दंतेवाड़ा,@ मुठभेड़ में मारी गई 45 लाख रु की इनामी महिला नक्सली रेणुका

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नक्सलियों के कैडर की थी प्रभारी
दंतेवाड़ा,31 मार्च 2025 (ए)।
छत्तीसगढ़ में नक्सल मोर्चे में पुलिस फोर्स को फिर बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा के थाना गीदम और बीजापुर के थाना भैरमगढ़ सरहदी ग्राम नेलगोड़ा, एकेली और बेलनार एरिया में 45 लाख रुपये की इनामी महिला नक्सली रेणुका उर्फ बानु मुठभेड़ में मारी गई।
इस खूंखार महिला नक्सली रेणुका उर्फ बानु उर्फ चैते उर्फ सरस्वती पर छत्तीसगढ़ शासन ने 25 लाख रुपये और तेलंगाना शासन ने 20 लाख का इनाम घोषित किया था। रूप में हुई है। वह जिला वारंगल कडवेन्डी की निवासी थी। वह नक्सलियों के डीकेएसजेड की प्रेस टीम प्रभारी और एसजेडसीएम रैंक थी। पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा गौरव राय ने बताया कि दंतेवाड़ा,बीजापुर के सीमावर्ती क्षेत्रांतर्गत थाना गीदम के ग्राम नेलगोड़ा, इकेली, बेलनार के मध्य जंगल पहाड़ी में माओवादी संगठन सीपीआई (एम) के सदस्य,नक्सल कैडर्स की मौजूदगी की सूचना पर दंतेवाड़ा डीआरजी और बस्तर फाईटर्स की टीम मौके पर रवाना हुई थी। उपपुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज कमलोचन कश्यप ने कि अभियान के दौरान सोमवार सुबह बजे ग्राम नेलगोड़ा, इकेली, बेलनार के मध्य जंगल पहाड़ में पुलिस पार्टी और माओवादियों के बीच करीब दो घंटे तक मुठभेड़ चली। फायरिंग बंद होने पर सर्च करने पर उक्त महिला नक्सली का शव बरामद किया गया।
कौन थी खूंखार महिला नक्सली रेणुका
खूंखार महिला नक्सली रेणुका वर्ष 1996 में नक्सल संगठन में भर्ती होकर आंध्र प्रदेश में एसजेडसीएम कृष्ण अन्ना के साथ काम की। वर्ष 2003 में डीवीसीएम के पद पर पदोन्नति किया गया। वर्ष 2006 में दक्षिण बस्तर में सीसीएम दुला दादा उर्फ आनन्द के साथ काम की। वर्ष 2013 में माड़ क्षेत्र में आकर्र एसजेडसीएम रमन्ना के साथ काम की। रमन्ना की कोरोना से मृत्यु के बाद वर्ष 2020 में डीकेएसजेडसीएम बनाकर सेंट्रल रीजनल ब्यूरो का प्रेस टीम इंचार्ज बनाया गया। नक्सल संगठन की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी करना और विभिन्न नक्सल पत्रिका जैसे प्रभात, महिला मार्गम, आवामी जंग, पीपुल्स मार्च, पोडियारो पोल्लो, झंकार, संघर्षरत महिला, पितुरी, मिडंगुर, भूमकाल संदेश का मुद्रण और प्रकाशन का काम करती थी। उसका भाई एसजेडसीएम जीवी के प्रसाद उर्फ सुखदेव उर्फ गुड़सा उसेंडी ने वर्ष 2014 में तेलंगाना में सरेंडर किया था। वर्ष 2005 में सेन्ट्रल कमेटी मेंबर शंकामुरी अप्पाराव उर्फ रवि के साथ शादी हुआ था, जो 2010 के नलमल्ला मुठभेड़ (आंध्र प्रदेश) में मारा गया ।
ये हथियार बरामद
इंसास राइफल,मैगजीन,गोला बारूद, लैपटॉप,नक्सली साहित्य और दैनिक सामग्री
बस्तर संभाग के आईजी सुन्दरराज पी ने बताया कि प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादियों संगठन के पास अब हिंसा छोड़कर आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नही बचा है इसलिए माओवादी संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़े। अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहे। वर्ष 2025 में बस्तर संभाग अंतर्गत सुरक्षा बलों द्वारा प्रभावी रूप से प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध माओवादी विरोधी अभियान संचालित किये जाने के परिणाम स्वरूप पिछले 92 दिनों में कुल 119 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किये गये हैं। बस्तर संभाग में इस साल 2025 में अब तक विभिन्न मुठभेड़ों के बाद 119 नक्सलियों के शव बरामद किए जा चुके हैं।
कुल 68 लाख रुपये का था इनाम
उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 50 लोगों में से छह पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था, जिनमें से तीन पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम था। पांच पर एक-एक लाख रुपये का इनाम था। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ),सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
पीएम मोदी के दौरे के कुछ घंटे पहले आत्मसमर्पण
एसपी ने जानकारी देते हुए कहा था कि आंदोलन छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के लिए सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। यह आत्मसमर्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से कुछ घंटे पहले हुआ। वह 33,700 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखे । संयोग से सुरक्षा बलों ने बीते शनिवार को छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र के सुकमा और बीजापुर जिलों में दोहरे मुठभेड़ों में 11 महिलाओं सहित 18 नक्सलियों को मार गिराया था, जो 31 मार्च, 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन में एक बड़ी सफलता है।
गृहमंत्री अमित शाह चार-पांच अप्रैल को छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे,नक्सल विरोधी अभियानों का लेंगे जायजा
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह चार और पांच अप्रैल को छत्तीसगढ़ का दौरा करेंगे और राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों का जायजा लेंगे। शाह सात और आठ अप्रैल को जम्मू-कश्मीर का दौरा कर वहां सुरक्षा स्थिति की समीक्षा भी कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अपने दौरे के दौरान शाह एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करेंगे और चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे।


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