माहवारी स्वच्छता पर प्रोजेक्ट इज्जत ने बदली हजारों महिलाओं की जिंदगी
अंबिकापुर,07 सितम्बर 2025 (घटती-घटना)। सरगुजा संभाग में माहवारी स्वच्छता को लेकर क्रांतिकारी काम करने वाले सरगुजा साइंस ग्रुप एजुकेशन सोसायटी के संस्थापक अंचल कुमार ओझा को बड़ा सम्मान मिला है। उन्हें प्रदेश की राजधानी रायपुर में यंग लीडर अवॉर्ड से नवाजा गया। यह अवॉर्ड यूनिसेफ छत्तीसगढ़ की तकनीकी सहयोगी संस्थाओं द्वारा आयोजित थिंक सोशल इंपैक्ट अवॉर्ड 2025 में दिया गया। अंचल के प्रोजेक्ट इज्जत ने सरगुजा, सूरजपुर और बलरामपुर जिलों में किशोरी बालिकाओं और महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव लाया है। कुलमिलाकर अंचल ओझा का यह काम न सिर्फ स्वास्थ्य को मजबूत कर रहा है, बल्कि महिलाओं को सम्मान और आत्मनिर्भरता भी दे रहा है। सरगुजा संभाग में माहवारी स्वच्छता पर पहली बार इतना बड़ा अभियान चलाने वाली यह संस्था अब प्रदेश स्तर पर मिसाल बन चुकी है।
2014 से चल रहा है अभियान,90′ गांवों तक पहुंच : अंचल ओझा ने बताया कि 2014 से शुरू हुए इस प्रोजेक्ट के तहत स्कूल, कॉलेज, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वयं सहायता समूहों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। निःशुल्क सेनेटरी पैड वितरण के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। सरगुजा जिले के 90′ से ज्यादा गांवों में यह काम पहुंच चुका है, जबकि बलरामपुर और सूरजपुर के 2-3 ब्लॉकों में मजबूत पकड़ बन चुकी है। उन्होंने कहा, यह सब संस्था के पदाधिकारियों, स्वयं सहायता समूह की बहनों और शिक्षकों के निःस्वार्थ प्रयासों का नतीजा है।
एसडीजी लक्ष्यों को पूरा
करने पर मिला सम्मान
यह अवॉर्ड सतत विकास लक्ष्य के तहत दिया गया, खासकर एसडीजी-3 (उत्तम स्वास्थ्य और कल्याण) और एसडीजी-5 (लैंगिक समानता) को बढ़ावा देने के लिए। आयोजन में सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल मुख्य अतिथि थे, जबकि राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा, यूनिसेफ के एसबीसी विशेषज्ञ अभिषेक सिंह और उरला इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्वनी गर्ग विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम में सीएसआर पर काम करने वाली एनजीओ और बड़े उद्योगों को भी सम्मानित किया गया।