प्रभु दुःख आपने दिया है आपसे सुख क्या मांगू।
प्रभु भोग आपने दिया है आपसे तृप्ति क्या मांगू।
प्रभु ज्ञान आपने दिया है आपसे चेतना क्या मांगू।
प्रभु साहस आपने दिया है आपसे शक्ति क्या मांगू।
प्रभु प्रेम आपने दिया है आपसे वैराग्य क्या मांगू।
प्रभु चिंतन आपने दिया है आपसे चिंता क्या मांगू।
प्रभु मिलन आपने दिया है आपसे बिछोह क्या मांगू।
प्रभु जब पर्दा आपने दिया है आपसे लज्जा क्या मांगू।
प्रभु सत्य आपने दिया है आपसे झूठ क्या मांगू।
प्रभु बंधन आपने दिया है आपसे मुक्ति क्या मांगू।
प्रभु मोती आपने दिया है आपसे सीप क्या मांगू।
प्रभु सत्कर्म आपने दिया हैं आपसे दुष्कर्म क्या मांगू।
प्रभु संतोष आपने दिया है आपसे ऐश्वर्य क्या मांगू।
प्रभु अर्श आपने दिया है आपसे फर्श क्या मांगू।
प्रभु याराना आपने दिया है आपसे दुश्मनी क्या मांगू।
प्रभु विश्वास आपने दिया है आपसे अश्रद्धा क्या मांगू।
अनिल कौशिक
क्योड़क कैथल
हरियाणा
