नई दिल्ली@हीन भावना को जड़ से उखाड़ना ही सच्ची आजादी हैःअमित शाह

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नई दिल्ली, 05 अगस्त 2022। केद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत अपनी आजादी के 75वे साल मे एक लबी छलाग लगाने के लिए तैयार है और भारत को अब महान राष्ट्र बनने से कोई नही रोक पायेगा। उन्होने कहा कि विदेशी शक्तिया भारत पर राज करने मे इसलिए सफल हुई कि वह हमारे अदर हीन भावना पैदा करने मे सफल रही। आजादी का सही मायने यही होगा कि हम इस हीन भावना को जड़ से उखाड़ फेके।
आजादी का जश्न मनाने के लिए मेगा धारावाहिक का शुभारभ
गृह मत्री शाह आजादी की 75वी वर्षगाठ को मनाने के लिए दूरदर्शन द्वारा बनाए गए एक मेगा धारावाहिक ‘स्वराज – भारत के स्वतत्रता सग्राम की समग्र गाथा का शुभारभ करने के बाद सबोधित कर रहे थे। इस 75 एपिसोड के मेगा शो मे भारतीय इतिहास से जुड़ी भूली जा चुकी कहानियो को दिखाया जाएगा। इसका प्रसारण दूरदर्शन पर 14 अगस्त से हिदी और स्थानीय भाषाओ मे किया जाएगा।
आजादी के बाद भारत की शासन-व्यवस्था मजबूत
शाह ने कहा कि आजादी के बाद से ही भारत की शासन-व्यवस्था काफी बेहतर रही है और इसने अनेको उपलçधया हासिल की है। उन्होने कहा कि केद्र की साा मे जो भी आया है उसने देश को आगे बढ़ाया है। हम सभी का सम्मान करते है। उन्होने पूछा कि हम शतादी साल मे अपनी भाषाओ की रक्षा नही कर सकते तो क्या हम असल स्वराज्य के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
हमारे बीच हीन भावना पैदा की गई
केद्रीय गृह मत्री ने कहा कि भारतीय सभ्यता कई हजार सालो से है और देश को इसकी सस्कृति के बारे मे बताने के लिए किसी दूसरे गैर सरकारी सगठन (हृत्रह्र) की कोई जरूरत नही है। उन्होने कहा, ‘जिन्होने हम पर राज किया उन्होने हमारे देश के सबसे बढि़या सिस्टम को बर्बाद कर दिया। शासन करने वाले जानते थे कि हम उनसे काफी बेहतर है इसलिए उन्होने हम सभी मे हीन भावना पैदा की और हम पर राज किया। हमारे ऊपर राज करने वाले लोगो ने गलत अफवाह फैलाई कि हम अनपढ़ थे। उन्होने पूछा कि इस देश ने विश्व को गीता, वेद, जीरो और एस्ट्रोनॉमी दिया वह अनपढ़ कैसे हो सकता है। सबोधन के दौरान शाह ने उम्मीद जताई की टीवी सीरियल स्वराज देश को हीन भावना से मुक्ति दिलाएगा और युवाओ को देश के इतिहास पर गौरवान्वित कराएगा।
स्थानीय
भाषाओ
पर जोर
शाह ने इस दौरान हैरानी जताते हुए कहा कि भारत स्वतत्रता की शतादी की ओर बढ़ रहा है और भारत मे स्वराज के सच्चे आदर्शो को स्थानीय भाषाओ, सस्कृति और इतिहास की रक्षा किए बिना नही पाया जा सकता है। उन्होने कहा कि स्वराज का असली मतलब यह है कि भारत को उसी तरह चलाना है जैसे भारतीय इसको चलाना चाहते है। इसमे हमारी स्थानीय भाषाए, धर्म, सस्कृति के साथ-साथ हमारी कालए भी शामिल है।


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