रायपुर/सूरजपुर/कोरिया@सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम पर कार्यवाही के बाद जनता कह रही शाबास स्वास्थ्य मंत्री जी…धन्यवाद प्रदेश सरकार

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रवि सिंह
रायपुर/सूरजपुर/कोरिया, 04 जून 2025 (घटती-घटना)। सुरजपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी डीपीएम की सेवा समाप्त होने की कार्यवाही से प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य मंत्री की ख्याति बढ़ी है,इस कार्यवाही को प्रदेश की सबसे बड़ी कार्यवाही माना जा रहा है,इसे सबसे बड़ी कार्यवाही इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यह कार्यवाही वास्तव में बहुत बड़ी है,इतने सालों से फर्जी डिग्री पर प्रभारी डीपीएम की नौकरी करने वाले प्रिंस जायसवाल की सच्चाई खुलकर सामने आ गई,पर इसके ऊपर कार्यवाही करने की कोई हिम्मत नहीं दिखा रहा था,क्योंकि इनकी आप तस्वीरों को देख लेंगे तो आपको लगेगा कि यह काफी बड़े आदमी है,इनकी पहुंच व पकड़ काफी बड़ी है,कई आईएएस कैडर के सचिव व कलेक्टरों के साथ उनकी तस्वीर व पूर्व मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री सहित वर्तमान मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री के साथ कि उनकी तस्वीर लोगों को यही एहसास दिलाते थे कि यह कितना भी बड़ा फर्जीवाड़ा वाला व्यक्ति होगा पर इसके ऊपर कोई कार्यावाही नहीं होगी,क्योंकि सभी इसके मुट्ठी में है यह काफी ताकतवर है पर जब यह कार्यवाही हुई तब लोगों का भ्रम टूटा,कि नहीं यदि मंत्री व सरकार चाहे ले तो किसी भी फर्जी व्यक्ति पर कार्रवाई हो सकती है। यह कार्रवाई पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल साबित हो रही है जिस तरह से इसका बॉडी लैंग्वेज व एटीट्यूड व नेताओं व आईएएस अफसर के साथ उठना बैठना था उसे लेकर सब यही कयास लगा रहे थे कि यह फर्जी डिग्री पर भी नौकरी करता रहेगा कोई इसे हटा नहीं सकता,पर अंततः सरकार व मंत्री के एक्शन ने सबको हक्का-बक्का कर दिया,आज यही वजह है कि लोगों में खुशी इतनी है कि सिर्फ शिष्टाचार की वजह से खुशी में पटाखे बस नहीं फोड़े रहे हैं लोग,क्योंकि यह जिस विभाग का कर्मचारी था उस विभाग के कर्मचारी तो सबसे ज्यादा खुश है सब इससे पीडि़त थे प्रताडि़त थे,किसी को भी उसने अपने विभाग में तवज्जो नहीं दिया,जिले में रहते हुए अपने आप को सुपर ब्रिलिएंट समझ बैठा था,खरीदी बिक्री में गड़बड़ी करना इसका उद्देश्य हुआ करता था आईएएस अधिकारी भी इसके मुरीद थे,आज यही वजह है कि इस कार्रवाई के बाद लोग स्वास्थ्य मंत्री को शाबाशी दे रहे हैं तो वहीं सरकार को धन्यवाद दे रहे हैं। वहीं फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले की शिकायत करने वाले व्यक्ति और इस संबंध में समाचार प्रकाशित करने वाले को भी धन्यवाद मिल रहा है कि उन्होंने ऐसे व्यक्ति की सेवा समाप्त करने में योगदान दिया जो विभाग के लिए किसी दीमक से कम नहीं था। एक झोलाछाप आज निपटा है इस बात की खुशी उन डॉक्टरों को भी है जो पढ़लिखकर डॉक्टर बने हैं और एक फर्जी झोलाछाप उन्हें आदेश देता था।

