नई दिल्ली@देशभर में एक साथ होगा वोटर्स लिस्ट वेरिफिकेशन

Share


दावा- बिहार में चुनाव हैं,इसलिए एसआईआर पहले हुआ,अन्य राज्यों में तारीख की घोषणा अलग से होगी

नई दिल्ली,10 सितम्बर 2025 (ए)। बिहार में वोटर्स लिस्ट के स्पेशल इंटेसिव रिविजन (स्पेशल इंटेसिव रिविजन) यानी वोटर्स लिस्ट वेरिफिकेशन के बाद,अब चुनाव आयोग पूरे देश में एक साथ स्पेशल इंटेसिव रिविजन कराएगा। सूत्रों के हवाले से बताया कि स्पेशल इंटेसिव रिविजन की शुरुआत कब होगी, अभी तक इसकी आधिकारिक तारीख तय नहीं हुई है। सूत्रों ने बताया कि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसलिए चुनाव आयोग ने सबसे पहले बिहार में स्पेशल इंटेसिव रिविजन किया। देश के बाकी हिस्सों के लिए स्पेशल इंटेसिव रिविजन की तारीख का ऐलान अलग से जारी किया जाएगा। चुनाव आयोग ने इस साल 24 जून को अपने एक आदेश के जरिए पूरे देश में स्पेशल इंटेसिव रिविजन करने की घोषणा की थी। चुनाव आयोग ने देशभर में स्पेशल इंटेसिव रिविजन की रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए बुधवार को दिल्ली में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ मीटिंग की थी। इसमें मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार भी मौजूद थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के बाद, इस साल के अंत में असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले स्पेशल इंटेसिव रिविजन शुरू हो सकती है। इसका मुख्य मकसद जन्म स्थान की जांच करके अवैध प्रवासियों को बाहर निकालना है। इससे पहले,चुनाव आयोग ने मंगलवार को बिहार चुनाव आयोग को लेटर भेजकर मतदाताओं की पहचान के लिए आधार कार्ड को 12वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का निर्देश दिया। चुनाव आयोग का यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 8 सितंबर के आदेश के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- आधार पहचान का प्रमाण, नागरिकता का नहीं सुप्रीम कोर्ट में 8 सितंबर को बिहार में स्पेशल इंटेसिव रिविजन (वोटर वेरिफिकेशन) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने कहा- आधार पहचान का प्रमाण पत्र है, नागरिकता का नहीं।

कोर्ट ने चुनाव आयोग को वोटर की पहचान के लिए आधार को 12वें दस्तावेज के तौर पर मानने का भी आदेश दिया।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि आधार को लेकर अगर किसी तरह की शंका हो तो इसकी जांच कराएं। कोई भी नहीं चाहता कि अवैध प्रवासियों को मतदाता सूची में शामिल किया जाए। पूरी खबर पढ़ें…
बिहार स्पेशल इंटेसिव रिविजन: एक महीने में करीब 3 करोड़ वोटर्स का वेरिफिकेशन
स्पेशल इंटेसिव रिविजन का मकसद- वोटर लिस्ट को अपडेट करना चुनाव आयोग के अनुसार, स्पेशल इंटेसिव रिविजन का उद्देश्य मतदाता सूची को अपडेट करना और अवैध मतदाताओं जैसे विदेशी नागरिकों, मृत व्यक्तियों या स्थानांतरित लोगों को हटाना है। इस बीच कई राज्यों में बांग्लादेश और म्यांमार से आए प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है।


Share

Check Also

जयपुर@हरिद्वार में अस्थियां विसर्जन करके लौट रहे परिवार की कार नाले में गिरी,सात लोगों की मौत

Share जयपुर,14 सितम्बर 2025 (ए)। जयपुर में एक कार बेकाबू होकर रिंग रोड से नीचे …

Leave a Reply