तीन घंटा तक सड़क रहा जाम,चालक जनमानस झेल रहे इनका दंश

बलरामपुर,25 जुलाई 2025 (घटती-घटना)। बलरामपुर जिले से होकर गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 343 में आय दिन दुर्घटनाओं की खबरें मीडिया में सुर्खियां बनी रहती है। अयशा लगता है एनएच 343 अपने अस्तित्व के संकट काल से गुजर रहा है। इस लिए दुर्घटना थमने का नाम ले रहा है। जानकारी के अनुसार दोपहर लगभग एक बजे गिट्टी लोड ट्राला (क्रमांक सीजी 30-एफ-5617) अनियंत्रित होकर 20 सड़क पर पलट गया। भीषण सड़क हादसा होने पर 3 घंटे तक आवागमन जम रहा। जिससे चालक एवं जनमानस को काफी दंश झेलना पड़ा।
क्या परिवहन विभाग इसके लिए जिम्मेदार है या थाना चौकी?
दुर्घटना की जानकारी मिलते ही पास्ता थाना प्रभारी विमलेश सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचकर यातायात पुलिस के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पवागमन चालू करने के प्रयास में जुटे रहे। सवाल लिए उठना है कि आखिर लोग ओवरलोड हाईवे ट्रक धलड़े से क्यों सरपट दौड़ रहे हैं? क्योंकि आए दिन इसी सड़कों पर यातायात विभाग एवं पुलिस की मुस्तादी देखी जाती है मौजूद इसके दुर्घटना कम होने का नाम नहीं हो रहा है। ट्राले के पलटने से गढ़वा निवासी खुर्शीद अंसारी पिता शौकत अंसारी और राम परवेश चौबे पिता विनोद चौबे को हल्की चोटें आईं। घायलों को तत्काल 108 एम्बुलेंस की मदद से जिला अस्पताल बलरामपुर भेजा गया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। भाग्यशाली रहे किसी को गंभीर चोट नहीं आई, जिससे एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
एनएच 343 गड्ढों में तदील सड़क, खतरे का सफर बनता जा रहा : जाम में फंसे ड्राइवरो का कहना है अंबिकापुर से पस्ता तक का सफर करना सड़क पर गड्ढों और कीचड़ से भरी पगडंडी पर चलने जैसा हो गया है। चालक कहते नजर आ रहे हैं कि अब सड़क में गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़क ढूंढनी पड़ रही है। एनएच विभाग के द्वारा गुणवत्ता और दीर्घकालिक मरम्मत की कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। इसका खामियाजा अब आमजनता को भुगतना पढ़ रहा है। साथ ही कहा गागर और गेउर नदी की दोनों पुलियों की हालत अत्यंत चिंताजनक है। ना सिर्फ इनके ऊपर गड्ढे गहरे हो चुके हैं, बल्कि रेलिंग टूट चुकी है जिससे यहां से गुजरना अब किसी जुए से कम नहीं। बारिश, धूल और अंधेरे में हादसे का खतरा और अधिक बढ़ गया है।
प्रत्येकदर्शियों ने बताया कि राजपुर से गिट्टी, बालू और अन्य खनिज ले जाने वाली ओवरलोड गाडि़यां सैकड़ों की संख्या में रोजाना गुजरती हैं। क्षमता से अधिक लोडिंग के चलते सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। विभाग के अफसर इन हालात पर आंखें मूंदे हुए हैं और कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। आम जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।सड़क की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारण ओवरलोडिंग है। अपनी क्षमता के अधिक टन तक माल लादकर चलने वाले ओवरलोड ट्राले,हाइवा और डंपर धीरे-धीरे सड़क को चीरकर खा रहे हैं।विभागीय लापरवाही और परिवहन विभाग की निष्कि्रयता के चलते ओवरलोड वाहनों पर कोई लगाम नहीं है।
प्रशासन द्वारा ट्राले को हटाने के लिए
क्रेन एवं जेसीबी का लिया गया सहारा
प्रशासन द्वारा ट्राले को हटाने के लिए मौके पर जेसीबी और क्रेन मंगवाया गया ।एनएच-343 पर यातायात बाधित होने से यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बड़ी संख्या में दोपहिया, चारपहिया और मालवाहक वाहन जाम में फंसे हुए थे। ट्राले को हटाने की कोशिशें युद्ध स्तर पर जारी थी। भारी मशक्कत के बाद आवागमन चालू किया गया।
एनएन रिपेयरिंग के लिए जा रही हाइवा भी फंसी
इस बीच एक अन्य हाईवा वाहन जो एनएन रिपेयरिंग के लिए गिट्टी लेकर जा रही थी, वह भी लगभ 100 मीटर की दूरी पर सड़क किनारे बने गड्ढे में फंस गई। इससे हालात और भी बिगड़ गए हैं। संकरे मोड़ और खराब सड़क की वजह से वाहन को निकालने में भी परेशानी का सामना करना पड़ा।