रायपुर@ विधानसभा में गूंजा सड़क निर्माण में गड़बड़ी का मामला

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@ डिप्टी सीएम ने 5 लोगों को निलंबित करने की घोषणा की
रायपुर,20 दिसंबर 2024 (ए)।
दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ मद से सड़क निर्माण के मुद्दे पर तीखी बहस के बाद डिप्टी सीएम ने सड़क निर्माण में गड़बड़ी के मामले में 5 लोगों को निलंबित करने की सदन में घोषणा भी कर दी. उन्होंने इस मामले में संबंधित ठेकेदार से वसूली करने के साथ उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का भी ऐलान किया। विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर ने जिला निर्माण समिति दंतेवाड़ा के तहत डीएमएफ मद से स्वीकृत सड़कों का मामला उठाते हुए सवाल दागे। उन्होंने पूछा कि क्या इस सड़क के निर्माण में अनियमितता की शिकायत मिली थी। इसमें किस तरह की गड़बडिय़ां पाई गई और जो दोषी पाए गए उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई.सवालों के बीच उन्होंने इसमें भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। उन्होंने माप पुस्तिका में दर्ज कार्यों के तहत भुगतान को लेकर सवाल दागे। उन्होंने पूछा कि क्या ठेकेदार को अधिक भुगतान किया गया है। इस पर डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि यह कार्य पीएम ग्राम सड़क के तहत डीएमएफ में स्वीकृत ही नहीं है। बल्कि जिला निर्माण समिति समिति के विशेष केन्द्रीय सहायता मद में स्वीकृत है। उप मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले में शिकायत मिली थी। दंतेवाड़ा कलेक्टर द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय टीम गठित कर प्रथम स्तरीय जांच कराई गई। इसके भीतिक सत्यापन में अर्थवर्क, जीएसबी डामरीकरण कार्य, डब्लूबीएम और सोल्डर कार्य, रिटनिंग वॉल में अनियमितता का उल्लेख है। डिप्टी सीएम ने जांच रिपोर्ट में ठेकेदार से 2 करोड़ की वसूली का जिक्र किया. तब चंद्राकर ने पूछा कि जब भुगतान ज्यादा नहीं हुआ तो जांच समिति किस बात की वसूली कर रही है। इस पर डिप्टी सीएम एक द्वारा माप पुस्तिका के आधार पर कम भुगतान और वसूली के आदेश होने की बात कही। इस पर चंद्राकर बिफर पड़े।. उन्होंने डिप्टी सीएम पर का आरोप लगाए कि आप भ्रष्टाचार को छिपा रहे हैं। भ्रष्टाचार को उजागर क्यों नहीं कर रहे, संरक्षण क्यों दे रहे हैं। इस बात इस पर सदन में विपक्ष ने भी हंगामा शुरू कर दिया। इसी बीच दोनों में तीखे लहजे में बहस और टकराव की स्थिति बन गई।
टकराव पर आसंदी की समझाइश
सदन में डिप्टी सीएम और भाजपा सदस्य के बीच टकराव और तौखे लहजे में बहस के दौरान आसंदी ने मामला संभाला। उन्होंने समझाइश देते हुए कहा कि इतनी ऊंची आवाज में न बोलें। माइक लगा है इसलिए सब धीरे बोलने से भी सुन लेते हैं. इसलिए टोन नीचे करें. आरोप-प्रत्यारोप की जरूरत नहीं है। संसदीय तरीके से समझाने का प्रयास करें।
कांग्रेस का जिलाध्यक्ष है ठेकेदार
सदन में बहस के दौरान विपक्ष के सदस्य टोकाटाकी करते रहे। डिप्टी सीएम की घोषणा के बाद अजय चंद्राकर ने कहा कि वो ठेकेदार जिला कांग्रेस अध्यक्ष है, उसका कारनामा है। क्या ठेकेदार के पूरे काम की जांच कराई जाएगी। इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि निःसंदेह जांच कराई जाएगी।
वन अधिकार पट्टा मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन वन अधिकारी पट्टा वितरण के मुद्दे पर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया। मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि अधिकार पत्र के दुरुपयोग की शिकायत नहीं आई है। वहीं लंबित प्रकरणों का अतिशीघ्र निवारण करने का भरोसा दिलाया। विधायक अम्बिका मरकाम ने प्रश्नकाल में विधानसभा क्षेत्र सिहावा में वन अधिकारी पट्टा वितरण का मुद्दा उठाया। उन्होंने सवाल किया कि वर्ष 2021-22 से जिन 2024 तक कितने पट्टे वितरित किए गए है? इसका रकबा भी बताए? कितने को पट्टा वितरित की जाना प्रक्रियाधीन है? कितने अपात्र होने के कारण अस्वीकृत है? पट्टा वितरण का लक्ष्य कब तक पूरा किया जाएगा?इस पर मंत्री राम विचार नेता ने बताया कि अब तक 519 सामुदायिक वन अधिकार पर वितरित किए जा चुके है. अब तक कोई भी प्रक्रियाधीन वन अधिकार पत्र दिए जाने के लिए नहीं है। अपात्र कारण कोई भी प्रकरण अस्वीकृत नहीं है. इसमें अलग से कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं है, और समय सीमा बताया जाना संभव नहीं है. इस पर विधायक मरकाम ने सवाल किया कि 519 पत्रों के दुरुपयोग की कितनी शिकायत प्राप्त हुई है, और उनमें क्या कार्यवाही हुई है? मंत्री ने बताया कि वन अधिकार के संबंध में पूरी जानकारी दे दी है. दुरुपयोग के बारे में इसकी शिकायत नहीं आई है, शिकायत देंगे तो उसे दिखावा लेंगे. इसके साथ ही अम्बिका मरकाम ने सवाल किया कि लंबित प्रकरण का निराकरण कब तक होगा? इस पर मंत्री ने अतिशीघ्र निराकरण करने की बात कही।
बृहस्पत सिंह ने मांगी माफी,टीएस सिंहदेव पर लगाया था गंभीर आरोप
विधानसभा चुनाव 2023 में मिली हार के बाद से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी बिखरी हुई है। पार्टी के ही नेता अपने वरिष्ठ नेताओं पर निशाना साध रहे हैं। लेकिन इस बीच पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं पार्टी से निष्कासित होने के बाद अब बृहस्पत सिंह कांग्रेस में वापसी के लिए पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव सहित सभी नेताओं से माफी मांग रहे हैं। पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार जाने के बाद विचलित हो गया था। जाने-अनजाने में मेरे से गलती हुई है इसलिए तत्कालीन प्रभारी के खिलाफ बयान दे दिया था। उन्होंने टीएस सिंहदेव को लेकर कहा कि सिंहदेव सरगुजा के महाराजा है और हम प्रजा हैं। टीएस सिंहदेव को हमें डांटने फटकारने का अधिकार है। मैं सभी अपने बड़े नेताओं से क्षमा मांगता हूं। साथ ही पार्टी में वापसी के लिए आवेदन दे रहा हूं।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना में राशि कम करने पर विपक्ष-विपक्ष में नोंक-झोंक
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी का मामला उठाया। मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है. पिछली सरकार ने किसानों को छलने का काम किया। इसके साथ ही सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच नोक-झोंक शुरू हो गई।
भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने सवाल किया कि 2020-21 के मुक¸ाबले 2021-22 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत किसानों को राशि कम क्यों दी गई? इस कमी का क्या कारण है? जबकि राशि बढऩी चाहिए थी। इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि राशि कम और ज़्यादा दी गई है। राशि में कमी होने का प्रमुख कारण था कि सरकार ने किसानों के मेड़ का रकबा काटा और राशि घटाई। विष्णुदेव सरकार किसान हितैषी है। किसानों के बारे में बोलने का इनका मुँह नहीं है। विधायक साहू ने कहा कि किसानों की संख्या बढ़ी थी फिर भी रक¸बा काटकर राशि कम दी गई थी। अटल श्रीवास्तव ने सवाल किया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की आखिऱी किश्त कब देंगे?
राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने लाया स्थगन प्रस्ताव
कार्यवाही 5 मिनिट्स के लिए स्थगित

