अम्बिकापुर/सुरजपुर@असफ़ाक 2 महीने पहले ही बने जीएसटी धारक…वहीं पिता पुत्र से चार महीने पहले बने जीएसटी धारक…फिर खाते से कैसे होता रहा करोड़ों का लेनदेन?

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ओंकार पाण्डेय –
अम्बिकापुर/सुरजपुर 29 अप्रैल 2024 (घटती-घटना)। जिले में असफाक उल्लाह का नाम अब ऐसा नाम है जो पहचान का मोहताज नहीं वहीं यदि यह कहा जाए की यह नाम पूरे प्रदेश में ख्याति प्राप्त नाम हो चुका है जो कहा जा सकता है और पूरे प्रदेश के लोग इस नाम से वाकिफ हैं। असफाक उल्लाह का नाम ऐसे ही ख्याति प्राप्त नहीं कर सका है। इसके पीछे की वजह भी काफी महत्वपूर्ण है, असफाक उल्लाह इसलिए प्रसिद्ध हैं क्योंकि वह लोगों का पैसा कम समय में दुगना कर देते हैं और जिसके कारण लोग उनके पास निवेश करते हैं वहीं असफाक उल्लाह के प्रसिद्ध होने के पीछे की दूसरी वजह यह भी है की वह विदेशी गाडि़यों में चलते हैं उनका रहन सहन उनके शौक महंगे हैं वहीं वह बेशकीमती चीजों के शौकीन हैं। अब यह तो उनकी प्रसिद्धि की बात हुई वहीं यह प्रसिद्धि उनकी संपन्नता से आई और यह संपन्नता उन्हे कैसे हासिल हुई यही महत्वपूर्ण एक विषय है जो यह बताता है की कहीं न कहीं आयकर विभाग, जीएसटी विभाग अन्य जिम्मेदार विभाग असफाक उल्लाह के मामले में मौन हैं और अनभिज्ञ बन रहे हैं जबकि खबर लगातार प्रकाशित हो रहे हैं और यह आशंका जाहिर की जा रही है की चिटफंड जैसा कोई व्यापार है यह जो जारी है जहां पैसा दोगुना किए जाने का लालच दिया जा रहा है। वैसे असफाक उल्लाह और उनके पिता के नाम से केजीएन हार्डवेयर नाम की फर्म है जिसमें असफाक उल्लाह के पिता फर्म के संचालक हैं। वैसे केजीएन फर्म का रजिस्ट्रेशन साथ ही उसका जीएसटी नम्बर हाल ही में जारी हुआ है जिसमे असफाक उल्लाह के पिता का जीएसटी हार्डवेयर रजिस्ट्रेशन कुछ माह पूर्व का है वहीं असफाक उल्लाह का जीएसटी रजिस्ट्रेशन इसी माह का है जबकि सूत्रों की माने तो उनका व्यवसाय वर्षों से जारी है और करोड़ों का लेनदेन वह अपने खातों से करते रहे हैं। वैसे पूरे मामले में सवाल यह उठता है की क्या जब बिना जीएसटी रजिस्ट्रेशन के करोड़ों का लेनदेन ट्रांजेक्शन होता रहा तब आयकर विभाग का ध्यान इस ओर क्यों नहीं गया?
आखिर आय से ज्यादा संपत्ती के मामले में विभाग मौन क्यों?
असफाक उल्लाह और उनके परिवार की संपत्ती हाल फिलहाल में काफी बढ़ी है। उनकी संपçा के गाडि़यां जिसमे विदेशी गाडियां हैं आभूषण हैं और अन्य अचल संपत्ती हैं जैसा सूत्रों का दावा है। अब कम समय में ज्यादा संपçा वह भी आय से ज्यादा संपçा अर्जित करने मामले में संबंधित विभाग मौन क्यों हैं यह बड़ा सवाल है। असफाक उल्लाह का साम्राज्य बढ़ता ही जा रहा है और हकीकत से सभी वाकिफ हैं की असल व्यवसाय क्या है। अब उसके बावजूद भी जिम्मेदार मौन हैं जो सोचने वाली बात है। सवाल यह भी उठता है की क्या असफाक उल्लाह ने सभी का जिम्मेदार लोगों का मुंह बंद कर दिया है जिसके कारण उनके ऊपर न कार्यवाही हो रही है न जांच ही उनके विरुद्ध हो पा रही है। वाहन से लेकर दुकान तक में इजाफ हुआ है।
समय पर लौट रहे पैसे इस वजह से बचे हुए हैं शिकायत से,जैसे ही पैसे की देनदारी में रुकावट आएगी… शिकायतों की लगेगी बौछार?
