नयी दिल्ली,16 जुलाई 2025(ए)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की कृषि और ऊर्जा क्षेत्र को नई दिशा देने वाले तीन बड़े फैसलों को मंजूरी दी गई। इनमें एक ओर जहां कृषि जिलों के समग्र विकास की योजना को स्वीकृति दी गई,वहीं दूसरी ओर रेन्वेबल एनर्जी में बड़े पैमाने पर निवेश का रास्ता साफ किया गया। कैबिनेट ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को 2025-26 से शुरू कर छह वर्षों के लिए मंजूरी दी है। इसका टारगेट 100 कृषि जिलों का विकास करना है। यह योजना नीति आयोग के ‘आकांक्षी जिलों’ कार्यक्रम से प्रेरित है, लेकिन यह खासतौर से कृषि और उससे जुड़े क्षेत्रों पर केंद्रित है। योजना का मकसद कृषि उत्पादकता बढ़ाना,फसल डाइवर्सिफिकेशन को प्रोत्साहित करना,टिकाऊ कृषि ऑप्शन को अपनाना,पंचायत और ब्लॉक स्तर पर भंडारण की सुविधा बढ़ाना,सिंचाई व्यवस्था को बेहतर करना शामिल है। इस योजना को 11 मंत्रालयों की 36 योजनाओं के कोऑर्डिनेशन के जरिए लागू किया जाएगा,जिसमें राज्य सरकारों की योजनाएं और निजी क्षेत्र की साझेदारी भी शामिल होगी. 100 जिलों का चयन कम उत्पादकता, कम फसल साइकिल और कम लोन डिस्टि्रब्यूशन जैसे तीन प्रमुख मानकों के आधार पर किया जाएगा. हर राज्य से कम से कम एक जिला शामिल किया जाएगा।
कैबिनेट ने एनटीपीसी लिमिटेड को रेन्वेबल एनर्जी क्षेत्र में निवेश के लिए मौजूदा सीमा से ऊपर जाकर 20,000 करोड़ रुपये तक निवेश की अनुमति दी है। यह निवेश एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियों और संयुक्त उपक्रमों के जरिए किया जाएगा, ताकि 2032 तक 60 गीगावॉट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता हासिल की जा सके. एनएलसीआईएल को भी 7,000 करोड़ रुपये के निवेश की विशेष छूट दी गई है,जो वह अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड के जरिए रेन्वेबल एनर्जी प्रोजेक्ट में लगाएगी। इससे कंपनी को संचालन और वित्तीय लचीलापन मिलेगा।