विधानसभा में आज विपक्ष ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर स्थगन प्रस्ताव लाया । चर्चा के दौरान विपक्ष ने कांग्रेस विधायक उत्तरी जांगड़े पर हुए एफ आई आर का जिक्र किया जिस पर सत्ता पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई, इससे विपक्ष खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। इसके जवाब में सत्ता पक्ष की ओर से भी नारेबाजी होने लगी। लगातार हंगामा को देखते हुए स्पीकर डॉ रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा की।शून्यकाल में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने स्थगन प्रस्ताव पर कहा कि प्रदेश में लगातार चोरी, लूट, हत्या, बलात्कार,अपहरण जैसी घटनाएं हो रही हैं। इसे रोकने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। विपक्ष के उमेश पटेल ने चर्चा के दौरान बताया कि सारंगढ़ विधायक पर मात्र भाषण पर एफ आई आर दर्ज कर लिया गया। इस पर भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने आपत्ति जताई जिसका विपक्ष के विधायक विरोध करते हुए खड़े होकर नारेबाजी करने लगे ।सत्ता पक्ष की ओर से भी जवाबी नारेबाजी होने लगी। इस दौरान स्पीकर डॉ रमन सिंह पक्ष विपक्ष को शांत करने की समझाइश देते रहे परन्तु सदन में दोनों ओर से हंगामा जारी रहा, जिसे देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी।
आश्रम छात्रावासों में बच्चों की मौत से गरमाया सदन,आंकड़े छिपाने के लगे आरोप
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीत सत्र के आखिरी दिन प्रश्नकाल के दौरान आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला जोर-शोर से उठा। इस मुद्दे को विधायक लखेश्वर बघेल ने गंभीरता से सदन में उठाया।
11 बच्चों की मौत,
कारणों में भिन्नता

मामले पर जवाब देते हुए मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि बीते 12 महीनों में आश्रम और छात्रावासों में 11 बच्चों की मौत हुई है। इनमें सड़क दुर्घटनाएं, बुखार, सिकल सेल बीमारी और मलेरिया जैसे कारण शामिल हैं। कुछ मौतों के कारण अब तक अज्ञात हैं। मंत्री ने बताया कि इस मामले में विभागीय जांच भी की जा रही है।
अधिक मौतों के आरोप
विधायक लखेश्वर बघेल ने इस जानकारी पर आपत्ति जताई और कहा, अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी सही नहीं है। असल में 25-30 बच्चों की मौत आश्रम और छात्रावासों में हुई है। उन्होंने प्रशासन पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया।इस पर मंत्री नेताम ने जवाब दिया, अधिकारियों को आपने ही नियुक्त किया है, और वे अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। हमने सभी कलेक्टरों को छात्रावासों और आश्रमों के रख-रखाव में सुधार के निर्देश दिए हैं। दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
विधायकों ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, अगर छात्रावासों में भी बच्चे सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो इसे सुशासन कैसे कहा जा सकता है? मंत्री रामविचार नेताम ने सदन को आश्वस्त किया कि विस्तृत जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, हम किसी भी दोषी को बचाने वाले नहीं हैं।


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