भाजपा सरकार ने इस कार्यवाही से एक बड़ा संदेश भी दिया है की जो लोग बड़े-बड़े नेताओं के साथ फोटो खिंचवा लेते हैं मंत्री विधायक के साथ फोटो खिंचवा लेते हैं सचिव कलेक्टर के साथ फोटो खिंचवा लेते हैं और समझते हैं कि वह कुछ भी करेंगे और भाजपा सरकार में कार्यवाही नहीं होगी तो यह वह गलत सोचते हैं,कुछ ऐसा ही संदेश इस कार्यवाही से भाजपा सरकार ने दिया है और बता दिया है कि आप फोटो कितना खिंचवा लीजिए पर आप गलत काम करेंगे और उस फोटो के दम पर यह सोचेंगे कि कोई कार्यवाही नहीं करेगा तो यह आपकी गलतफहमी है आपके आचरण के तहत कार्यवाही होगी।

छाीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने दैनिक घटती-घटना के कलम बंद अभियान को 70 दिन बाद बंद कराया था और आश्वासन दिया था कि आपकी जो भी मांगे हैं पूरी होंगी कुछ मांगे उन्होंने पहले पूरी कर दी थी और एक मांग उन्होंने दो दिन पहले पूरी कर दी,फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले प्रभारी डीपीएम की सेवा समाप्त हो गई है यह भी उन्होंने आश्वासन में कहा था और अंततः अब यह कार्रवाई उनके आश्वासन के तहत ही मानी जा रही है,उन्होंने कहीं ना कहीं अपने दिए गए आश्वासन को पूरा किया कुछ मांगे अभी भी अधूरी है जो उन्होंने पूरा करने की बात कही है। कलम बंद अभियान के समय दैनिक घटती-घटना से बात करते समय उन्होंने यह भी कहा था कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को कोई दिक्कत नहीं होगी, हमारी सरकार उन्हें संरक्षण देगी,स्वतंत्रता के साथ खबर प्रकाशित करने का अधिकार होगा,उनके साथ कोई भी गलत नहीं होगा, तब के बाद से लगातार वह पत्रकारों के ऊपर हो रहे हैं हमले को भी तत्काल संज्ञान ले रहे हैं आज प्रदेश सरकार की वाहवाही भी पूरे देश इसी लिए हो रही है।

वैसे यह बात शिकायत के समय ही तय थी कि प्रिंस जायसवाल झोलाछाप डॉक्टर है फर्जी डिग्री वाला डॉक्टर है एक फर्जी आदमी है,वहीं इस संबंध में शिकायत करने वाले बैकुंठपुर के पार्षद भी लगातार यह बताते रहते थे मीडिया में और अन्य माध्यमों से की इस झोलाछाप की डिग्री फर्जी है और यह किसी का हक मार रहा है लेकिन इसके बाद भी कुछ पत्रकारों के लिए यह कोरोना वॉरियर था,चिकित्सा जगत का भगवान था,यह पत्रकार भी जानते थे कि प्रिंस फर्जी है लेकिन चंद पैसों के लालच में ऐसे पत्रकार जो प्रिंस की बड़ाई छापते थे उसका महिमा मंडन करते थे उसे सम्मानित करते थे अपने मिडिया हाउस से वह इस मामले में अनजान बनते थे,क्योंकि उन्हें इसके बदले लाभ का लालच था,ऐसे पत्रकार ऐसे झोलाछाप लोगों के लिए एक ढाल बनकर खड़े थे जिन्हें अपनी सुरक्षा के लिए झोलाछाप प्रिंस चंद पैसे देकर अपने लिए हर समय खड़ा रखता था। बता दें कि ऐसे पत्रकार ऐसे झोलाछाप के लिए एक संरक्षक थे।

कई प्रतिष्ठित अखबारों के द्वारा कई न्यूज चैनलों के द्वारा झोलाछाप प्रिंस को भगवान बताकर सम्मानित किया जाता रहा। बता दें कि एक समय जब झोलाछाप प्रिंस को लेकर दैनिक घटती-घटना प्रमुखता से उसकी नकली डिग्री की बात किया करता था समाचार प्रकाशित किया करता था तब ऐसे ही अखबार और न्यूज चैनल प्रतिष्ठित माने जाने वाले न्यूज एजेंसियां झोलाछाप प्रिंस को सम्मानित किया करते थे,ऐसा वह उसे बचाए रखने के लिए किया करते थे जिससे उसकी पोल न खुले और वह मनमानी करता रहे और झोलाछाप होकर भी सेवा में डटा रहे। ऐसे प्रतिष्ठित मीडिया समूह को यह झोलाछाप खुद को सम्मानित करने पैसे भी देता था और उनके लोगों का सत्कार भी करता था।

