कोरबा/कोरिया@क्या कोरबा लोकसभा से अमित जोगी भी हो सकते हैं भाजपा के लोकसभा उम्मीदवार?..भाजपा में कोरबा से बढ़ते उम्मीदवारों की संख्या कि भाजपा के लिए मुसीबत तो नही?

Share

  • कांग्रेस से सिर्फ एक दावेदार पर भाजपा से कई दावेदार।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई जोगी कांग्रेस प्रमुख अमित जोगी की मुलाकात।
  • चर्चा का बाजार गर्म मरवाही क्षेत्र को माना जाता है जोगी का गढ़।
  • कोरबा लोकसभा में शामिल है मरवाही विधानसभा,यहां से इस बार भाजपा समर्थित प्रणव कुमार मरपच्चि चुने गए हैं विधायक।
  • क्या होगा जोगी कांग्रेस का भाजपा में विलय?
  • भाजपा से कोरबा लोकसभा के लिए अन्य भी हैं दावेदार,दावेदारों की संख्या आधा दर्जन।
  • प्रबल प्रताप सिंह जूदेवजोगेश लांबा,विकास महतोदेवेंद्र पाण्डेयहितानंद अग्रवालसंजय अग्रवालडॉक्टर राकेश शर्मारेवा यादव हैं दावेदार।
  • अमित जोगी कोरबा लोकसभा से यदि घोषित हुए भाजपा प्रत्याशी,भाजपा से अन्य दावेदारों को लगेगा झटका।