असफाक उल्लाह का व्यवसाय चिटफंड का है यह उसकी प्रवृत्ती से जाहिर है क्योंकि कम समय में पैसा दोगुना करना अन्य व्यवसाय में संभव नहीं है। असफाक उल्लाह का व्यवसाय फिलहाल इसलिए भी बिना शिकायत चल रहा है क्योंकि उनके पास पैसे निवेश करने भी लोग पहुंच रहे हैं वहीं वह इसी कारण निवेश करने वालों को समय पर पैसे वापस कर पा रहे हैं। उनका व्यवसाय तब प्रभावित होगा तब शिकायत होगी जब देनदारी में रुकावट आयेगी और ऐसा तब होगा जब निवेश कम होता चला जाएगा। वैसे माना जा रहा है की हाल फिलहाल में निवेश में कमी आई है और यदि यह कमी बरकरार रही तो जल्द ही शिकायत की बौछार होने वाली है वहीं तब जिम्मेदार विभाग क्या कार्यवाही करेगें अपनी पिछली उदासीनता को लेकर मामले में क्या तर्क देंगे जबकि वह चाहते कार्यवाही पहले हो जाती और लोगों का नुकसान होने से बच जाता। वैसे अभी भी समय है यदि असफाक उल्लाह के मामले में संबंधित जिम्मेदार विभाग ध्यान दें तो एक बड़ा रैकेट पकड़ा जा सकता है वहीं लोगों का पैसा डूबने से बचाया जा सकता है, वैसे असफाक खबर के बाद से काफी सतर्कता बरत रहे है फोन बी उठाना कम कर दिया है।
जीएसटी नंबर हाल में ही जारी हुए फिर भी पहले से होते रहा करोड़ों का ट्रांजेक्शन:सूत्र आखिर आयकर और जीएसटी विभाग क्यों रहा मौन?
असफाक उल्लाह और उनके पिता एक फर्म के संचालक हैं जिसमे उनके पिता का नाम संचालक के रूप में दर्ज है। असफाक उल्लाह और उनके पिता के नाम से संचालित फर्म का नाम केजीएन है और जिसका रजिस्ट्रेशन जीएसटी नम्बर हाल ही में प्राप्त हुआ है। असफाक उल्लाह के पिता का रजिस्ट्रेशन जहां कुछ माह पूर्व का है वहीं उनका खुद का इसी माह का रजिस्ट्रेशन है। ऐसे में सवाल यह उठता है की इसके पहले वह जो लाखों का करोड़ों का ट्रांजेक्शन करते रहे वह कैसे संभव हुआ और उसपर संबंधित जिम्मेदार विभाग की नजर क्यों नही पड़ी। वैसे सूत्रों की माने तो जीएसटी रजिस्ट्रेशन प्राप्त करने से पूर्व से ही असफाक उल्लाह का व्यवसाय बड़े स्तर पर जारी है और आर्थिक लेनदेन बड़े स्तर पर होता चला आ रहा है ऐसे में वह कैसे यह लेनदेन करते चले आ रहे हैं जिसपर किसी की नजर नहीं पड़ी यह बड़ा सवाल है। सूत्रों का यह भी कहना है की जांच होने पर बहुत बड़े मामले का खुलासा होगा जो अप्रत्याशित होगा।
खुश करके अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिसमें सभी का हिस्सा बंधा हुआ है और इसीलिए जिम्मेदार हैं मौन?
