लेख @ होनी को कौन टाल सकता है

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भारत के अहमदाबाद एयरपोर्ट से प्लेन के टेक ऑफ करने के तुरंत बाद मेघानीनगर इलाके में यह हादसा हुआ है। विमान अहमदाबाद से लंदन जा रहा था,प्लेन में 12 क्रू मेंम्बर्स (दो पायलट समेत) और 230 यात्रियों सहित कुल 242 लोग सवार थे। विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी सवार थे। विमान ने गुरुवार 12/6/25 दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर उड़ान भरी थी और दो मिनट के बाद ही 1 बजकर 40 मिनट बाद कै्रश हो गया। एअर इंडिया के विमान एआई-171 ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अहमदाबाद के लिए उड़ान भरी थी किसी भी व्यक्ति के जीवित रहने का कोई संभावना नहीं है लेकिन रमेश कुमार नामक व्यक्ति बच गए। ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। दुःखद समाचार है लेकिन उसमें एक बच गया कोई कुछ भी कहे की
टेक्निकल फाल्ट था लेकिन उसका इंडिकेशन दीखता है जो होना होगा उसे कोई टाल नहीं सकता जिसको बचना होगा वो बच जायेगा जिसकी जितने सांस ईश्वर ने दी है उतनी मिलता है मृतकों के प्रति गहरी संवेदना है। ईश्वर सभी मृतकों की आत्मा को शांति प्रदान करें। एक आदमी बचा और चलने भी लगा इससे साफ जाहिर होता जिसको जिस तरह मरना होता है उसे ये घटना काल बनकर आती है कुछ को बचना लिखा होता है वह बच जाता है जिसमें कितने के फ्लाइट छूट गए है उन्हीं में से एक यात्रियों में एक महिला सौभाग्यशाली रही कि अहमदाबाद के व्यस्त ट्रैफिक ने उन्हें बचा लिया। ट्रैफिक में फंसने के कारण वह 10 मिनट की देरी से सरदार बल्लभभाई एयरपोर्ट पहुंची थीं। इसके बाद उन्हें अहमदाबद लंदन की फ्लाइट में बोर्डिंग की इजाजत नहीं मिली। उसने एयरपोर्ट स्टॉप से बहुत रिम्ेस्ट की लेकिन उसको बोर्डिग पास नहीं मिला और वो निराश होकर रह गई। मीडिया से बातचीत में भूमि चौहान ने बताया कि फ्लाइट के टेकऑफ के लिए 1ः10 बजे का समय शेड्यूल था। भूमि चौहान ने बताया कि इस हादसे की सूचना के मिलने के बाद वह बुरी तरह से कांप गईं। पैर हिलने लगे। काफी देर तक वह सदमें रहीं। भूमि ने बताया कि जब वह दुखी होकर एयरपोर्ट से एग्जिट गेट पर पहुंची तब उन्हें पता चला कि जिस फ्लाइट को उन्होंने मिस किया है,वह कै्रश हो गया है। अनहोनी घटना होती है जो दुःखद होता है लेकिन कौन मरता नहीं है जिसे बचना होगा वो बच जायेगा। दुर्घटना होती है हादसा कह कर नहीं आती और ये दुर्घटना पर किसी को दोष नहीं जिया जा सकता है क्योंकि यह एक बोइंग विमान था जिसका पुरे विश्व में कम से कम 800 विमानों का ऑर्डर अभी तक पूरा नहीं हुई अभी भी बन रहा है। यदि कोई खामी होती है तो पायलेट विमान इंजीनियर होते है उन्हें विमान के सभी सिस्टम की जानकारी होती है। देखिए आपदा में दोष के बजाये लोगों को बचाने और उनके परिवार को संभालने की जरुरत है मौसम भी बढि़या था और लोग ज्यादा इसलिए मारे गए क्योंकि विमान टेकऑफ करते समय सीट बेल्ट बाधंने से उठने तक का मौका नहीं मिला लेकिन एक बात हमेशा ध्यान देने की जरुरत है वो यह है कि एयर पोर्ट के आस-पास रिहाईसी बिल्डिंग का निर्माण ना हो पहले एयर पोर्ट बहुत दूर होते थे अब सब सामने रहते है इससे पायलेट को बहुत सोच समझ कर उड़ान भरना पड़ता है और दुर्घटना में किसी बिल्डिंग पर गिरता है तो वहाँ भी विमान के दबने से वहाँ के रहने वाले लोगों की मौत हो जाती है। खैर विमान दुर्घटना अन्य देशों के मुकाबले कम हुआ है। ये एक आपदा है जिसे कोई नहीं जान सकता है बाद में आप कुछ भी कहते रहें विमान यदि किसी दूसरे के द्वारा मार गिराया जाता है तो युद्ध हो जाता है लेकिन जब कुदरत का कहर होता है तो उसे दोष क्या देंगे। ये समय का चक्र है एक दिन सबको मरना है। अतः हमेशा प्रभु राम का ध्यान करते रहिये और जिसने बनाया है उसी ने प्राण लिया। दुःख तो बहुत है लेकिन समरथ को नहीं। दोष गोसाई,जो तुलसीदास महाराज ने कहा उस महाशक्ति ईश्वर को दोष नहीं दिया जा सकता है क्योंकि उसी ने सब कुछ बनाया है। अतः हिम्मत से काम लें और उनके परिवार पर जो आपदा आई है उसके साथ खड़ा रहें। मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। एक बार 1985 की बात है जब फतुहा से मोकामा जानेवाली ट्रेन में आग लगी जिसमें मेरे चाचाजी रोज पटना ऑफिस में जाते थे लेकिन दादाजी मेरे रामायण का पाठ करते थे उन्होंने चाचाजी को एक काम दे दिया जिसके करने में उन्हें घर पहुंचने में देरी हुई और ट्रेन छूट गई रोज उनके साथ जाने वाले साथी ट्रेन में जल कर मर गए। कोरोना आया और कितने को मार डाला जिसके बारे में किसने भविष्यवाणी की आपदा आती है जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं होता है जिसे जाना होगा वो जायेगा जिसे बचना होगा वो बच जायेगा। जैसे एक आदमी बच गया। ये एक अलग बहाना होता है वो एग्जिट गेट में बैठा था जबकी उसने खुद बताया कि अचानक विस्फोट हुआ आग लगा और कुछ ही सेकेण्ड में मरते हुए देखा हुआ उसे बचना लिखा था इसलिए वो बच गया। अतः शांति से काम लें और ईश्वर से उनके आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करे।ं अमेरिका के 9/11 आतंकी घटना में कितने लोग मारे गए लेकिन यदि किसी अन्य कारण से होता तो कुदरत का कहर ही मान सकते हैं लेकिन आतंकवादी घटना थी इसलिए अमेरिका ने अफगानिस्तान के अलकायदा को खत्म ही कर दिया क्योंकि किसी को भी जान लेने हिंसा करने की इजाजत ईश्वर कभी नहीं देता लेकिन जो सब कुछ उसी ने दिया और उसके मर्जी से ही ये दुर्घटना हुई इसलिए इस पर राजनीति करना बिलकुल गलत है। ये होना लिखा था जान जाना निश्चित था और दुःखद घटना हुई आप ही सोचें कौन मरेगा नहीं आज न कल सभी को इस संसार से विदा लेना है फर्क यही है कोई समय से जायेगा कोई पहले जायेगा इसलिए हमेशा प्रभु राम का ध्यान करते रहें जो होगा वो संसार की एक प्रकिया है जिसे वही टाल सकता है जो संसार का निर्माण किया है।


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