-रवि सिंह-
कोरबा/कोरिया 10 जनवरी 2024 (घटती-घटना)। कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में अमित जोगी भी प्रत्याशी घोषित किए जा सकते हैं पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र साथ ही जनता जोगी कांग्रेस के प्रमुख अमित जोगी की हाल में ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई मुलाकात के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं। लोकसभा चुनाव सामने हैं और कोरबा लोकसभा सहित छत्तीसगढ़ के पांच अन्य लोकसभा में भाजपा प्रत्याशियों की सूची पहले जारी कर सकती है ताकि प्रत्याशियों को तैयारी करने के लिए समय मिल सके, पर भाजपा में लोकसभा उम्मीदवारों की बढ़ती दावेदारी ने बीजेपी के लिए ही समस्या न खड़े कर दें कोरबा लोकसभा से कई दावेदार लोकसभा प्रत्याशी के लिए दावेदारी कर रहे हैं पर मिलाना किसी एक कोई है अब किस प्रत्याशी पर भाजपा मोहर लगती है यह आने वाला समय तय करेगा।
बता दें की अमित जोगी मरवाही क्षेत्र के रहने वाले हैं और कोरबा लोकसभा क्षेत्र में मरवाही विधानसभा भी शामिल है वहीं मरवाही विधानसभा में जोगी परिवार को एक तरफा कभी समर्थन मिला करता था जिसको देखते हुए ऐसा निर्णय भाजपा ले सकती है जैसा माना जा रहा है। वहीं अमित जोगी के कोरबा लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ने के पीछे यह भी एक कारण माना जा रहा है की जोगी कांग्रेस का विलय करते हुए अमित जोगी भाजपा प्रवेश कर सकते हैं वहीं वह लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारी मांग सकते हैं वह भी कोरबा लोकसभा सीट से । अब देखना है की क्या ऐसा होता है या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात सौजन्य मुलाकात ही और इस मुलाकात का जोगी जनता कांग्रेस के भाजपा में विलय से कोई लेना देना नहीं है। वैसे जनता जोगी कांग्रेस प्रमुख अमित जोगी यदि अपनी पार्टी का भाजपा में विलय करते हैं वहीं वह कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाए जाते हैं तो ऐसे में भाजपा से कोरबा लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनने का सपना देख रहे आधा दर्जन लोगों को निराश होना पड़ेगा वहीं उनकी तैयारी भी धरी की धरी रह जाएगी।
प्रबल की दावेदारी प्रबल?
प्रबल प्रताप सिंह जूदेव वर्तमान दायित्व प्रदेश मंत्री जो जशपुर नगरपालिका उपाध्यक्ष से  अपना राजनैतिक कैरियर की शुरुआत कर जिला पंचायत जशपुर के उपाध्यक्ष बने। पार्टी द्वारा युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाकर साथ साथ रायगढ़ जिला प्रभारी का दायित्व दिया गया। वर्तमान में प्रदेश मंत्री का दायित्व है संयुक्त कोरिया जिला के तीनो विधान सभा मनेंद्रगढ़, भरतपुर सोनहत एवं बैकुंठपुर के प्रभारी रहते हुए बहुत चर्चित रहे। वर्तमान में बैकुंठपुर जिला प्रभारी का दायित्व है। वर्तमान विधानसभा चुनाव में कोटा विधानसभा के प्रत्यासी के रूप में पूर्व के भाजपा वोट प्रतिशत को डेढ़ गुना करने में सफल रहे। इसके अतिरिक्त अपने पिता स्व दिलीप सिंह जूदेव के नक्शे कदम पर चलकर धर्मांतरित हिंदुओं की अखिल भारतीय स्तर पर घर वापसी कार्यक्रम के माध्यम से पुनः हिंदू बनाने का कार्य सतत करते रहते हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में इन्हें हिंदुत्व का एक बड़ा चेहरा माना जाता है और युवाओं में ये बहुत लोकप्रिय हैं। इन्होंने लगभग 17 हजार परिवारों की अबतक घरवापसी करवायी है।सीमावर्ती राज्यों में भी ये काफी लोकप्रिय हैं।
यह भी है दावेदार
कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार बनने के लिए जो आधा दर्जन लोग प्रयासरत हैं उनमें पूर्व महापौर कोरबा जोगेश लांबा, कोरबा के ही विकास महतो, देवेंद्र पाण्डेय, हितानन्द अग्रवाल, योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, डॉक्टर राकेश शर्मा, सहित बैकुंठपुर के ही रेवा यादव का नाम शामिल है जिन्हे जोर का झटका लग सकता है यदि लोकसभा उम्मीदवार अमित जोगी बनाए जाते हैं। वैसे सभी दावेदारों में से बेहतर दावेदार की बात की जाए जिसपर भाजपा दांव लगा सकती है तो वह कौन होगा यह भाजपा का शीर्ष नेतृत्व ही तय करेगा। अभी जितने लोग भी प्रयासरत हैं वह अपनी खुद की मंशा को लोगों के सामने रख रहे हैं वहीं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के सामने रख रहे हैं जबकि अभी किसी का नाम तय नहीं है।
भाजपा से जिसे भी मौका मिलेगा उसे मोदी नाम का सहारा मिलना तय है
भाजपा से जिसे भी मौका मिलेगा उसे मोदी नाम का सहारा मिलना तय है यह सभी दावेदारी की चाह रखने वाले जान रहे हैं इसलिए सभी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं वहीं भाजपा अपने लिए जिताऊ साथ ही साफ सुथरी छवि का उम्मीदवार तलाशेगी वहीं वह ऐसे ही उम्मीदवार पर दांव लगाएगी जो मोदी लहर में अपनी नैया पार लगाने में सक्षम साबित हो सके। कोरबा लोकसभा से भाजपा उम्मीदवार बनने के लिए जितने लोग भी प्रयासरत हैं सभी संपन्न लोग हैं वहीं सभी चुनाव में अपने लिए संसाधन जुटाने में भी सक्षम हैं,सभी अपने लिए लगातार मैदान भी तैयार कर रहे हैं और लगातार वह क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं ,कुल मिलाकर सभी अपने अपने स्तर पर अपना प्रचार अभियान आरंभ कर चुके हैं और अनारक्षित सीट होने की वजह से इस सीट से उम्मीदवारी और बढ़ेगी ऐसी भी उम्मीद है।
कोरबा लोकसभा की भौगोलिक स्थिति
