिकारी बनकर नौकरी के समय नेतागिरी करने की शिकायत कोल इण्डिया के चेयरमेन कम डारेक्टर सहित क्षेत्रीय महाप्रबंधक से की थी। जिसकी शिकायत की कॉपी खबर प्रकाशन के लिये शिकायतकर्ता के द्वारा दी गयी थी। हांलाकि नेता जी की खबर भी प्रकाशित हुयी और नेताजी झुंझलाकर खबर लिखने वाले पर वैधानिक नोटिस तक दे डाला और यह क्षेत्र के प्रबुद्ध पाठकों में यह खबर फैलायी जा रही है नेताजी पाकसाफ है। पर नेताजी यह भूल गये कि शिकायत के आधार पर खबर प्रकाशन अखबार का अधिकार है। हांलाकि शिकायतकर्ता के शिकायत पर कोल इण्डिया के चेयरमेन जांच के आदेश भी चिरिमिरी महाप्रबंधक कार्यालय को भेजने की खबर है जांच भी हो रही है ऐसा एसईसीएल के अधिकारीयो का कहना है। जांच को प्रभावित करने का प्रयास भी श्रमिक नेता जी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
सत्यपूजन मिश्रा ने शिकायत में उल्लेख किया था कि क्षेत्र में श्रमिक नेता के नाम से एसईसीएल कर्मी नेतागिरी करते हुए राजनीतिक दलों की सभाओं में खुलकर भाग लेते हैं वहीं वह पदाधिकारी बनकर भी एसईसीएल में कार्यरत है। जबकि एसईसीएल एक केंद्र सरकार के अधीन का उपक्रम है और इस उपक्रम में काम करने वाले या नियुक्त कोई भी कर्मचारी यदि राजनीतिक दलों का पदाधिकारी बनकर काम करता है या राजनीतिक दलों की सभाओं में शिरकत करता है तो उस पर शासकीय कर्मचारियों पर लागू नियम के तहत की बाध्यता लागू होनी चाहिए। शिकायतकर्ता सत्यपूजन मिश्रा ने अपनी शिकायत में यह भी कहा था एक तरफ एसईसीएल में श्रमिक काम करके प्रबंधन को लाभ पहुंचा रहें हैं वहीं श्रमिक नेता बनकर कुछ लोग प्रबंधन को लाखों का चूना लगा रहें हैं। जबकि श्रमिक नेता माईनिंग सरदार जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन है और इस पद पर रहते हुये इन्हें खदान में जाकर कार्य करने की जरूरत है। पर यह श्रमिक नेता 8 घण्टे तो दूर सिर्फ हाजिरी लगाने हफ्ते में जाते है। हाजिरी लगाना ही इनका कतर््व्य है। जबकी कई माईनिंग सरदार कॉलरी में पदस्थ है और यह न जाये तो इनकी हाजिरी नहीं लगती। पर नेताजी की तो हाजिरी लगानी जरूरी है क्योंकि कम्पनी वेलफेयर बोर्ड के मेम्मबर जो ठहरे।
सीआईएल ने जांच का दिया निर्देश
शिकायतकर्ता की शिकायत पर सीआईएल द्वारा जांच कर कार्यवाही हेतु आदेश भेजा गया है, अब सीआईएल के निर्देश पर किस तरह की जांच होगी यह देखने वाली बात होगी क्योंकि सत्ता के संरक्षण में श्रमिक नेताओं पर कार्यवाही के दौरान सत्ता का दबाव भी प्रबंधन पर बनना तय है। अब देखना होगा जांच निष्पक्ष होगी या सत्ता के संरक्षण से प्रभावित होगी।
समाचार प्रकाशित करने पर वैधानिक चेतावनी पत्र जारी किया गया
आरटीआई एक्टिविस्ट सत्यपूजन मिश्रा की शिकायत पर और शिकायत पत्र प्राप्त होने पर समाचार प्रकाशित होने पर श्रमिक नेता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से समाचार पत्र के संवाददाता व संपादक को वैधानिक चेतवानी पत्र भेजा है। अपनी गलतियों और कारगुजारियों को जो बिना काम किये वेतन उठाने से सम्बंधित हैं को छुपाने ऐसे श्रमिक नेता किसी भी स्तर तक जाने तैयार हैं] बस यदि यह कुछ नहीं करना चाहते हैं तो वह है अपना काम और बीना काम किये यह वेतन उठाने से परहेज भी नहीं करते।
वैधानिक नोटिस का क्या होगा जवाब
नेताजी अपने अधिवक्ता के माध्यम से वैधानिक नोटिस भेजा है जिसका जवाब जल्द ही प्रकाशित होगा जवाब देखने के लिये पाठक पढ़ते रहे घटती-घटना। अगले अंक में वैधानिक नोटस के साथ उसका जवाब प्रबुद्ध पाठकों के बीच होगा।