गरीबों को निजी अस्पताल में,
ईलाज न कर पाने का हैं मलाल।
इस पर होते रहेंगे कई सवाल,आओ करें पहले,
सरकारी अस्पताल की जाँच-पड़ताल।।
कई सरकारी अस्पताल के,सुविधाएं हैं बहुत बदहाल में।
सभी वार्ड में न बेड हैं,
जैसे-तैसे होती ईलाज बस एक ही हॉल में।।
डॉक्टर-नर्स भर्ती मरीजों को,
देखने आते हैं कभी-कभी।
ग़रीबी की मजबूरी में,
सरकारी अस्पताल आते हैं,वे सभी।।
आयुष्मान कार्ड का पैसा, कार्ड में जैसा हैं- वैसा हैं।
समझो कैसी हैं, मरीजों की दुर्दशा ?
दवाईयां खरीदने में, खर्च हो जाती हैं सारा पैसा।।
लोक कल्याकारी योजनाएं चली हैं, तो अव्यवस्था कैसा ?
निः शुल्क सुविधाएं चाहिए,निजी अस्पताल जैसा।।
डॉक्टर वही सरकारी अस्पताल का,अपने निजी अस्पताल में,
वो ईलाज करता हैं, कई तरह-तरह का।।
सरकारी अस्पताल में दिखता हैं, डॉक्टर साधारण मिजाज का।
वही अपने निजी अस्पताल में,
सुविधाएं देता हैं शानदार ईलाज का।।
कई सरकारी अस्पताल के प्रबंधक भ्रष्ट हैं।
मेडिकल विभाग में सुधार आएगी कैसे ?
आम जनता त्रस्त हैं, सच छिपाने के लिए मीडिया पर बैन हैं,
सुधार तो दूर की बात, सरकार सुनेगी कैसे ??
जयमान एक्का
चैनपुर,मैनपाट
सरगुजा (छ.्रग.)