प्रदेश के पावर कैपिटल के रूप में प्रसिद्व कोरबा लोकसभा सीट पर सभी पार्टियों की नजर है,वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद कोरबा निर्वाचन क्षेत्र अस्तित्व में आया था उसके बाद संपन्न हुए लोकसभा के चुनाव यहां की जनता ने पहली बार डॉ. चरणदास महंत को सांसद चुना था उन्होने भाजपा प्रत्याशी करूणा शुक्ला को हराया था,इसके बाद 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डॉ. बंशीलाल महतो ने डॉ. चरणदास महंत को परास्त किया था। 2019 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से श्रीमती ज्योत्सना महंत उम्मीदवार थी जबकि भाजपा की ओर से ज्योतिनंद दुबे मैदान में थे इस चुनाव में श्रीमती महंत को जीत मिली थी। कोरबा लोकसभा सीट चार जिले मे फैली है,कोरबा जिले की चार विधानसभा कोरबा, कटघोरा, रामपुर व पाली तानाखार, बिलासपुर जिले की मरवाही,एमसीबी जिले की मनंेद्रगढ व भरतपुर सोनहत,कोरिया जिले की बैकुंठपुर विधानसभा इसमें शामिल है। इनमें कोरबा,कटघोरा,मनेंद्रगढ और बैकुंठपुर सामान्य सीट हैं जबकि बाकी रिजर्व सीट हैं।
लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का है दबदबा
इस लोकसभा क्षेत्र में संपन्न हुए चुनाव में दो बार कांग्रेस का कब्जा हुआ है जबकि एक बार भाजपा के डॉ. बंशीलाल महतो मोदी लहर के बावजूद महज 4500 वोट से जीत दर्ज कर पाए थे। उसके बाद 2019 के चुनाव में ज्योतिनंद दुबे को लंबी हार का सामना करना पड़ा था। हलांकि पिछली बार प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और इस लोकसभा अंतर्गत सात विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा था। 2019 में हारी हुई यह लोकसभा सीट पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व पिछले दो साल से नजर जमाए हुए है,इस बार स्थिति भाजपा के पक्ष में नजर आ रही है। विधानसभा क्षेत्र भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ, बैकुंठपुर, कटघोरा,कोरबा,मरवाही मिलाकर कुल 6 सीट पर भाजपा के विधायक निर्वाचित हुए हैं जबकि रामपुर सीट पर कांग्रेस एवं पाली तानाखार से गोंगपा के विधायक निर्वाचित हुए हैं। भाजपा वोटों के लिहाज से इस क्षेत्र में मजबूत नजर आ रही है।
लोकसभा चुनाव के लिए कोरबा लोकसभा से भाजपा के पास कई दावेदार, मौका किसी एक को
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कोरबा सीट से भाजपा के पास कई दावेदार सामने हैं,सभी दावेदार मजबूत भी हैं किसी को कमजोर कहना गलत होगा क्योंकि सभी अपने अपने जगह जनता से जुड़ाव कायम रखते चले आ रहे हैं,भाजपा किसी साफ सुथरी छवि वाले प्रत्याशी को ही मौका देगी जो जितने योग्य भी हो ऐसा माना जा रहा है वहीं इस सीट पर दावेदारों के जितने नाम सामने आ रहे हैं उनमें से कुछ नाम संघ पृष्ठभूमि से भी हैं जिसका भी ध्यान टिकट वितरण में रखा जायेगा ऐसा माना जा रहा है। अब देखना है की किसे पार्टी मौका देती है। वैसे कोरबा लोकसभा सीट से अमित जोगी को क्या भाजपा मौका देगी यदि उनकी पार्टी का विलय भाजपा में होता है तो ऐसे में कई दावेदारों को झटका लग सकता है जो वर्षों से पार्टी के लिए काम करते चले आ रहे हैं वहीं कई तो निर्वाचित होकर भी पार्टी टिकट पर सेवा देते चले आए हैं और अब उन्हे लोकसभा टिकट की चाह है।छत्तीसगढ़ के 6 सीटों पर भाजपा पहले ही प्रत्याशी कर सकती है घोषित
भाजपा इस बार लोकसभा चुनाव में पुनः केंद्र में सरकार बनाने के लिहाज से जहां चुनावी मैदान में उतरेगी वहीं छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से वह 6 सीटों पर जल्द ही प्रत्याशी घोषित कर सकती है ऐसा माना जा रहा है। भाजपा प्रत्याशियों को ज्यादा दिन प्रचार का मौका देकर उन्हें मजबूत स्थिति में आने के हिसाब से ऐसा कर सकती है। जिस तरह विधानसभा चुनाव के दौरान देखा गया था की कई प्रत्याशियों को जल्द टिकट प्रदान कर दिया गया जिसका परिणाम भी सुखद आया वैसा ही प्रयोग पार्टी लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण कर सकती है।
क्या ज्यादा दावेदार बीजेपी के लिए मुसीबत?
कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा के समाने दावेदारों की लंबी लिस्ट सामने है,कई लोगों की दावेदारी जो सामने भी लगातार देखने को मिल रही है को देखकर यह भी माना जा रहा है की कहीं ज्यादा दावेदार भाजपा के लिए मुसीबत का सबब न बन जाएं क्योंकि टिकट किसी एक को ही मिलना है वहीं दावेदार आधा दर्जन से भी अधिक होने जा रहे हैं और ऐसे में किसे मौका मिलेगा किस किस को मौका नहीं मिलेगा और अन्य के लिए काम करना पड़ेगा यह देखने वाली बात होगी।
क्या प्रत्याशियों के भीड़ में गुम हो जाएंगे बैकुंठपुर के डॉक्टर शर्मा,जो हैं भाजपा से लोकसभा चुनाव में कोरबा सीट से दावेदार?
वैसे दावेदारों की भीड़ में बैकुंठपुर से भी एक दावेदार का नाम शामिल है जो डॉक्टर शर्मा का नाम है। डॉक्टर शर्मा वैसे तो पहले केवल अपने आप में ही सीमित रहने वाले व्यक्ति थे और जो अब राजनीति में अपना भाग्य आजमाना चाहते हैं लगातार खुद को कोरबा लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में समाने प्रस्तुत कर रहे हैं। डॉक्टर शर्मा की दावेदारी विगत दो वर्षों से देखी जा रही है जो गाहे बगाहें पहले देखने को मिलती थी अब जबसे लोकसभा चुनाव का समय करीब आने को है उनकी सक्रियता बढ़ी हुई है। अब देखना है की कई दावेदारों के बीच डॉक्टर शर्मा लोकसभा में अपनी टिकट भाजपा में पक्की करा पाते हैं या फिर उनकी जगह भाजपा किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट देती है जो पार्टी में लंबे समय से जुड़ा हुआ हो,जिताऊ हो,साथ ही साफ सुथरी छवि का हो।


Share

Check Also

कबीरधाम@ आकाशीय बिजली की चपेट में आकर दम्पत्ति की मौत

Share कबीरधाम,20 मई 2025 (ए)। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में प्री मानसून के पहले हो …

Leave a Reply