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अंबिकापुर@केवल 3450 क्विंटल खाद ही पहुंच पाया है समितियों में:टीएस

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अंबिकापुर,18 जून 2025 (घटती-घटना)। संभाग भर के किसान खाद की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे ही हालात रहे तो इस वर्ष खरीफ की फसल के पैदावार में काफी असर पड़ेगा। उक्त बातें बुधवार को जिला कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने कही। उन्होंने सरकार पर खरीफ फसल के लिए खाद उपलध नहीं कराने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरगुजा संभाग भर में करीब 24 हजार टन खाद भंडारण का लक्ष्य रखा गया था, परन्तु वर्तमान में केवल 3946.24 टन खाद ही उपलध हो पाया है,जो कुल लक्ष्य का करीब 16 प्रतिशत है। यूरिया भी 50 प्रतिशत ही उपलध हो पाया है। वर्तमान में कृषि कार्य प्रारंभ हो रहा है, ऐसे में डीएपी खाद की आवश्यकता यूरिया से अधिक है जिसकी उपलधता सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। सिंहदेव ने आगे कहा कि सरगुजा जिले में 19,200 मि्ंटल खाद की आवश्यकता है, वर्तमान में केवल 3450 मि्ंटल खाद ही समितियों तक पहुंचा है। खाद की कमी के कारण किसानों की फसलों को पोषक तत्व प्रदान करने में समस्या आ रही है, इसका सीधा असर इनकी पैदावार पर पड़ेगा। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक,प्रदेश महामंत्री जेपी गुप्ता,पूर्व जिलाध्यक्ष अजय अग्रवाल,राकेश गुप्ता,पूर्व महापौर डॉ. अजय तिर्की,नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद,द्वितेन्द्र मिश्रा, हेमंत सिन्हा,मो. इस्लाम खान,नुरूल अमीन सिद्दीकी,अनूप मेहता,शैलेन्द्र प्रताप सिंह सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कई समितियों में उपधता शून्य
टीएस सिंहदेव ने कहा कि सरगुजा जिले के लुण्ड्रा में तो खाद आबंटन की स्थिति सबसे खराब है। यहां के 12 समितियों में से 8 समितियां ऐसी हैं, जहां पर इफ्को खाद की उपलधता शून्य है,वहीं 6 समितियों में डीएपी की उपलधता शून्य है। किसानों को खेती का कार्य करने में कितनी परेशानी होगी, इसे समझा जा सकता है। खाद की कमी को दूर करने के लिए निजी दुकानों से खाद की खरीदी कर वैकल्पिक व्यवस्था बनाना खर्चीला है, जिस कारण किसान काफी परेशान हैं। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहला वर्ष है जब किसानों को खरीफ सीजन में शासकीय योजनाओं के तहत शून्य लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं से किसानों को कोई लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। विभाग भी बजट के अभाव में कोई योजना नहीं बना रहा है और कृषि उपकरणों पर मिलने वाला 50 प्रतिशत तक अनुदान, चयनित किसानों को नि:शुल्क बीज वितरण का प्रदर्शन जैसी कोई भी व्यवस्था इस बार नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार से प्राप्त 120 करोड़ की राशि से राज्य के 10 प्रतिशत बड़े किसानों को ट्रैक्टर व हार्वेस्टर प्रदान कर दिया गया, इसके लिए 100 करोड़ की राशि व्यय की गई है,जबकि प्रदेश के 90 प्रतिशत लघु व सीमांत किसानों के लिए इस राशि में से केवल 20 करोड़ का ही प्रावधान रखा गया। सरकार की नीति से छोटे व मझोले किसानों को ज्यादा लाभ नहीं मिल पाएगा। श्री सिंहदेव ने कहा कि भले ही सरकार यह दावा करे कि किसानों को पहले से अधिक लाभ दिया जा रहा है परन्तु आंकड़े सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं। उन्होंने बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ व कुसमी के सहकारी बैंक शाखा में हुए करीब 26 करोड़ के गबन के मामले में उच्च स्तरीय जांच कराने और पूरे संभाग भर की शाखा में जांच कराने की भी मांग की, उन्होंने ऐसी और गड़बडिय़ां सामने आने की संभावना जताई।


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