बारिश से अब तक 25 लोगों की मौत…
बाढ़-भूस्खलन ने भी मचाई तबाही…
गुवाहाटी/इम्फाल, 01 जून 2025 (ए)। पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर कुदरत के कहर का सामना कर रहा है। मणिपुर और सिक्किम में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं को जन्म दिया है, जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
मणिपुर में हालात गंभीर
मणिपुर में पिछले 48 घंटों से लगातार हो रही मूसलधार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक राज्य के 3800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राजधानी इंफाल और इसके आसपास के इलाके जलमग्न हो गए हैं। सबसे ज्यादा तबाही इंफाल ईस्ट जि़ले में हुई है, जहां तटबंध टूटने से पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है।
अब तक 883 घरों के क्षतिग्रस्त होने की पुष्टि हो चुकी है। सेना और असम राइफल्स की टीमों ने राहत अभियान चलाते हुए करीब 8000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने खुद इंफाल के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा की।
राज्य सरकार के मुताबिक,अब तक कुल 3275 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, 12 जगहों पर भूस्खलन हुआ है और 64 मवेशियों की जान जा चुकी है। चेकोन क्षेत्र में इंफाल नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे ऑल इंडिया रेडियो का परिसर और जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान जैसे प्रमुख सरकारी संस्थान भी जलभराव की चपेट में आ गए हैं।
सिक्किम में फंसे पर्यटक,बचाव कार्य बाधित
दूसरी ओर, सिक्किम में हालात कुछ कम चिंताजनक नहीं हैं। उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले में भारी बारिश के कारण लाचेन-लाचुंग राजमार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिससे लगभग 1500 पर्यटक पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे हुए हैं।