वैसे अब असफाक उल्लाह और उसके पिता के जीएसटी रजिस्ट्रेशन की कॉपी घटती-घटना के पास उपलध है जो यह साबित करता है की असफाक का व्यवसाय जीएसटी रजिस्ट्रेशन अभी प्राप्त कर सका है जबकि करोड़ों का लेनदेन वह करते आ रहे हैं। इस मामले में अब आयकर विभाग,जीएसटी विभाग अन्य सतर्कता विभाग सवालों के दायरे में हैं क्योंकि यदि असफाक उल्लाह और उनके पिता के फर्म को लेकर लगातार समाचार प्रकाशित हो रहा है जिसमे गड़बड़ी की आशंका जाहिर की जा रही है तो संबंधित सभी विभाग जांच क्यों नहीं कर रहे हैं मौन क्यों हैं बड़ा सवाल है। वैसे असफाक उल्लाह की संपत्ती भी काफी बढ़ी है हाल फिलहाल में और बताया जा रहा है की उन्होंने कई बेशकीमती संपत्ती अर्जित की है जो सूत्रों के हवाले से खबर है ऐसे में आय से अधिक संपत्ती का भी मामला उनके ऊपर बनता है जो जांच का ही विषय है। वैसे बताया जा रहा है वह सभी को खुश करके अपना व्यवसाय कर रहे हैं जिसमें सभी का हिस्सा बंधा हुआ है और इसीलिए जिम्मेदार मौन हैं।
व्यवसाय की आखिर कब होगी जांच,जो व्यवसाय लोगों को भी दे रहा बड़ा मुनाफा?
असफाक उल्लाह का व्यवसाय क्या है कोई नहीं जानता क्योंकि जो वह दिखाते हैं वह असल नहीं है वहीं जो असल है उसकी हकीकत कुछ लोग ही जानते हैं। उनके व्यवसाय की सबसे बड़ी खासियत यह है की उनका व्यवसाय लोगों को भी बड़ा मुनाफा दे रहा है शर्त केवल इतनी है की लोग उनके पास नकद निवेश करें। अब ऐसा कौन सा व्यवसाय है जहां नकद निवेश पर निश्चित मुनाफा वह भी दुगना मुनाफा कम नहीं समय में असफाक उल्लाह प्रदान कर रहे हैं यह जांच का विषय हो सकता है। वैसे असफाक उल्लाह के मामले में कब जांच होगी कब उनका व्यवसाय क्या है सही है गलत है साबित होगा यह अभी बड़ा प्रश्न है। असफाक उल्लाह फिलहाल लोगों का पैसा दोगुना लगातार कर रहे हैं लोगों को वह अपने प्रभाव में बनाए हुए हैं और यह प्रभाव कब तक बना रहेगा कब तक मामले की जांच नहीं होगी कब तक जिम्मेदार विभाग मौन रहेंगे यह देखने वाली बात होगी।
सिर्फ बिल बेचते हैं व्यापार के नाम पर
दुकान तो काफी आलीशान व बड़ा बनाया गया है पर इस दुकान में सामान से ज्यादा कुछ बिकता है तो जीएसटी वाला बिल, जीएसटी वाले बिल की कहानी भी कुछ अजीबोगरीब है सामान मत लिजिए और उसके एवज में आपको बिल मिल जाएगा, ताकि आप जहां चाहे वहां बिला लगा सकते हैं यदि इनके जीएसटी बिल की भी जांच की जाए तो देखा जाएगा कि सरगुजा संभाग के बाहर के लोग इनसे जीएसटी बिल खरीदते हैं अब समझ में यह नहीं आता है कि आखिर क्या सरगुजा के बाहर के लोगों को वहां पर हार्डवेयर दुकान नहीं मिलती जो यहां से बिल लेने शिवप्रसादनगर आते है यह भी एक जांच का विषय है इस पर भी यदि संबंधित विभाग जांच करें तो परत दर परत कई राज खुलेंगे।
आयकर विभाग व जीएसटी विभाग की कार्यवाही का इंतजार
आयकर विभाग और जीएसटी विभाग असफाक उल्लाह मामले में प्रकाशित खबरों से वाकिफ नहीं होंगे यह कहना सही नहीं होगा। अब आयकर विभाग जीएसटी विभाग कब कार्यवाही करते हैं यह देखने वाली बात होगी। वैसे असफाक उल्लाह मामले में उनके व्यवसाय की जांच यदि आयकर विभाग जीएसटी विभाग करता है बहुत बड़ा मामला सामने आएगा यह तय है।। सूत्रों की माने तो करोड़ों अरबों का खेल समाने आने की पूरी संभावना है।


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