- कई शासकीय भवन होने के बावजूद शहर से 8 किलोमीटर दूर आयोजित किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम निजी होटल में
- पांच ब्लाकों का कार्यक्रम आनंद रिहंदम में,15 दिवस चलेगा प्रशिक्षण
- प्रशिक्षण में शामिल होने वालों को भी हो रही दूरी को लेकर दिक्कत
-ओंकार पाण्डेय-
सुरजपुर,24 जून 2024 (घटती-घटना)। सुरजपुर जिले में जिला पंचायत कार्यालय द्वारा प्राकृतिक खेती विषय पर कृषि सखियों का क्षमतावर्धन प्रशिक्षण एवम सर्टिफिकेशन हेतु प्रशिक्षण आयोजित किया गया है और जिसको लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जो एक तरफ शासकीय राशि के बेवजह खर्च को लेकर उठ रहा है वहीं प्रशिक्षणार्थियों के लिए दूरी को भी लेकर सवाल खड़ा हो रहा है और आवागमन को लेकर भी सवाल खड़ा हो रहा है। प्रशिक्षण ग्राम आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत आयोजित किया गया है और यह प्रशिक्षण कुल 15 दिनों तक चलेगा। प्रशिक्षण को लेकर यह सवाल भी उठ रहा है की जब जिला मुख्यालय में कई शासकीय भवन उपलध हैं वहीं कई छात्रावास भी उपलब्ध हैं जहां सभी सुविधा उपलब्ध है ऐसे में निजी होटल में प्रशिक्षण क्यों आयोजित किया गया क्यों निजी होटल का चुनाव प्रशिक्षण के लिए किया गया।
बता दें की जिले के पांच विकासखंडों के 175 कृषि सखियों का प्रशिक्षण होना है जो प्राकृतिक खेती के गुर सीखने आनंद रिहंदम होटल पहुचेंगे। जिला पंचायत सूरजपुर द्वारा प्रशिक्षण के लिए निजी होटल और वह भी शहर से 8 किमी दूर के होटल का चुनाव क्यों किया गया जहां आवागमन के लिए भी प्रशिक्षण में आने वालों के लिए दिक्कत होगी यह भी प्रश्न खड़े होंगे। माना जा रहा है की प्रशिक्षण के नाम पर शासकीय राशि का बंदरबांट किया जाएगा और इसीलिए शहर से दूर का निजी होटल प्रशिक्षण के लिए चुना गया है यह बताया जा रहा है। सुरजपुर जिले में यह अलग ही तरह का कारनामा है क्योंकि इसके पहले ऐसे प्रशिक्षण जिला मुख्यालय में ही आयोजित होते रहे हैं।
जिला पंचायत सीईओ की आखिर मनमानी क्यों चल रही है?
सुरजपुर जिले में जिला पंचायत सीईओ की मनमानी आखिर क्यों चल रही है यह भी सवाल उठ रहा है। बताया जा रहा है की जिला पंचायत सीईओ अपनी मनमानी करने में पीछे नहीं हट रहे हैं और जिसकी वजह से कई बार नुकसान की भी संभावना बनी रहती है और ऐसा ही मामला इस प्रशिक्षण का भी है जहां जिला पंचायत सीईओ की मनमानी के कारण जो प्रशिक्षण कम लागत में शासकीय भवन में वह भी जिला मुख्यालय में हो सकता था अब वह निजी होटल में आयोजित है जहां शासकीय राशि का बेवजह खर्च होना तय है।
कई शासकीय भवन फिर भी शासन को अपने कार्यक्रम के लिए निजी भवन का ही सहारा?
सूरजपुर जिले में ऑडिटोरियम, लाइब्लीवुड कॉलेज, मंगल भवन, सहित ऐसे कई स्थान है इसके बावजूद सूरजपुर जिले में शासकीय कार्यक्रम के लिए निजी संस्थाओं का सहारा लेना पड़ रहा है जो अपने आप में प्रशासन के लिए बड़ी विडंबना जैसी स्थिति है। प्रशासन के पास सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं इसके बावजूद जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर निजी होटल में प्रशिक्षण कार्यक्रम रखना सवाल के घेरे में है क्या प्रशासन का प्रशिक्षण कराने मात्र का स्वार्थ है या फिर होटल संचालक के साथ लंबी चौड़ी सेटिंग?