झोलाछाप प्रिंस अब सेवा से पृथक किया जा चुका है,सेवा में रहते हुए जो उसकी फर्जी डिग्री से प्राप्त सेवा थी उसने स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह खोखला करने का काम किया और कोरिया और सुरजपुर जिले में उसके द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया गया।। बताया जाता है कि कोरोना आपदा के समय जब लोग लगातार काल के गाल में समाते जा रहे थे जब भी प्रिंस को पैसों की भूख थी और वह लगातार केवल पैसे कमाने में लगा था जो लोगों की जान बचाने के नाम पर भ्रष्टाचार से वह कमा रहा था। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि बैकुंठपुर से कुछ दूरी पर एक बिल्डिंग बन रही है जो इससे ही सम्बंधित है और लोग अब जानना चाहते हैं कि क्या यह आलिशान बिल्डिंग उसी आपदा के समय के कमाए गए पैसों से बनाया जा रहा है जिस समय लोग लगातार मर रहे थे और उनकी मौतों को रोकने सरकार स्वास्थ्य विभाग को पैसे दे रही थी जिससे लोगों की जान बच सके। कुलमिलाकर सवाल है तो अब जांच की भी लोग मांग कर रहे हैं।

प्रिंस की नौकरी झोलाछाप होने की वजह से जाती रही वहीं उसके परिवार का एक नर्सिंग कॉलेज भी कोरिया जिले में संचालित है जो अवैध तरीके से संचालित है ऐसा आरोप लगता रहता है। अब सवाल यह भी है कि क्या वह अवैध होकर भी संचालित नर्सिंग कॉलेज भी बंद होगा क्या जांच कर उसपर भी कार्यवाही होगी। वैसे लोगों की मांग है कि अब जल्द जांचकर उसपर भी बंद करने की कार्यवाही की जाए जिससे भ्रष्टाचार की सजा मिल सके। नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द करने के लिए कलेक्टर को सचिवालय से आदेश भी आ गया था पर उनका अधिकार क्षेत्र न होने की वजह से उन्हें वापस करना पड़ा,उसके बाद सचिवालय से ही उस संस्था को पत्र लिखना था जो अवैध तरीके से संचालित नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द कर सकता था पर अभी तक यह पत्र कहां है इसकी जानकारी अभी तक नहीं है पर बताया जा रहा है कि वह भी पत्र जा चुका है जिसमें नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द हो सकती है क्योंकि वह नर्सिंग कॉलेज नियम के विरुद्ध संचालित है जो जांच रिपोर्ट में भी आ चुका है।

चोरी और सीनाजोरी कहावत प्रिंस पर सटीक बैठती है,प्रिंस झोलाछाप होते हुए भी अपने विरुद्ध होने वाली इस आशय की शिकायत को झुठलाता रहा और प्रकाशित खबरों के लिए कानूनी नोटिस लोगों को भेजता रहा। एक फर्जी व्यक्ति केवल भ्रष्टाचार से कमाए गए धन से ऐसा करने में सक्षम था यह व्यवस्था के लिए बड़ी चुनौती थी,खैर व्यवस्था ने ही उसे उसकी गति प्रदान की और निकाल बाहर किया सेवा से जो यह बताने काफी है कि व्यवस्था सही हाथों में है।

प्रिंस के परिवार का एक कॉलेज संचालित है जो जबरन एक व्यक्ति के भवन में वह संचालित कर रहे हैं। यह किसका भवन है यह भी अब लोग जानना चाहते हैं और वहां से भी उसकी रुखसती चाहते हैं,लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार से कमाए धन से कोई किसी को भी परेशान करता रहे यह सही बात नहीं है।

प्रिंस को केवल मिल रहे संरक्षण की वजह से फर्जी होने के बाद भी लंबा समय मिला शासकीय सेवा के लिए,अब वह संरक्षण देने वालो पर ही हमलवार है आरोप लगा रहा है उनके ऊपर,प्रिंस का आरोप है कि उसे गलत तरीके से बाहर किया गया सेवा से जबकि वह यह नहीं कह रहा है कि वह फर्जी झोलाछाप था इसलिए उसे निकाल बाहर किया गया।


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